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कृष्ण प्रताप

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गर्मी, सड़क हादसे और हम

एक रिपोर्ट के अनुसार, 70 फीसदी हादसे ओवर स्पीडिंग और पांच प्रतिशत गलत दिशा में वाहन चलाने से होते हैं. ताज्जुब कि 72 फीसदी से अधिक हादसे धूप व साफ मौसम के बीच होते हैं!

1857 का वह फौलादी शेर

मौलवी अहमदउल्ला शाह ने आगरा व अवध प्रांत में घूम-घूम कर क्रांति की ज्वाला जगायी. कई इतिहासकारों ने लिखा है कि लखनऊ के अंदर क्रांति के सबसे योग्य नेता मौलवी ही थे.

अनूठे राजनेता थे चंद्रशेखर

चंद्रशेखर के बारे में कहा जाता है कि सत्ता में वह भले ही बहुत थोड़े समय के लिए रहे, पर देश की राजनीति को उन्होंने आधी शताब्दी तक प्रभावित किया.

चेतावनी है प्रकृति का कोप

सारी दुनिया को अपनी मुट्ठी में कर लेने को आतुर आज का मनुष्य उनकी बतायी इस लक्ष्मण रेखा को बार-बार लांघ कर प्रकृति को प्रतिकार के कदमों पर मजबूर कर रहा है.

न्यायिक व्यवस्था में सुधार जरूरी

गुलामी के लंबे दौर के बाद यह उम्मीद बंधी कि न्याय की ऐसी प्रणाली स्थापित होगी, जिसमें न्याय होना ही नहीं, होता हुआ दिखना भी जरूरी माना जायेगा.

अप्रतिम ज्ञान, पहचान व सहजता की प्रतिमूर्ति

कुछ छात्रों ने डॉ राधाकृष्णन का जन्मदिन मनाना चाहा, तो उन्होंने इच्छा जतायी कि उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए.

हिंदी भारतीय भाषाओं की प्रतिद्वंद्वी नहीं

आजादी मिलने के दो साल बाद 14 सितंबर, 1949 को संविधान सभा में महज एक मत के बहुमत से हिंदी को राजभाषा घोषित किया गया, तो उसे उसकी ‘विजय’ से ज्यादा आजादी की लड़ाई में उसके योगदान के पुरस्कार के तौर पर देखा गया था

शहादत का जज्बा और गोरों की क्रूरता का चरम

शहादत से एक दिन पहले भगत सिंह ने अपने साथियों को पत्र में यही लिखा था कि उनके दिल में फांसी से बचने का कोई लालच नहीं और अंतिम परीक्षा का बेताबी से इंतजार है.

एक धुन का नाम था राम मनोहर लोहिया

समाजवादी चिंतक डॉ राम मनोहर लोहिया, प्रायः कहा करते थे कि सच्चे लोकतंत्र की जीवनीशक्ति सरकारों के उलट-पलट में बसती है. कांग्रेस के प्रभुत्व के उन दिनों में असंभव माने जाने वाले इस उलट-पलट के लिए उन्होंने अपनी आखिरी सांस तक कोई कोशिश उठा नहीं रखी.
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