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शिवकांत

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गहरा रही जलवायु परिवर्तन की चिंता

यदि लोग अपनी तरफ से कुछ भी करने के लिए तैयार नहीं, तो फिर सबको प्रकृति के पलटवार के लिए तैयार हो जाना चाहिए.

कृत्रिम भोजन बना रहा हमें रोगी

कृत्रिम और प्रसंस्कृत पदार्थ खाने की वजह से शरीर में विकार बढ़ रहे हैं, जो विभिन्न रोगों और मोटापे को जन्म देते हैं.

तालिबान की वापसी के राज

तालिबान की वापसी पाकिस्तानी सेना की एक बड़ी सामरिक जीत है. इसके परिणाम भारत और पूरी दुनिया के लिए भयावह हो सकते हैं.

तालिबान का सियासी पाखंड

अरब वसंत की लहर ने यह साबित कर दिया कि यदि लोगों का बस चले, तो वे खालिस इस्लामी तानाशाही की तुलना में खुली और आधुनिकता वाली इस्लामी लोकशाही को स्वीकार करेंगे.

मर्कल के बाद अनिश्चितता का दौर

समन्वय, धीरज और समझदारी से काम लेना तथा सही अवसर की प्रतीक्षा करना चांसलर एंगला मर्कल की ताकत रही है.

ग्लासगो जलवायु सम्मेलन से उम्मीदें

ऐसा लगता है कि ग्लासगो सम्मेलन में भी भारत की रणनीति धनी देशों पर सौ अरब डॉलर की आर्थिक सहायता और स्वच्छ तकनीक के हस्तांतरण का दबाव बनाये रखने की ही रहेगी.

माओ बनने की राह पर जिनपिंग

चीनी इतिहास का यह शी-करण चीनी इतिहास के माओकरण जैसा ही है. भारत और अन्य लोकतांत्रिक देशों के लिए यह चिंता का विषय है.

यूक्रेन मसले पर रूस की हेठी

रूसी राष्ट्रपति पुतिन अपने पड़ोस में कठपुतली सरकार वाले देशों का एक खेमा खड़ा करना चाहते हैं. यूक्रेन के विवाद की असली जड़ यही है.

यूक्रेन के संकट में नाटो कहां है

ऊर्जा निर्यात रूस के कुल निर्यात का साठ प्रतिशत से ज्यादा है. क्या उस पर पाबंदी लगाये बिना पुतिन को पीछे हटने को मजबूर किया जा सकता है?
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