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Neha Singh

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पर्चा भरने से पहले इन जरूरी बातों का रखें ध्यान, नहीं तो रद हो...

उम्मीदवारों को नॉमिनेशन भरने से पहले ऐसे कौन-कौन से जरूरी दस्तावेज हैं जिनकी जरूरत पड़ती है और कौन-कौन से ऐसे बिल हैं, जिन्हें क्लियर कर एनओसी लेनी होती है.

Lok Sabha election 2024: बेटों के लिए बिहार, बेटियों के लिए देश? ये है...

Loksabha election 2024: लालू परिवार की रणनीति लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान अलग-अलग होती है. ऐसे में अब तक का ट्रेंड क्या है और इस पर राजनीतिक जानकारों का क्या कहना है आइये जानते हैं.

Manxiety: हर महीने ‘रिनपास’ में 300 से 400 डिप्रेशन और एंग्जाइटी के मामले, महिलाओं...

Manxiety: महिलाओं के मुक़ाबले पुरुषों में बेचैनी और तनाव कहीं ज़्यादा है. भारत में आत्महत्या की दर लगातार बढ़ रही है. पुरुषों के अंदर ये जो तनाव और डिप्रेशन की शक्ल में सामने आ रही है वो क्या है. एंटी-डिप्रेशन सेंटर्स के आंकड़े बेहद डराने वाले हैं. जानते हैं क्या है इसकी वजह.

Service voting: लोकसभा चुनाव 2024 में झारखंड में 15,260 सर्विस वोटर बढ़ें, जानें क्या...

Service voting: सेना, अर्धसैनिक बल, राज्य व क्रेंद सरकार के कर्मचारियों के लिए यह विशेष सुविधा दी जाती है. इन लोगों को वोट गिराने बूथ पर नहीं जाना पड़ता है. ये अपना वोट पोस्टल बैलेट के जरिए गिराते हैं.

Loksabha Elections 2024: मतदान दिन को लेकर आयोग की क्या है तैयारी

Loksabha Election 2024: डालते हैं चुनाव आयोग की तैयारियों पर एक नजर. क्या सुविधाएं होंगी और क्या सजगता बरती जाएगी.

Proxy Voters: झारखंड में कोई नहीं बनाता है प्रॉक्सी वोटर, जानिए कैसे परिजन भी...

Proxy Voters: जब व्यक्ति किसी कारण निर्वाचन में अपना अधिकार का इस्तेमाल नहीं कर पाता है तब उनकी भागिदारी को बढ़ाने के लिए'प्रॉक्सी वोटिंग होती है. एक महत्वपूर्ण साधन होता है जो उस व्यक्ति को उसके वोट का अधिकार देने का काम करता है.

GEN Z Talks: जानिए कैसा है जेनरेशन Z का सोशल मीडिया से प्यार,...

GEN Z Talks: जेनरेशन जेड के लोग सोशल मीडिया के माध्यम से किस तरह से समाज में संबंध बनाते हैं. सोशल मीडिया के उपयोग से जनरेशन जेड के लोगों के बीच संबंधों में क्या परिवर्तन आया है. क्या आपको लगता है कि सोशल मीडिया के उपयोग से लोग वास्तविक जीवन में संबंध बनाने की कला को भूल रहे हैं. क्या आपके परिवार या दोस्त सोशल मीडिया पर किसी नए प्लेटफार्म का उपयोग करते हैं? यदि हां, तो वे कौन से हैं और आपके अनुसार इसका क्या प्रभाव है

Exclusive: झारखंड की आदिवासी बोलियां अब नहीं होंगी विलुप्त, कोरबा समेत कई बोली अब...

झारखंड की कई जनजाति और आदिम जनजातियों की बोली अब विलुप्त नहीं होगी. रांची के डाॅ रामदयाल मुंडा शोध संस्थान ने आदिवासियों की विलुप्त होती बोलियों को सहेजने के लिए प्रयास शुरू किए हैं और इसके तहत साहित्य सृजन का काम भी हो रहा है. इन बोलियों का व्याकरण बना कर इन्हे आने वाले कई वर्षों के लिए सहेजा जा रहा है.
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