जर्मनी की कार बनाने वाली कंपनी फॉक्सवैगन एजी के ऑडी इकाई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रूपर्ट स्टैडलर को गिरफ्तार किया गया है. उन पर डीजल गाड़ियों में धोखाधड़ी का आरोप लगा है . उनकी गिरफ्तारी कंपनी के लिए बड़ा नुकसान साबित हो सकती है क्योंकि वह सबसे पड़े प्रोफाइल वाले व्यक्ति हैं.
सोमवार को ईमेल के जरिये कंपनी ने गिरफ्तारी की पुष्टि की. बयान के मुताबिक स्टैडलर को सिर्फ इसलिए गिरफ्तार किया गया है क्योंकि सबूत के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं. ध्यान रहे कि अभियजोक 2015 के डीजल उत्सर्जन घोटाले में ऑडी की भूमिका की जांच कर रहे हैं. घोटाला तीन साल पहले उजागर हुआ था कारों के उत्सर्जन परीक्षणों में धोखाधड़ी के लिए खास डिजाइन किए गए उपकरण लगाए गए थे. कंपनी फॉक्सवैगन ने पिछले हफ्ते जर्मन अभियोजकों द्वारा लगाए गए 1 बिलियन यूरो (1.2 बिलियन डॉलर) का जुर्माना अदा करने पर रजामंदी दे चुकी है। भारतीय मुद्रा में यह राशि करीब 78 अरब 99 करोड़ 54 लाख 53 हजार रूपये है.
इस मामले में तीन सालों से फॉक्सवैगन जर्मनी और कई देशों में जांच का सामना कर रही है. इस मामले में 55 देशों में कानूनी कार्यवाही लंबित है और इसके घरेलू बाजार में स्टॉक मार्केट में हेरफेर की जांच हो रही है. कंपनी ने जुर्माना, बिके हुए माल को वापस खरीदने और लागत में 27 बिलियन यूरो से ज्यादा की राशि पहले से तय है. निवेशकों को कंपनी पर चल रहे जांच के बारे में बहुत देर सा जानकारी मिली. कंपनी ने इस आरोप को बेबुनियाद बताया है.