20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

इंजन है कार का और कहते हैं पावरट्रेन, जानें क्यों?

Powertrain: आप कार-मोटरसाइकिल रोजाना अपनी आंखों से देखते हैं या फिर चलाते भी होंगे, लेकिन क्या कभी आपने यह जानने की कोशिश की है कि उसके इंजन को क्या कहते हैं? जब आप इसके नाम को जानेंगे, तो कहेंगे कि ये भला कौन सी ट्रेन है.

Powertrain: कौआ टाई में नजर आए या मछली जबड़े में नुकीले दांत निकल आएं, तो अजीब लगेगा कि नहीं? जरूर लगेगा. देखने में भी और सुनने में भी. दुनिया में कुछ ऐसी ही अजीब चीजें और नाम मिल जाएंगे, जिसे सुनकर और देखकर आप चौंक जाएंगे. आपकी नजर के सामने से कई ऐसी चीजें गुजर जाती हैं, जिन्हें आप देखते तो हैं, लेकिन गौर नहीं करते. गौर करते हैं, तब अचरज होता है. ऐसी ही अचरज वाली चीज है कार-मोटरसाइकिल का इंजन.

आप कार-मोटरसाइकिल रोजाना अपनी आंखों से देखते हैं या फिर चलाते भी होंगे, लेकिन क्या कभी आपने यह जानने की कोशिश की है कि उसके इंजन को क्या कहते हैं. शायद नहीं जानते होंगे. जब आप इसके नाम को जानेंगे, तो कहेंगे कि ये भला कौन सी ट्रेन है, क्योंकि उसके नाम में ट्रेन जुड़ा हुआ है. है वह कार का इंजन, लेकिन उसे ‘पावरट्रेन’ कहा जाता है. अब उसे ‘पावरट्रेन’ क्यों कहा जाता है, यह कितने प्रकार का होता है और कैसे काम करता है, यही गौर करने का विषय है. तो फिर आइए जान ही लेते हैं कि कार-मोटरसाइकिल के इंजन को ‘पावरट्रेन’ क्यों कहा जाता है.

सितारों की दुनिया में सैर कराने आ गई Mahindra XUV 3XO, हरमन कार्डन ऑडियो सिस्टम से लैस

पावरट्रेन क्या है?

कारों में इस्तेमाल होने वाले इंजन को ही पावरट्रेन कहा जाता है. गाड़ी में अगर इंजन न हो, तो वह चल ही नहीं पाएगी. जैसे आदमी या पशुओं के शरीर में दिल, लीवर और किडनी होता है, उसी प्रकार गाड़ियों में पावरट्रेन या इंजन होता है. इस पावरट्रेन पर ही आपकी कार या फिर मोटरसाइकिल का परफॉर्मेंस निर्भर करता है. इसी के जरिए गाड़ी स्पीड भी पकड़ती है, आपकी गाड़ी की लाइटों को बिजली मिलती है और इंधन की खपत भी होती है. अगर यह किसी भी गाड़ी में न हो, तो फिर उसका कोई औचित्य और अस्तित्व ही नहीं रह जाता.

पावरट्रेन कितने प्रकार के होते हैं?

मुख्यरूप से गाड़ियों के पावरट्रेन या इंजन कई प्रकार के होते हैं. इन्हें विभिन्न नामों से पुकारा जाता है. इनमें इंटरनल पेट्रोल कंबशन इंजन, इंटरनल डीजल कंबशन इंजन, कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) इंजन, लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस (एलीपीजी) इंजन, माइल्ड हाइब्रिड इंजन, स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड इंजन, बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (बीईवी) इंजन और फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक वाहन (एफसीईवी) इंजन शामिल हैं.

टोयोटा की Leader बनकर आ गई फॉर्च्यूनर, जीप मेरिडियन ओवरलैंड को कड़ी चुनौती

इंटरनल पेट्रोल कंबशन इंजन

इंटरनल पेट्रोल कंबशन इंजन या पेट्रोल इंजन की शुरुआत 1876 में जर्मनी में हुई थी. पेट्रोल इंजन में स्पार्क प्लग का इस्तेमाल होता है, जिससे ईंधन जलता है और इंजन पावर जेनरेट करता है. भारत में उपलब्ध गाड़ियों में बीएस6 फेज-II मानकों वाले इंजन का इस्तेमाल होता है. इसमें गाड़ियों से कम मात्रा में उत्सर्जन होता है, जिससे प्रदूषण कम होता है. टाटा पंच, वेन्यू और सोनेट जैसी गाड़ियों में इस इंजन का इस्तेमाल होता है.

इंटरनल डीजल कंबशन इंजन

इंटरनल डीजल कंबशन इंजन या डीजल इंजन के प्रोटोटाइप को 1893 में तैयार किया गया था. गाड़ियों में इसका इस्तेमाल 1897 से शुरू हुआ. डीजल इंजन में ईंधन में स्पार्क प्लग की जरूरत नहीं होती. इसमें ईंधन को सीधे सिलेंडर में स्प्रे किया जाता है. एक लीटर डीजल एक लीटर पेट्रोल की तुलना में अधिक ऊर्जा पैदा करता है.

सीएनजी इंजन

सीएनजी तकनीक का प्रयोग मौजूदा समय में पेट्रोल इंजन वाले वाहनों के साथ किया जाता है. इसके लिए वाहन में एक किट लगाई जाती है. साल 1901 में पहली बार सीएनजी इंजन का इस्तेमाल कार में किया गया था. इसके गैस सिलेंडर को कार के बूट स्पेस में रखा जाता है. पेट्रोल की ऊंची कीमतों और पर्यावरण संबंधी चिंताओं के चलते सीएनजी का प्रयोग निजी कार, ऑटो रिक्शा, पिकअप ट्रक, ट्रांजिट और स्कूल बसों में किया जा रहा है.

Toyota-Ford: दो विदेशी कंपनियों में ‘साख का टकराव’! पढ़ें दोनों की रोचक कहानी

एलपीजी इंजन

एलपीजी इंजन वाली कार काफी हद तक सीएनजी कार की जैसी ही होती हैं. इनमें ईंधन के रूप में रसोई वाली एलपीजी का इस्तेमाल किया जाता है. मारुति सुजुकी ने भारत की पहली एलपीजी इंजन वाली गाड़ी 2006 में बनाई थी. सेफ्टी के लिहाज से गाड़ियों में एलपीजी रेट्रो फिटिंग का इस्तेमाल सही नहीं है. यही वजह है कि फिलहाल, भारत में कोई भी एलपीजी इंजन वाली गाड़ी बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं है.

माइल्ड हाइब्रिड इंजन

माइल्ड हाइब्रिड वाहनों में आईसीई इंजन के साथ-साथ एक इलेक्ट्रिक मोटर होती है. इसकी शुरुआत 1902 में की गई थी. इस तरह के वाहन की इलेक्ट्रिक मोटर और बैटरी में इतनी पावर यानी क्षमता नहीं होती, जो वह स्वयं वाहन को चला सके. यह तकनीक कार के इंजन को केवल सहायता प्रदान करती है, जिससे उस पर अधिक लोड नहीं बनता है.

स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड इंजन

स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड वाहनों में भी एक आईसीई इंजन और इलेक्ट्रिक मोटर होती है. हालांकि, इस तकनीक में ऐसी इलेक्ट्रिक मोटर और बैटरी पैक का इस्तेमाल होता है, जो वाहन को इंजन से स्वतंत्र रखकर भी चला सकती है. इस तरह की कारों में माइल्ड और स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड दोनों के लिए मोड्स दिए जाते हैं. स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड में इलेक्ट्रिक मोटर कार को धीमी गति में ही पावर दे सकती है. तेज गति पर कार का इंजन स्वत: शुरू हो जाता है.

बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन

भारत में धीरे-धीरे बैटरी संचालित इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग तेजी से बढ़ रही है. इसमें इलेक्ट्रिक मोटर और बैटरी लगी होती है. गाड़ी में लगी बैटरी से इलेक्ट्रिक मोटर को पावर मिलता है. 1993 के दौरान भारत में पहली इलेक्ट्रिक गाड़ी ‘लवबर्ड’ सड़कों पर चली थी. इन बैटरी को चार्जिंग स्टेशन या घर पर आसानी से चार्ज किया जा सकता है.

फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक वाहन

फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक वाहन में हाइड्रोजन का इस्तेमाल फ्यूल के रूप में होता है. अंतरिक्ष में रॉकेट भेजने के लिए भी इसी फ्यूल का इस्‍तेमाल किया जाता है. वाहनों में इसका इस्तेमाल 2014 में शरू हुआ. इलेक्ट्रिक वाहनों की तरह इनमें भी बैटरी और इलेक्ट्रिक मोटर लगी होती है. हालांकि, इन्हे चार्ज नहीं किया जाता. ये हाइड्रोजन फ्यूल की मदद से पावर जनरेट करती हैं और चलती हैं.

पावरट्रेन क्या है?

पावरट्रेन वह प्रणाली है जिसमें कार या मोटरसाइकिल का इंजन शामिल होता है। यह वाहन के प्रदर्शन, गति और ईंधन की खपत को निर्धारित करता है।

पावरट्रेन के प्रकार क्या हैं?

पावरट्रेन के मुख्य प्रकारों में इंटरनल पेट्रोल कंबशन इंजन, इंटरनल डीजल कंबशन इंजन, सीएनजी इंजन, एलपीजी इंजन, माइल्ड हाइब्रिड इंजन, स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड इंजन, बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (बीईवी) और फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक वाहन (एफसीईवी) शामिल हैं।

इंटरनल पेट्रोल कंबशन इंजन कैसे काम करता है?

इस इंजन में स्पार्क प्लग का उपयोग होता है, जिससे ईंधन जलता है और पावर जनरेट होता है। यह भारत में बीएस6 फेज-II मानकों के अनुरूप होता है, जिससे प्रदूषण कम होता है।

सीएनजी इंजन का उपयोग क्यों किया जाता है?

सीएनजी इंजन का उपयोग पेट्रोल इंजन वाले वाहनों के साथ किया जाता है, और यह पर्यावरण के अनुकूल है। इसके साथ एक किट लगाई जाती है, जिससे कार में सीएनजी गैस का इस्तेमाल किया जा सके।

बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन कैसे कार्य करते हैं?

बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों में इलेक्ट्रिक मोटर और बैटरी होती है, जो बैटरी से पावर प्राप्त करती हैं। इन्हें चार्जिंग स्टेशन या घर पर चार्ज किया जा सकता है।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें