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बैंकिंग जगत के दिग्गज नारायण वाघुल का निधन, आनंद महिंद्रा ने X पर लिखा मार्मिक पोस्ट

आधुनिक भारतीय बैंकिंग के जनक के रूप में सम्मानित, वाघुल ने आईसीआईसी बैंक की नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उनका शानदार करियर भारतीय स्टेट बैंक में शुरू हुआ, जहां उनकी प्रतिभा ने उन्हें चेन्नई की एक क्षेत्रीय शाखा से तेजी से मुंबई के सेंट्रल कार्यालय तक पहुंचा दिया.

Anand Mahindra: भारतीय बैंकिंग जगत के दिग्गज और आईसीआईसी बैंक के पूर्व अध्यक्ष नारायण वाघुल का आज चेन्नई में 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया. अपूर्व हॉस्पिटल चेन्नई में भर्ती कराए जाने के बाद उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था.

आधुनिक भारतीय बैंकिंग के जनक के रूप में सम्मानित, वाघुल ने आईसीआईसी बैंक की नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उनका शानदार करियर भारतीय स्टेट बैंक में शुरू हुआ, जहां उनकी प्रतिभा ने उन्हें चेन्नई की एक क्षेत्रीय शाखा से तेजी से मुंबई के सेंट्रल कार्यालय तक पहुंचा दिया.

आनंद महिंद्रा ने X पर लिखा मार्मिक पोस्ट

इस दुखद घटना को लेकर ऑटो क्षेत्र के दिग्गज औरत Mahindra & Mahindra के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने अपनी संवेदना प्रकट कि है साथ सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर एक मार्मिक पोस्ट लिखा है,

उन्होंने लिखा

आज, भारतीय बैंकिंग के भीष्म पितामह – श्री एन. वाघुल के निधन पर शोकग्रस्त हूं, जिनका आज सुबह निधन हो गया. मैं सिर्फ भारतीय उद्योग जगत के दिग्गज के लिए नहीं, बल्कि उन सबसे प्रेरणादायक और उदार लोगों में से एक के लिए शोक मनाता हूं, जिनसे मेरा कभी सामना हुआ है.

वह कई सालों तक महिंद्रा एंड महिंद्रा के बोर्ड के सदस्य रहे, और जब से मैंने सीईओ का पद संभाला, तब से उन्होंने अच्छे और बुरे समय में अपना निरंतर समर्थन और प्रोत्साहन दिखाना कभी नहीं छोड़ा.

मैं उनके प्रेरणादायक समर्थन के बारे में एक खास कहानी साझा करूंगा:

जब यह सिर्फ पहले निजी क्षेत्र के SEZ के रूप में आकार ले रहा था, तब वे चेन्नई की महिंद्रा वर्ल्ड सिटी के अध्यक्ष बनने के लिए सहमत हो गए.

एक समय, सलाहकारों ने मुझसे कहा था कि हमने एक सफेद हाथी बना लिया है और इसे बंद कर देना या इसे सीएसआर परियोजना में बदलना समझदारी होगी. लेकिन उन्होंने मुझे कभी भी किसी क्रांतिकारी चीज में अपना विश्वास खोने की सलाह नहीं दी.

वह एक मेहनती अध्यक्ष थे और हमेशा एमडब्ल्यूसी की रणनीति और स्थिति के बारे में तीखे सवाल पूछते थे.

लेकिन उन्होंने कभी भी आशंकित होकर अध्यक्ष पद से हटने के लिए नहीं कहा.

वह तब तक इसके साथ रहे जब तक यह एक बड़ी वित्तीय सफलता और हमारे समूह में गर्व का प्रतीक नहीं बन गया. और इसकी सफलता में उनसे अधिक खुशी किसी को नहीं हुई.

यही है उस महान व्यक्ति की खूबी.

मैं उन्हें जानकर धन्य था. उनका मार्गदर्शन पाकर धन्य था.

परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं और उनके अगले कारनामों के लिए शुभकामनाएं…

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