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प्रभु चावला

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व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के जाल में विपक्ष

बीते नौ साल में गिरफ्तार नेताओं में 95 प्रतिशत से अधिक विपक्ष से हैं. इससे विपक्ष भले चिंतित हो, लेकिन अभी भी उसके नेता अपने व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को दरकिनार कर सड़क पर उतरने के लिए तैयार नहीं हैं.

प्रधानमंत्री का चेहरा ही मुख्य चुनावी रणनीति

बीते पांच वर्षों से हर प्रचार सामग्री पर प्रधानमंत्री के साथ संबंधित राज्य के मुख्यमंत्री की तस्वीर रहती आयी है. अब पहली बार राज्य और केंद्र की नौकरशाही भाजपा-शासित राज्यों में साथ काम करेगी ताकि विजन मोदी को ठीक से लागू किया जा सके.

जेपी नड्डा और भाजपा की तीसरी लहर

विनम्र और हंसमुख नड्डा को दबा देना आसान नहीं है. तीन दशक के सार्वजनिक जीवन में उन पर एक भी दाग नहीं है. वे सिद्धांतकार या वक्ता नहीं हैं, पर परखने में उनकी नजर कमाल की है

2024 का आम चुनाव और मोदी

पार्टी के भीतर के लोग महसूस करते हैं कि मोदी और शाह को एक राजनीतिक संरचना तथा एक प्रशासनिक वास्तु को खड़ा करना होगा, जो मोदी के तीसरे कार्यकाल को आगे बढ़ाये.

राहुल को अभी बहुत चलना होगा

भारत जोड़ो यात्रा ऐसे 200 से अधिक सीटों से गुजरी है, जहां कांग्रेस का सीधा मुकाबला भाजपा से है. लोकसभा में शतक बनाने के लिए कांग्रेस कम से कम 50 सीटें जीतने की आशा कर रही है.

आत्मसम्मान युक्त हो आत्मनिर्भर भारत

आठ साल बाद भी पुराने भारत के काम करने का पुराना तरीका बदला नहीं है. नौकरशाही में संकुचन नहीं आया है. सरकारी खर्च में 2016 के 12.5 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में 2021 में 16 प्रतिशत से अधिक की बढ़त हुई है.

मेक इन इंडिया का मंत्र ही बचायेगा

व्यवसायों, मेडिकल और राजनीति की शोरगुल से भारी आवाजें बता रही हैं कि संस्थाएं मौजूदा संकट और भविष्य की चुनौतियों के सामने असफल रही हैं. यह अजीब है कि महामारी की भविष्यवाणी करनेवालों की संख्या अधिक है. इसमें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश और बिल गेट्स भी शामिल हैं.

भारतीय हो पूंजीवादी मॉडल

पूंजीवाद के गढ़ के रूप में स्थापित लंदन में राष्ट्रीय आफत के दौरान ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन आइसीयू में थे. कोविड-19 के खतरनाक प्रसार से मंत्री, हॉलीवुड अभिनेता, रॉक स्टार, राजपरिवार व बेहद अमीर भी नहीं बच पाये. शहरी अभिजात्य वर्ग का प्रतिरक्षा स्तर सभी मौसमी बदलावों के लिए उपयुक्त नहीं है.

जख्मी होती चीन की अर्थव्यवस्था

चीन में उत्पन्न वायरस ने पूरी दुनिया में उपद्रव मचा दिया है.कोविड-19 ने यूरोप, ब्रिटेन और अमेरिका को विक्षत कर दिया है. इस युद्धका अंतिम आर्थिक परिणाम दो महाशक्तियों द्वारा तय किया जायेगा- भारतीयहाथी और चीनी ड्रैगन
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