भारत में स्मार्टफोन बाजार में लगातार कम दामों में अलग-अलग कंपनियों के द्वारा स्मार्टफोन उतारने के कारण कई कंपनियों को मुश्किलों का सामना करना पडा रहा है. ऐसा ही हाल गूगल के नये लांच एंड्रायड वन के साथ भी देखने को मिल रहा है. एंड्रायड वन को भारतीय उपभोक्ता ज्यादा पसंद नहीं कर रहे हैं. वजह साफ है भारतीय बाजारों में मोटोरोला और जियाओमी जैसी कंपनियों का स्मार्टफोन बाजार में लगातार प्रयोग.
गूगल के एंड्रायड वन पार्टनर माइक्रोमैकस, कार्बन और स्पाइस की अक्टूबर महीने की बिक्री की बात करें तो इन कंपनियों ने अपने सितंबर में 15 दिनों में कुल बिक्री 2.3 लाख की थी जो पूरे अक्टूबर में हुई कुल बिक्री 2 लाख से कहीं ज्यादा है. मार्केट रिसर्च फर्म साइबर इग्जिम सॉल्यूसन ने यह अध्ययन अक्टूबर के महीने में किया था. गूगलका एंड्रायड वन फोन सितंबर के मध्य में लांच किया गया था.
एक इंडस्ट्री ट्रैकर ने अपने एक रिपोर्ट में बताया कि अक्टूबर के महीने में करीब 8 मिलियन स्मार्टफोनों को देश में आयात किया गया था. जिसमें एंड्रायड वन केवल 2.5 फीसदी ही था. गूगल के स्पोक्सपर्सन ने अपने बयान में कहा कि एंड्रायड वन की मांग जल्द ही टीयर वन और टीयर टू शहरों में तेज वाली है. रिसर्च फर्म आईडीसी के एनालिट करण ठक्कर ने संभावना जतायी कि एंड्रायड वन का की सेल नवंबर और दिसंबर में तेज हो जाएगी.
काउंटर प्वाइंट रिसर्च के तरुण पाठक के अनुसार एंड्रायड वन डिवाइस को चाइना के जियाओमी और मोटोरोला से कडी प्रतियोगितामिल रही है. दोनों ही कंपनियां ऑनलाइन मार्कट के द्वारा भारत में अच्छा कारोबार कर रही हैं. इन कंपनियों ने काफी कम कीमत पर बेहतरीन फीचर्स वाले स्मार्टफोनों को उतारा है.
उन्होंने कहा कि एंड्रायड वन के प्रति लोगों का ज्यादा झुकाव इसलिए नहीं दिख रहा है क्योंकि मोटोरोला, जियोनी और लावा जैसी कंपनियां स्मार्टफोन निर्माण में कम दाम में अच्छे फोन ला रही हैं.