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Hybrid कारों पर रजिस्ट्रेशन टैक्स माफ, यूपी सरकार के इस फैसले का क्या होगा असर?

यूपी सरकार ने हाइब्रिड कारों पर रजिस्ट्रेशन टैक्स पूरी तरह से माफ कर दिया है. इस फैसले से जहां उत्तर प्रदेश में हाइब्रिड कारों की कीमतों में लाखों रुपये की कमी हो जाएगी वहीं देशभर में इस फैसले का व्यापक असर होगा, भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर इस तरह राहत की लंबे समय से प्रतीक्षा कर रहा था.

Hybrid Cars: उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड और प्लग-इन हाइब्रिड वाहनों पर 100 रजिस्ट्रेशन फीस में छूट देने की घोषणा की. इससे राज्य में हाइब्रिड कारों की कीमतों में 3.5 लाख रुपये तक की कमी आएगी और कई उपभोक्ताओं के लिए इलेक्टरिफाइड वाहन काफी हद तक किफायती हो जाएंगे. उम्मीद है कि इस कदम से हाइब्रिड कारों की बिक्री और मांग में बढ़ोतरी होगी. दिलचस्प बात यह है कि यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब ऑटो उद्योग में हाइब्रिड वाहनों के लिए टैक्स में छूट को लेकर काफी बहस चल रही है. जहां एक ओर टोयोटा जैसी कई ऑटोमेकर कंपनियां हाइब्रिड कारों पर जीएसटी दर में कटौती की वकालत कर रही हैं, वहीं टाटा मोटर्स जैसी ओईएम ने इस मांग का विरोध किया है.

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यूपी सरकार के इस फैसले अन्य राज्य भी होंगे प्रभावित

यूपी सरकार के इस फैसले पर मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आर सी भार्गव ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हाइब्रिड वाहनों पर 100 प्रतिशत पंजीकरण शुल्क में छूट देने के फैसले से इस तथ्य को मान्यता मिली है कि कार्बन उत्सर्जन और तेल आयात को कम करने के लिए कई नई तकनीकों की जरूरत है. उन्होंने यह भी कहा कि इस कदम से वाहनों के उत्सर्जन को कम करने में हाइब्रिड वाहनों के महत्व को भी मान्यता मिली है. भार्गव ने पीटीआई से बात करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के इस कदम से देश के अन्य राज्य भी इस तरह के प्रस्तावों पर विचार करने के लिए प्रेरित होंगे.

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इलेक्ट्रिक कार ही एकमात्र विकल्प नहीं

भार्गव ने आगे कहा कि इलेक्ट्रिक कार ही एकमात्र विकल्प नहीं हैं, हाइब्रिड कार जैसी अन्य प्रभावी तकनीकें भी इस समस्या से निपटने के लिए हैं. दिलचस्प बात यह है कि टोयोटा ने भी पहले यही कहा था. उत्तर प्रदेश सरकार के इस कदम से मारुति सुजुकी ग्रैंड विटारा, टोयोटा इनोवा हाइक्रॉस और अर्बन क्रूजर हाइराइडर जैसी कारें, जो स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड तकनीक के साथ आती हैं, उत्तर प्रदेश में ग्राहकों के लिए अधिक किफायती हो जाएंगी.

हाइब्रिड वाहन Internal Combustion Engine द्वारा संचालित होते हैं

हाइब्रिड वाहन एक Internal Combustion Engine द्वारा संचालित होते हैं जो एक या अधिक इलेक्ट्रिक मोटर के साथ जुड़े होते हैं, जो बैटरी में संग्रहित ऊर्जा का उपयोग करते हैं. भारत में वर्तमान में हाइब्रिड वाहनों पर कुल टैक्स का बोझ 43 प्रतिशत है, जिसमें जीएसटी शामिल है, जबकि बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों पर लगभग पांच प्रतिशत कर लगता है. इससे हाइब्रिड कारें इलेक्ट्रिक वाहनों की तुलना में काफी अधिक कीमत वाली हो जाती हैं, भले ही हाइब्रिड मॉडल अपने शुद्ध पेट्रोल या डीजल समकक्षों की तुलना में कम उत्सर्जन करते हैं.

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Hybrid कारों पर कितना रजिस्ट्रेशन टैक्स लगता है?

भारत में वर्तमान में हाइब्रिड वाहनों पर कुल टैक्स का बोझ 43 प्रतिशत है, जिसमें जीएसटी शामिल है, जबकि बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों पर लगभग पांच प्रतिशत कर लगता है. इससे हाइब्रिड कारें इलेक्ट्रिक वाहनों की तुलना में काफी अधिक कीमत वाली हो जाती हैं, भले ही हाइब्रिड मॉडल अपने शुद्ध पेट्रोल या डीजल समकक्षों की तुलना में कम उत्सर्जन करते हैं.

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