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प्रभु चावला
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Badi Khabar
जाति की सियासी बिसात पर राजस्थान
गांधी परिवार यह तो समझता है कि सचिन का युवा होना और स्वच्छ छवि पार्टी के लिये एक पूंजी है, मगर उनकी जाति बोझ बन जाती है. वे गूजर समुदाय से हैं, जिनकी राज्य की आबादी में हिस्सा दो अंकों में भी नहीं पहुंचता. सचिन की सबसे बड़ी भूल अपनी पहचान गूजर समुदाय से जोड़ना थी.
Opinion
ब्रांड मोदी को दमदार क्षेत्रीय नेताओं की जरूरत
साल 1990 से 2004 के बीच आडवाणी-वाजपेयी की टीम ने विचारधारा और जमीनी काम में दक्ष युवाओं की टोली तैयार की थी.
Opinion
मस्क का उपनिवेश बन गया है ट्विटर
ट्विटर का तरीका अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से अलग है. यह अभिव्यक्ति की लत लगाने वाला मंच है और इसलिए यह स्वाभाविक रूप से राजनीतिक वर्ग के लिए मजबूत औजार है.
Opinion
संतानों की राजनीति और कांग्रेस
कांग्रेस में नेहरू-गांधी परिवार तो उत्तराधिकार हासिल करता है, पर यही अधिकार पार्टी के अन्य बड़े नेताओं को नहीं दिया जाता. बाहरी मामलों में राजनीति बच्चों का खेल है.
Opinion
विदेश नीति में राजनीतिक दृष्टि भी हो
प्रधानमंत्री कार्यालय अमेरिका की घटना से भी क्षुब्ध है. खालिस्तानी अतिवादियों के लिए अमेरिका लंबे समय से सुरक्षित शरणस्थली है. पर हालिया घटनाओं की आक्रामकता के चलते सरकार को भारतीय डिप्लोमैटों की समीक्षा करनी पड़ रही है.
Opinion
देशभक्ति को षड्यंत्रकारियों से बचाया जाए
'अमृतधारी' सिख के रूप में अमृतपाल के अचानक सामने आने की परिघटना बेहद नाटकीय है. कभी बिना दाढ़ी-मूंछों वाला और बीच में ही पढ़ाई छोड़ देने वाला व्यक्ति, जो दुबई में ट्रक चलाता था, अचानक भिंडरावाले का अवतार कैसे बन गया
Opinion
राहुल गांधी का महत्व बढ़ाती भाजपा
धीरे-धीरे राहुल गांधी की छवि एक ऐसे नेता की बनती जा रही है, जिसे प्रताड़ित किया जा रहा हो. यह उनकी छवि के लिए बड़ी उपलब्धि है. भाजपा के रणनीतिकारों ने वैश्विक उदासीनता के बारे में राहुल गांधी के कहे को भारतीय मामलों में विदेशी हस्तक्षेप मांगना समझ लिया.
Opinion
भयभीत मतदाताओं पर सुनक का भरोसा
अगर सुनक मध्यावधि चुनाव कराना चाहते हैं, तो राष्ट्रवादी भाषा उनकी कमजोर संभावनाओं को बल दे सकती है. क्या वे मोदी मॉडल से प्रेरित हैं? भाजपा की बढ़त का आधार नरेंद्र मोदी के करिश्मे, हिंदू पहचान पर जोर और आर्थिक वृद्धि है.
Opinion
व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के जाल में विपक्ष
बीते नौ साल में गिरफ्तार नेताओं में 95 प्रतिशत से अधिक विपक्ष से हैं. इससे विपक्ष भले चिंतित हो, लेकिन अभी भी उसके नेता अपने व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को दरकिनार कर सड़क पर उतरने के लिए तैयार नहीं हैं.