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जबरन जमीन अधिग्रहण के विरोध में 31 जुलाई को कोल्हान बंद का आह्वान

सरायकेला के तितिरबिला चौक में शुक्रवार की शाम को रैयतीदार व आदिवासी सामाजिक संगठनों ने डीसी, एसडीओ, भूअर्जन पदाधिकारी, पथ निर्माण विभाग के पदाधिकारी, सरायकेला थाना प्रभारी व सरायकेला अंचलाधिकारी का पुतला दहन किया गया.

जमशेदपुर प्रखंड मुख्यालय में 16 स्कूल के 600 छात्र-छात्राओं को साईकिल बांटा गया

4 विधानसभा पोटका, जुगसलाई, जमशेदपुर पूर्वी एवं जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 16 विद्यालयों के 600 छात्र-छात्राओं के बीच साइकिल का वितरण किया गया. वहीं 15 लाभुकों को मुख्यमंत्री पशुधन योजना से 75 बकरा-बकरी का वितरण एवं सभी 55 पंचायतों के लिए फुटबॉल खेल किट का वितरण किया गया.

संविधान व जनतंत्र को नहीं मानते वंशानुगत माझी व परगना बाबा, पढ़ा-लिखा व योग्य...

आदिवासी सेंगेल अभियान ने आदिवासी स्वशासन व्यवस्था के नाम पर वंशानुगत नियुक्त माझी बाबा, पारानिक बाबा, परगना बाबा व देश परगना बाबा के खिलाफ एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. साथ ही उनके विरोध में जमकर नारेबाजी भी की. दिशोम सेंगेल परगना सोनाराम सोरेन ने कहा कि वंशानुगत स्वशासन व्यवस्था के प्रमुख संविधान और जनतंत्र को नहीं मानते हैं.

ग्रामीणों ने आषाढ़ी पूजा कर अच्छी बारिश व फसल के लिए देवी-देवताओं से की...

तालसा गांव में आषाढ़ी पूजा की गयी. गांव के माझी बाबा दुर्गाचरण मुर्मू के नेतृत्व में नायके बाबा (पुजारी) हाबीराम मुर्मू द्वारा पूजा की गयी. नायके बाबा ने आषाढ़ी पूजा में ग्राम के देवी- देवताओं का आह्वान किया. ग्रामीणों ने देवी-देवताओं के चरणों में नतमस्तक होकर अच्छी बारिश व फसल की कामना की.

धरना प्रदर्शन पर बैठने से रोकना को ग्रामीणों ने बताया लोकतांत्रिक व्यवस्था का हनन

चालियामा मौजा में बिना ग्रामसभा की सहमति व बिना जनसुनवाई किये ही कंपनी खोलने के विरोध में बुधवार को राजनगर प्रखंड सह अंचल कार्यालय के सामने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करने वाले थे. लेकिन एसडीओ कार्यालय से धरना प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी. इसपर ग्रामीणों ने नाराजगी जताया है.

चाईबासा में आयोजित आदिवासी युवा महोत्सव में देशभर के 2500 युवाओं का होगा जुटान

आज के समय में लोग व्यक्तिगत रूप से आर्थिक और शैक्षणिक क्षेत्र में तो प्रगति कर रहे हैं, लेकिन उनकी अपनी मूल-संस्कृति से दूरी बढ़ती जा रही है. यह एक गंभीर समस्या है. लोग आजकल अपनी भाषा और संस्कृति के लिए समय नहीं निकाल पाते और गैर आदिवासियों की सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियों की ओर आकर्षित हो रहे हैं. मूल-संस्कृति हमारी पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.

जमशेदपुर में खरकई नदी का घटता जलस्तर: एक गंभीर संकट

नदी में पानी का जलस्तर घट जाने के कारण बहाव क्षेत्र खेल का मैदान में तब्दील हो गया है. कई जगहों में नदी बच्चे खेलते भी हैं. इस वर्ष जुलाई महीने में भी बारिश नहीं हुई है, जिसके कारण खरकई नदी का जलस्तर बहुत ही कम हो गया है. पानी का बहाव केवल बीच में सिमट कर रह गया है.

ग्रामीणों ने देवी-देवताओं से की अच्छी बारिश की प्रार्थना

खोड़ीपहाड़ी पहाड़ की पूजा एक ऐसा पर्व है जो न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक बंधनों को भी मजबूत करता है. यह पूजा क्षेत्र के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन है. यहां वे अपने देवी-देवताओं के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति प्रकट करते हैं.

गांव में बदलाव की बयार, नावा जुवान जूमिद अखड़ा ने पहली बार में ही...

एक समय था जब लोग रक्तदान से कतराते थे, उन्हें यह डर रहता था कि रक्तदान से कमजोरी आएगी या स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ेगा. लेकिन अब यह मिथक टूट चुका है. लोग समझ चुके हैं कि रक्तदान से न केवल किसी जरूरतमंद की जान बचाई जा सकती है, बल्कि इससे रक्तदाता के स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
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