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संपादकीय

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भारी पड़ती लापरवाही

पांच राज्यों के अनुभव इंगित कर रहे हैं कि हम अब भी महामारी की चपेट में हैं. वायरस के नये रूपों के साथ स्थिति भयावह हो सकती है.

सुधरती अर्थव्यवस्था

आर्थिक गतिविधियों में बढ़त की वजह से रोजगार बढ़ने के संकेत भी स्पष्ट हैं. मांग, उत्पादन और आमदनी के गतिशील होने से मुद्रास्फीति के भी स्थिर होने की आशा है.

प्लास्टिक का कहर

एक नये शोध में पता चला है कि देश की राजधानी दिल्ली और उत्तर भारत के शहरों में वायु प्रदूषण को खतरनाक बनाने में भी प्लास्टिक का योगदान है.

विकास का रोडमैप है यह बजट

पहले पांच वर्षों में आधारभूत संरचना के विकास के साथ-साथ कानून एवं व्यवस्था को भी दुरुस्त किया गया. राज्य में अनेक नीतिगत फैसले लिये गये. राज्य की बिगड़ी हुई वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ किया गया. वर्ष 2006 में राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम को पारित करने के साथ राज्य में मूल्यवर्धन कर (वैट) लागू किया गया. इसके फलस्वरूप वर्ष 2005 के बाद से राज्य के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में लगातार बढ़ोतरी हुई है.

सीमा पर सतर्कता

बीते पांच दिनों की शांति निश्चित रूप से उत्साहवर्द्धक है, किंतु पाकिस्तान की हरकतों के इतिहास को देखते हुए निश्चिंत नहीं रहा जा सकता है.

हमारी निधि हैं रेणु की क‍हानियां

रेणु जी के रचना संसार में जो गहरी जीवन लय दिखती है, वह हमें अन्याय के विरुद्ध संघर्ष की जिजीविषा देती है. जन-आंदोलनों के बीच में उन्होंने मनुष्य के अधिकारों की पाठशाला में दाखिला लिया.

काबू में कोरोना

अब स्थानीय स्तर पर निगरानी की जरूरत है ताकि संक्रमण के कम खतरनाक लहरों की आवृत्ति को संभाला जा सके. टीका लेने के सरकार और विशेषज्ञों के अनुरोध के पालन पर जोर दिया जाना चाहिए.

डिजिटल दुनिया में रोजगार के मौके

कोरोना काल में भारत के आइटी सेक्टर द्वारा दी गयी गुणवत्तापूर्ण सेवाओं के कारण वैश्विक उद्योग-कारोबार का इन कंपनियों पर भरोसा बढ़ा है.

शिक्षा, भाषा एवं मेधा

प्रधानमंत्री मोदी के इस वक्तव्य को हमें सूत्र के रूप में ग्रहण करना चाहिए कि आत्मनिर्भर भारत के लिए युवाओं में आत्मविश्वास का होना आवश्यक है.
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