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Ashutosh Chaturvedi
मीडिया जगत में तीन दशकों से भी ज्यादा का अनुभव. भारत की हिंदी पत्रकारिता में अनुभवी और विशेषज्ञ पत्रकारों में गिनती. भारत ही नहीं विदेशों में भी काम करने का गहन अनुभव हासिल. मीडिया जगत के बड़े घरानों में प्रिंट के साथ इलेक्ट्रॉनिक पत्रकारिता का अनुभव. इंडिया टुडे, संडे ऑब्जर्वर के साथ काम किया. बीबीसी हिंदी के साथ ऑनलाइन पत्रकारिता की. अमर उजाला, नोएडा में कार्यकारी संपादक रहे. प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के साथ एक दर्जन देशों की विदेश यात्राएं भी की हैं. संप्रति एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के सदस्य हैं.
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Opinion
गांवों से शहरों को पलायन की चुनौती
पहले हमारी 20 प्रतिशत आबादी शहरों में रहती थी, जबकि 80 फीसदी आबादी गांवों में थी. अब शहरी आबादी 30 प्रतिशत है, जबकि ग्रामीण इलाकों में 70 फीसदी लोग रह रहे हैं. जो तथ्य सामने हैं, उनके अनुसार गुजरात जैसे विकसित राज्य में 48 प्रतिशत शहरीकरण हो चुका है और 2035 तक यह 60 प्रतिशत को पार कर जायेगा.
Opinion
अलमारी के शीशों में बंद किताबें
साहित्य उत्सव के माध्यम से कोशिश हो रही है कि साहित्यकारों को एक स्थायी मंच मिल सके और पठन-पाठन को लेकर कुछ हलचल बढ़ सके. दिल्ली के एक ऐसे ही आयोजन का फलक तो इतना बड़ा हो गया है कि उसका आयोजन एक स्टेडियम में किया जाने लगा है और उसमें प्रवेश के लिए टिकट लगने लगा है.
Badi Khabar
प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी काम आयी, पढ़ें चुनाव परिणाम पर यह खास लेख
2024 से पहले का हरेक विधानसभा चुनाव आपको लोकसभा चुनाव की ऊपरी सीढ़ी के नजदीक ले जाता है. भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक और सीढ़ी सफलतापूर्वक चढ़ गये हैं.
Badi Khabar
समाज में अहम है साहित्य की भूमिका
तकनीक ने अभिव्यक्ति का आयाम बदल दिया है. यह सर्वविदित है कि साहित्य में एक जीवन दर्शन होता है और यह सृजन का महत्वपूर्ण हिस्सा है. साहित्य की समाज में एक छोटी, मगर महत्वपूर्ण भूमिका है.
Opinion
सड़क दुर्घटनाओं की अनदेखी करता समाज
ट्रैफिक नियमों की अनदेखी जैसे हमारे समाज में रची बसी है. रात में तो ट्रैफिक नियमों का कोई अर्थ ही नहीं रह जाता है. नाबालिगों का वाहन चलाना और उल्टी दिशा में वाहन चलाना एक आम बात है.
Opinion
नारायण मूर्ति की सलाह पर उठते सवाल
मूर्ति ने कहा कि युवाओं को अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए अतिरिक्त काम करना चाहिए. उन्होंने भारत की तुलना चीन, जापान और जर्मनी से करते हुए कहा कि भारत की कार्य उत्पादकता दुनिया में सबसे कम उत्पादक देशों में से एक है.
Opinion
नारी के प्रति सम्मान की चेतना की जरूरत
महिलाओं को जब भी मौका मिला है, उन्होंने कमाल कर दिखाया है, लेकिन देखने में आया है कि नवरात्र के दौरान उपजा आदर का यह भाव कुछ समय तक ही रहता है. महिला उत्पीड़न की घटनाएं बताती हैं कि हम जल्द ही इसे भुला देते हैं. यह अवधारणा अचानक प्रकट नहीं हुई है.
Opinion
इस्राइल-फिलीस्तीन संघर्ष और भारत
प्रधानमंत्री मोदी पहले कार्यकाल में इस्राइल की यात्रा करना चाहते थे, लेकिन विदेश मंत्रालय मध्य पूर्व के देशों की प्रतिक्रिया को लेकर सशंकित था. काफी विमर्श के बाद यह तय हुआ कि तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी पहले यात्रा करेंगे और इससे प्रतिक्रिया का अंदाजा लगेगा.
Opinion
भारत के लिए जीत का सुनहरा मौका
हाल के एशिया कप को छोड़ दें, तो इस बात पर चिंतन की जरूरत है कि 2011 के बाद हम कोई बड़ा टूर्नामेंट क्यों नहीं जीत सके हैं. आज भारत के पास गेंदबाजी के कई विकल्प हैं. बल्लेबाजी में भी गहराई है. एक कमी मुझे टीम में श्रेष्ठ ऑल-राउंडरों की लगती है.