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Coolant: गरमी में कार को ओवरहीट होने पर कैसे करेंगे ठंडा, क्या है उपाय?

Coolant: गरमी के मौसम में कार का इंजन ओवरहीट हो जाता है. गाड़ी को ओवरहीटिंग से बचाए रखना जरूरी है, अन्यथा उसका परफॉर्मेंस खराब होने और आग लगने का खतरा रहता है.

Coolant: भारत में गरमी दस्तक देने को तैयार है. गरमी के मौसम में चिलचिलाती धूप और तेज लू से आदमी-जानवर और पेड़-पौधे भी झुलसने लगते हैं. ऐसे में, अगर आपके पास कार है, तो सोचिए उसकी क्या स्थिति होती होगी. गरमी में उसका इंजन कितना गरम होता होगा? उस पर तुर्रा यह कि गरमी के मौसम में अगर कोई गरमी के मौसम में लॉन्ग ट्रिप पर निकल जाए, तब कार के इंजन की स्थिति क्या हो सकती है? यह सोचने का विषय है. ऐसी स्थिति में कार को ओवरहीटिंग का खतरा रहता है और जब कोई कार ओवरहीट हो जाती है, तो उसमें आग लगने का भी खतरा रहता है. इसलिए गरमी के दिनों में कार, बस या किसी भी गाड़ी को जितना कूल यानी ठंडा रखा जाए, उतना ही बेहतर है. अब सवाल यह पैदा होता है कि गरमी में कार या अन्य चार पहिए वाले वाहनों को ठंडा कैसे रखा जा सकता है? तो फिर आइए जानते हैं.

गरमी में कार को कैसे रखेंगे Cool

गरमी के मौसम में कार या किसी भी चार पहिए वाले वाहन के इंजन को ठंडा रखने या फिर ओवरहीटिंग से बचाए रखने के लिए सबसे पहला उपाय उसकी सर्विसिंग कराना है. सर्विसिंग के दौरान आपको खास ख्याल यह रखना है कि आप अपनी गाड़ी में मोबिल ऑयल के साथ-साथ कूलेंट जरूर डलवाएं. यह कूलेंट ही है, जो आपकी कार, बस या अन्य चार पहिए वाले वाहनों के इंजन को ओवरहीटिंग से बचाता है. कई बार लोग कूलेंट के खर्च से बचने के लिए पानी डालकर भी काम चला लेते हैं, लेकिन यह प्रैक्टिस आपकी गाड़ी की सेहत के लिए ठीक नहीं है. कार के इंजन को ठंडा करने के लिए कूलेंट फ्लश कराना ही सही तरीका है.

Coolant क्या है और कैसे करता है काम

कूलेंट मोबिल ऑयल की ही तरह एक प्रकार का लिक्विड है, जो कार के इंजन को ठंडा रखने में सक्षम है. यह हरे रंग का होता है. इसे कूलेंट फ्लश या फिर रेडिएटर फ्लश भी कहा जाता है. यह कार के रेडिटर को ठंडा रखने और कार्बोरेटर में जमा कचरे को साफ करने वाले केमिकल का मिक्सचर है. इसका इस्तेमाल कार को ओवरहीटिंग से बचाने के साथ-साथ स्केलिंग, जंग या रेडिएट और कार्बोरेटर में जमा कार्बन को साफ करने के लिए भी किया जाता है. कार में इसका होना बेहद जरूरी है. कार में कूलेंट को एक लेवल पर होना जरूरी है.

कार में Coolant डालना क्यों है जरूरी

स्टेलिंग, जंग और पुराने एंटी-फ्रीज अवशेषों को हटाने के लिए कार में कूलेंट डालना आवश्यक होता है. इससे कार का कूलेंट सिस्टम बेहतरीन तरीके से काम करता है. इससे आपकी कार का इंजन हमेशा ठंडा रहता है. कूलेंट में झाग आने पर भी कार के इंजन को ठंडक मिलती है. कूलेंट की पॉलिशिंग नहीं कराने पर वाटर पंप को फटने या फिर फेल होने का खतरा अधिक रहता है. ऐसा होने पर वाटर पंप पूरी तरह से सील हो जाता है. वाटर पंप को टिकाऊ बनाए रखने के लिए कूलेंट फ्लश कराते रहना बेहद जरूरी है.

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कार में Coolant कब बदलना चाहिए

कार को गरमी में केयर करने का सबसे सही तरीका यह है कि अगर आपकी कार बार-बार ओवरहीट हो रही है, तो फिर यह समझ लेना चाहिए कि उसमें कूलेंट का लेवल कम हो गया है या फिर वह प्रदूषित हो गया है. जिस प्रकार मोबिल ऑयल के प्रदूषित होने पर कार कच्चा धुंआ देना शुरू कर देता है, वैसे ही कूलेंट में कचरा जमने पर कार ओवरहीट होने लगती है. इसकी पहचान का सबसे आसान तरीका उसके रंग का बदलना है. इसकी दूसरी पहचान यह है कि कूलेंट के गंदा होने पर आपकी कार से बदबू आने लगती है. कई बार कूलेंट लीक होने पर भी कार से बदबू आने लगती है. इन दोनों ही स्थिति में आपको प्रोपर तरीके से कार के इंजन को चेक करके उसके कूलेंट का लेवल ठीक करा लेना चाहिए और रेडिएट-कार्बोरेटर को साफ रखना चाहिए.

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