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Ashok Leyland ने बढ़ाया मदद का हाथ, मिचौंग चक्रवात से प्रभावितों लोगों के लिए दिया 3 करोड़ का दान

अशोक लेलैंड ने एक बयान में कहा कि इस योगदान का उद्देश्य चक्रवात के प्रकोप से तमिलनाडु के लोगों को राहत देने के प्रयासों में राज्य सरकार की मदद करना है.

वाणिज्यिक वाहन विनिर्माता अशोक लेलैंड ने शनिवार को कहा कि उसने चक्रवात से हुए नुकसान के बीच राहत कार्यों के लिए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री राहत कोष में तीन करोड़ रुपये का दान दिया है.गौरतलब है कि तमिलनाडु हाल में आए मिचौंग चक्रवात से बुरी तरह प्रभावित हुआ है.

अशोक लेलैंड का बयान

अशोक लेलैंड ने एक बयान में कहा कि इस योगदान का उद्देश्य चक्रवात के प्रकोप से तमिलनाडु के लोगों को राहत देने के प्रयासों में राज्य सरकार की मदद करना है.

लगातार बारिश के कारण हुई तबाही से दुख

अशोक लेलैंड के प्रबंध निदेशक और सीईओ शेनु अग्रवाल ने कहा, ”हम चक्रवाती तूफान और लगातार बारिश के कारण हुई तबाही से बहुत दुखी हैं, जिससे चेन्नई और आसपास के जिलों में कई लोगों का जीवन प्रभावित

यह कदम सिर्फ एक आर्थिक सहारा नहीं है, बल्कि एक इंसानी हौंसला भी

चक्रवात राहत कार्य में शामिल होने के लिए अशोक लेलैंड ने तीन करोड़ रुपये देने का यह कदम सिर्फ एक आर्थिक सहारा नहीं है, बल्कि एक इंसानी हौंसला भी. इस कठिन समय में, जब हम सभी को एक दूसरे की आवश्यकता है, अशोक लेलैंड ने दिखाया है कि उनका दिल भी समाज के साथ है.

अशोक लेलैंड ने सच्ची मानवता भावना का परिचय दिया

चक्रवात राहत कार्यों के लिए तीन करोड़ रुपये की दान की घोषणा करते हुए, अशोक लेलैंड ने सच्ची मानवता भावना का परिचय दिया है. इस मासूम क्रिसिस में, जहां लोगों को घेरा हुआ है और उन्हें अपने घरों की सुरक्षा से दूर रहना पड़ रहा है, इस आदान-प्रदान ने हमें एक-दूसरे के प्रति जिम्मेदारी की भावना को समझाया है. तीन करोड़ रुपये का यह बड़ा योगदान न केवल आर्थिक सहारा प्रदान करने का है, बल्कि एक सशक्त, साथीभूत, और समर्पित समाज की ओर हमें मोड़ने का संकेत है. इस दान ने हमें यह बात याद दिलाई है कि हम एक बड़े परिवार के हिस्से हैं और हमें एक-दूसरे की मदद करना हमारी मुख्य जिम्मेदारी है.

इस कठिन समय में, अशोक लेलैंड ने एक उदाहरण स्थापित किया

इस कठिन समय में, अशोक लेलैंड ने एक उदाहरण स्थापित किया है कि हमें अपने साथी मानवों के साथ मिलकर उनके साथ हैं, और हमें एक-दूसरे की सहायता करना हमारी सांस्कृतिक और मानवीय ज़िम्मेदारी है. यह सांस्कृतिक संदेश हमें एक और साबित करता है कि भलाइयों के प्रति हमारी जिम्मेदारी हमें आपसी संबंध बनाए रखने का एक माध्यम है, जो हमें एक-दूसरे के साथ और भी मजबूती से जुड़ने का अवसर देता है.

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