नयी दिल्ली : मारुति-सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आरसी भार्गव का मानना है कि यदि राज्य सरकारें विनिर्माण क्षेत्र को आगे बढ़ाने में अपनी भूमिका को सही तरीके से नहीं निभातीं हैं, तो नरेंद्र मोदी सरकार का अगले पांच साल में अर्थव्यवस्था को 5,000 अरब डॉलर पर पहुंचाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य पटरी से उतर सकता है. कंपनी की सालाना आमसभा में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए भार्गव ने कहा कि विनिर्माण उद्योग को आगे बढ़ाने में राज्य सरकारों को भागीदारी निभानी होगी.
इसे भी देखें : Maruti-Suzuki India को त्योहारी सीजन में वाहनों की मांग में बढ़ोतरी होने की उम्मीद
उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को समूचे वाहन उद्योग में अपनी भूमिका के महत्व के बारे में समझना होगा. देश के सकल विनिर्माण घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वाहन क्षेत्र का हिस्सा 49 फीसदी है. उन्होंने कहा कि वाहन उद्योग राज्यों में काफी रोजगार पैदा करता है, लेकिन सुस्ती या बिक्री में गिरावट से रोजगार सृजन प्रभावित होता है. उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र राज्यों के लिए काफी राजस्व का सृजन करता है, लेकिन जब उद्योग नीचे आता है, तो इससे सभी कुछ पर असर पड़ता है. राज्य सरकारों की भूमिका को रेखांकित करते हुए भार्गव ने कहा कि किसी उद्योग की परिचालन लागत को लेकर उन्हें अभी काफी कुछ करने की जरूरत है.
मारुति के चेयरमैन ने कहा कि राज्य सरकारों का कराधान काफी ऊंचा है. उदाहरण के लिए पेट्रोल पर कर काफी अधिक है. किसी व्यक्ति के लिए कार रखना कितना सुविधापूर्ण हो सकता है, यह भी काफी कुछ राज्य सरकारों पर ही निर्भर है. भार्गव ने राज्यों से कहा कि वे देश की वृद्धि की कहानी में भागीदार बनें. उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों के बेहतर योगदान के बिना 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल करना है और उसमें विनिर्माण क्षेत्र का योगदान 25 फीसदी तक पहुंचाना काफी मुश्किल काम होगा.