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Anuj Kumar Sinha

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Jharkhand Election: जेपी ने दिया था झारखंड पार्टी व सोशलिस्ट पार्टी के तालमेल का...

Jharkhand Election: जयप्रकाश नारायण ने जयपाल सिंह की अगुवाई वाली पार्टी को प्रस्ताव दिया था कि चुनाव में वह सोशलिस्ट पार्टी का साथ दे और मिल कर चुनाव लड़े. लेकिन यह बात नहीं बन सकी.

Jharkhand Assembly Election 2024: जब पिता को हराकर पुत्र बना विधायक, जयपाल सिंह मुंडा...

Jharkhand Assembly Election 2024: साल 1951-52 के झारखंड विधानसभा चुनाव में एक पुत्र अपने पिता को हराकर विधायक बना था. कहानी कैलाश प्रसाद की है.

Jharkhand Chunav: कौन थे झारखंड के पहले कुड़मी नेता, जानें उनका चुनावी सफर

Jharkhand Chunav: जगन्नाथ महतो झारखंड के पहले कुड़मी नेता थे. उन्हें 1952 के विधानसभा चुनाव में जयपाल सिंह ने सोनाहातु प्रत्याशी बनाया था. उन्होंने कांग्रेस के प्रताप चंद्र मित्र को हराया था.

कौन हैं कामाख्या नारायण सिंह जिन्होंने छह सीटों से चुनाव लड़ा था और चार...

1952 पहली बार बिहार विधानसभा का चुनाव हुआ था, तो कामाख्या नारायण सिंह ने छोटानागपुर में छह सीटों से चुनाव लड़ा था और इनमें से बगोदर, पेटरवार, गोमिया और बड़कागांव यानी चार सीटों से वे चुनाव में विजयी हुए थे.

Gua Golikand: सरकार ने तीर-धनुष पर लगा दिया था प्रतिबंध, इंदिरा गांधी को करना...

Gua Golikand: बिहार सरकार ने 1980 में गुवा गोलीकांड के बाद आदिवासियों के तीर-धनुष रखने पर प्रतिबंध लगा दिया था. इंदिरा गांधी को हस्तक्षेप करना पड़ा था.

क्षेत्रीय अखबारों का बढ़ता महत्व

पाठकों के बीच क्षेत्रीय अखबारों की पैठ यूं ही नहीं बनी है. अखबारों ने इसके लिए काफी काम किया है. दरअसल पाठकों ने महसूस किया कि राष्ट्रीय अखबारों ने उनकी जरूरत को बेहतर तरीके से या तो समझा नहीं है या समझने के बाद भी किसी कारण उसे उतना महत्व नहीं दिया, जितना पाठक उससे अपेक्षा करते थे.

Prabhat Khabar 40 Years: जब सूचना के अधिकार के बारे में बताने के लिए...

प्रभात खबर ने सूचना के अधिकार का पत्रकारिता में जोरदार प्रयोग किया. इसके लिए अलग से एक संवाददाता की नियुक्ति की गयी थी.

Prabhat Khabar 40 Years : प्रभावशाली रहा है प्रभात खबर का मतदाता जागरूकता अभियान,...

प्रभात खबर मतदाता जागरूकता अभियान बेहद प्रभावशाली रहा था. झारखंड बनने के पहले से ही इसकी शुरुआत हो चुकी थी. 2014 के विधानसभा चुनाव में प्रभात खबर ने बड़ी भूमिका अदा की थी.

Prabhat Khabar 40 Years: जब प्रभात खबर के प्रयास से नक्सलियों के कब्जे से...

19 फरवरी को डुमरिया में प्रभात खबर के प्रतिनिधि को किसी के हवाले से यह सूचना आयी कि नक्सली बीडीओ को रिहा करने के लिए तैयार हैं, लेकिन एक शर्त है. प्रभात खबर का कोई वरीय पत्रकार जंगल में आये.
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