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प्रो मुकुल

पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग लखनऊ, विश्वविद्यालय

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मनी और मोबाइल ही जिंदगी नहीं

त्योहार के लिए अब साल भर इंतजार की जरूरत नहीं. जेब में पैसा हो, तो हर दिन दशहरा है और रात दिवाली है, लेकिन मनी, मस्ती और मोबाइल ही जिंदगी नहीं है. आज पैसा पॉवर का पर्यायवाची बन गया है, पर पैसे को जीवन का एकमात्र मिशन बनाना मनुष्य के मन की संवेदनाओं को मार सकता है.

एक खतरनाक चुनौती है ‘डीप फेक’

‘डीप फेक’ वीडियो के प्रसार को रोकने के लिए मीडिया साक्षरता और आलोचनात्मक सोच को पाठ्यक्रम में शामिल करने की आवश्यकता है ताकि जागरूकता को बढ़ावा दिया जा सके और लोगों को ‘फेक न्यूज’ से बचाने में मदद करने के लिए एक सक्रिय दृष्टिकोण का निर्माण किया जा सके.
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