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क्या BHIM से पेटीएम व फ्री चार्ज को है खतरा ?

नोटबंदी के बाद से देश में कैश की किल्लत ने लोगों को अन्य विकल्पों के बारे में सोचने को मजबूर कर दिया है. शुरूआती दिनों में नोटबंदी से पैदा माहौल के बीच ई पेमेंट व ई वॉलेट कंपनियों ने अच्छी बढ़त हासिल की. पेटीएम ने आक्रमक प्रचार अभियान अपनाया. पेटीएम की तरह अन्य वॉलेट कंपनियां […]

नोटबंदी के बाद से देश में कैश की किल्लत ने लोगों को अन्य विकल्पों के बारे में सोचने को मजबूर कर दिया है. शुरूआती दिनों में नोटबंदी से पैदा माहौल के बीच ई पेमेंट व ई वॉलेट कंपनियों ने अच्छी बढ़त हासिल की. पेटीएम ने आक्रमक प्रचार अभियान अपनाया. पेटीएम की तरह अन्य वॉलेट कंपनियां फ्रीचार्ज और मोबीक्विक के अच्छे दिन आने की पूरी संभावना थी लेकिन इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के तालकोटरा स्टेडियम में BHIM लांच की.

अब यह संभावना जतायी जा रही है कि पेटीएम व फ्रीचार्ज जैसी कंपनियों को BHIM से कड़ी प्रतिस्पर्धा मिल सकती है. BHIM ऐप सरकार द्वारा लांच यूनाइटेड पेेमेंट इंटरफेस का अपग्रेडेड वर्जन है. सुविधा या उपयोगिता के दृष्टिकोण से BHIM कई मायनों में अन्य ई वॉलेट कंपनियों से बेहतर हैं वहीं सरकारी होने की वजह से इसकी विश्वसनीयता भी अन्य कंपनियों के मुकाबले ज्यादा है.

BHIM अन्य वॉलेट कंपनियों से कैसे है अलग

1. पेटीएम ऐप में आपको अपने अकाउंट से पैसे ट्रांसफर करने पड़ते हैं जबकि भीम ऐप आपके बैंक खाते से सीधे तौर पर जुड़ा रहता है. इस लिहाज से यहां अकाउंट बनाना आसान है और भीम के माध्यम से हुआ पेमेंट सीधे आपके बैंक खाते से जाता है यानि पेटीएम की तरह वॉलेट में पैसे रखने की जरूरत नहीं है.

2. बैंक और ग्राहक के बीच सीधा ट्रांजेक्शन होने के कारण आपको BHIM ऐप में किसी तरह का सेवा शुल्क नहीं लगता है. पेटीएम में आपकों प्रत्येक ट्रांजैक्शन पर बैंकिग चार्ज देना पड़ता है.

3. BHIM ऐप में आप एक साथ कई बैंकों के खाते का इस्तेमाल कर पेमेंट कर सकते हैं. इस लिहाज से आपके पास पूरी तरह की स्वतंत्रता होती है.

4. BHIM ऐप के माध्यम से पेमेंट करने के लिए किसी प्रकार का इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत नहीं पड़ती है. जबकि पेटीएम में इंटरनेट कनेक्टिवीटी का होना जरूरी है.

5. BHIM ऐप केंद्र सरकार द्वारा संचालित है. इसलिए भारत में आम लोगों व ग्रामीण इलाके रहने वाले लोगों में इसकी विश्वसनीयता ज्यादा है. वहीं पेटीएम एक निजी कंपनी है जिसे रिजर्व बैंक द्वारा लाइसेंस प्राप्त है. पेटीएम में चीन की कंपनी अलीबाबा का भी निवेश है. आम धारणा के मुताबिक पेटीएम को निजी कंपनी होने के चलते लोगों के बीच पैठ बनाने में वक्त लग सकता है.

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