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डॉ पीएस

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Budget 2024 : इंटर्नशिप की सराहनीय पहल

एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप की सुविधा उपलब्ध करवाना एक क्रांतिकारी सोच को इंगित करता है और इस हेतु उन्हें मासिक तौर पर पांच हजार रुपये की वित्तीय सहायता का प्रावधान भी बेहद सराहनीय है.

नयी सरकार के पहले बजट से उम्मीदें

पिछले कई बजट में यह देखा जा सकता है कि सरकारें निजी क्षेत्र को आकर्षित करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहती हैं.

शिक्षा और चिकित्सा पर बढ़ा है प्रत्येक व्यक्ति का खर्च

तीसरा मुख्य तथ्य पारिवारिक उपभोग व्यय सर्वेक्षण की रिपोर्ट से यह निकलता है कि प्रत्येक भारतीय की क्रय क्षमता 2010 के बाद करीब तीन गुना बढ़ी है, हालांकि इस दौरान महंगाई भी दो गुना हुई है.

रूस को अब भारत की जरूरत

दोनों देशों के आर्थिक विकास की तुलना करें, तो तकरीबन 2008 तक रूस की आर्थिक प्रगति भारत से अधिक रही. साल 2009 की वैश्विक मंदी का रूस पर विपरीत प्रभाव पड़ा, जिसके चलते 2010 में गिरावट का दौर रहा, पर उसके बाद फिर आगामी दो-तीन वर्षों तक रूस ने अपनी विकास दर को तेजी से बनाये रखा.

व्यक्तिगत कर्ज को लेकर आरबीआइ की चिंता

गवर्नर शशिकांत ने वर्तमान स्थिति से भविष्य के दुष्परिणामों में अमेरिका की 2006 की कर्ज संकट से उपजी मंदी जैसी दशा का आकलन कर लिया है, और इसलिए उन्होंने बैंकों तथा अन्य वित्तीय संस्थानों को अपनी आंतरिक वित्तीय व्यवस्था को लेकर चौकन्ना रहने के लिए आगाह किया है.

गिग श्रमिकों के लिए सार्थक प्रयास

कानून के प्रावधानों के अंतर्गत गिग श्रमिकों के पोर्टल पर रजिस्टर्ड सभी व्यक्तियों को राजस्थान सरकार की विभिन्न सामाजिक तथा आर्थिक कल्याण की सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा.

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा की राह पर भारतीय रुपया

यह भविष्य ही बतायेगा कि कच्चे तेल की अधिक खरीद का भुगतान रुपये में लाभ देगा या नहीं. फिर भी, अंतरराष्ट्रीय लेनदेन के रुपये में भुगतान के लिए यदि कुछ विकसित देशों के साथ भारत के पारस्परिक गठजोड़ होते हैं, तो यह भारत के लिए एक बड़ी सफलता होगी.

महंगाई दर का घटना कितनी बड़ी राहत

महंगाई की खुदरा दर के निर्धारण का तरीका बहुत जटिल है. इसमें विभिन्न उपयोग की वस्तुओं को कुल छह श्रेणियों में विभाजित किया गया है तथा उन्हें प्रति व्यक्ति उपभोग व क्रय क्षमता के अनुसार तुलनात्मक रूप से वेटेज भी दिया गया है. ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्र में इस दर की अलग-अलग गणना की जाती है.

प्रकाश सिंह बादल: एक विराट व्यक्तित्व

बादल ने हमेशा सिख अलगाववाद का पुरजोर विरोध किया तथा इसे सिख धर्म से कभी भी नहीं जुड़ने दिया. इसी छवि के चलते उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर बहुत सम्मान मिला.
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