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डॉ. जयंतीलाल

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विदेश व्यापार के लिए माहौल अनुकूल

हम उम्मीद करें कि वैश्विक हालात में भारत के द्वारा ऐसे सही कदम उठाये जायेंगे, जिनसे वह विदेश व्यापार के टिकाऊ उच्च विकास के अवसरों को मुठ्ठी में ले सकेगा.

रोजगार के अवसर बढ़ाने होंगे

सरकार को मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर में रोजगार बढ़ाने के लिए रणनीतिक रूप से आगे बढ़ना चाहिए.

भारत में घटी है भूख की चुनौती

तीन वर्षों में कृषि ही ऐसा क्षेत्र रहा है, जिसमें विकास दर नहीं घटी है. जिस तरह केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा कृषि के विकास के लिए कदम उठाये जा रहे हैं, उनसे खाद्यान्न उत्पादन बढ़ रहा है.

भारत के लिए नये वैश्विक अवसर

कई देश आपूर्ति श्रृंखलाओं को चीन से दूर करने का प्रयास कर रहे हैं और भारत से संबंध स्थापित कर रहे हैं. भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने चीन पर निर्भरता घटाने के लिए त्रिपक्षीय पहल के विचार-विमर्श को आगे बढ़ाया है.

लुढ़कते रुपये से निपटने की चुनौती

जिस तरह चीन और रूस जैसे देशों ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अमेरिकी डॉलर के वर्चस्व को तोड़ने की दिशा में सफल कदम बढ़ाये हैं, उसी तरह अब रिजर्व बैंक के निर्णय से भारत की बढ़ती वैश्विक स्वीकार्यता के कारण रुपये को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा के रूप में स्थापित करने में भी मदद मिल सकती है.

महंगाई पर और नियंत्रण की जरूरत

रिजर्व बैंक की नीति व सरकारी प्रयासों से महंगाई पर कुछ नियंत्रण हुआ है. स्पष्ट दिख रहा है कि त्योहारी सीजन के बावजूद खाद्य वस्तुओं की महंगाई काबू में है, जबकि खुले बाजार में सरकारी गोदामों से 80 लाख टन से अधिक खाद्यान्न की बिक्री से गेहूं व चावल के मूल्य में गिरावट का रुख है.

डिजिटल रुपये के नये दौर की शुरूआत

आरबीआइ ने सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) के बारे में पेश अपनी संकल्पना रिपोर्ट में कहा था कि डिजिटल मुद्रा लाने का मकसद मुद्रा के मौजूदा स्वरूपों का पूरक तैयार करना है.

आइटी की तरह बढ़ता आयुर्वेदिक बाजार

आठ साल पहले देश में आयुर्वेद सेक्टर का जो बाजार आकार करीब 20 हजार करोड़ रुपये ही था, वह इस समय करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपये की ऊंचाई पर है और दुनिया भर में इसके तेजी से विस्तारित होने का संतोषजनक परिदृश्य है.
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