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डॉ अश्विनी

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आत्मनिर्भरता से ही चीन को सबक

भारत की प्रतिभा और क्षमता पर किसी को संदेह नहीं होना चाहिए. चीन के आयातों से देश में उद्योगों के पतन, बढ़ती बेरोजगारी और गरीबी पर भी विचार करना होगा.

बेअसर होते अमेरिकी प्रतिबंध

अमेरिका और यूरोप के देशों ने रूस को अपनी भुगतान प्रणाली ‘स्विफ्ट’ से प्रतिबंधित कर दिया, लेकिन रूस की रणनीति ने अमेरिका की अपेक्षाओं पर पानी फेर दिया. आज अमेरिका और यूरोपीय देश भारी आर्थिक संकट में घिरते दिख रहे हैं.

सबक लेने की दरकार

इटली में चीन के बाद सबसे ज्यादा लोग मरे हैं और उसके बाद सबसे ज्यादा मरनेवालों की संख्या ईरान में है. इटली और ईरान में इस संक्रमण के फैलने में चीन के ‘वन बेल्ट वन रोड’ परियोजना का बड़ा हाथ है.

सख्ती से हो लॉकडाउन का पालन

आज पूरी दुनिया बड़ी महामारी के दौर से गुजर रही है. वर्ष 1918 के स्पेनिश फ्लू के एक सदी के बाद विश्व एक ऐसे मोड़ पर खड़ा है, जहां अमेरिका, इटली, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा जैसे विकसित देशों के लोग भी लगभग असहाय स्थिति में दिख दे रहे हैं.

रेटिंग एजेंसियां भरोसेमंद नहीं

कुछ दिन पहले अंतरराष्ट्रीय एजेंसी मूडीज ने भारतीय बैंकों के दृष्टिकोण को स्थिर से बदलकर ऋणात्मक घोषित कर दिया है. उसका कहना है कि कोरोना वायरस की त्रासदी के चलते होनेवाली हानि के चलते भारतीय बैंकों की परिसंपत्तियों की गुणवत्ता बिगड़नेवाली है.

दुनिया में बढ़ रही भारत की साख

कोरोना महामारी के पहले से ही अमेरिका ने चीन के विरोध में व्यापार युद्ध छेड़ रखा था. अमेरिकी राष्ट्रपति ने आयात शुल्क बढ़ाते हुए चीन से आयातों पर अंकुश लगाना शुरू कर दिया था. कोरोना महामारी के बाद अमेरिका चीन द्वारा इस वायरस को फैलाने और जान-बूझ कर उसके खतरों को दुनिया से छिपाने के बारे में कई आरोप भी लगा रहा है

आत्मनिर्भरता का संकल्प

11 मई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस है. यह हमारे लिए संकल्प का दिन है कि हम बिना किसी दबाव के निरंतर अपनी अर्थनीति, कूटनीति और प्रौद्योगिकी नीति को आगे बढ़ाएं.

अर्थव्यवस्था का पुनर्निर्माण

आत्मनिर्भर भारत का विचार भारतीय लोकाचार और जन-सामान्य से सीधे जुड़ा हुआ है. अंग्रेजों को हराने के लिए महात्मा गांधी ने स्वदेशी के विचार का इस्तेमाल किया था. उनके लिए स्वदेशी आत्मनिर्भरता की ही अभिव्यक्ति थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 12 मई के संबोधन को गांधी के विचार को अपनाने और सुधार के रूप में देखा जाना चाहिए, जिसमें स्थानीय को बढ़ावा देने का संकल्प है. यह विचार भारत को आर्थिक रूप से स्वतंत्र और आत्मनिर्भर बनाने का मार्ग प्रशस्त करता है. विकसित देशों ने विकास के लिए दूसरे देशों के मॉडल की नकल नहीं की है.

स्वदेशी और स्वावलंबन को मिले बढ़ावा

आज जरूरत इस बात की है कि कॉर्पोरेट, एफडीआइ और बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर आधारित विकास मॉडल को बदल कर एक ऐसा मॉडल बने, जिसमें उत्पादन के साथ रोजगार, आमदनी और संपत्ति के वितरण का भी ध्यान रहे,जिसमें मानवीय मूल्यों और संवेदनाओं के साथ विकेंद्रित विकास हो.
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