Chandra Grahan 30 November 2020 Date and Time in India: सोमवार 30 नवंबर को इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगेगा. इसी दिन कार्तिक पूर्णिमा है और देव दीपावली भी इसी दिन मनायी जाती है. इसी दिन सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक जी का 551वां जन्मदिन भी मनाया जाएगा. कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को पड़ने वाला यह ग्रहण कुल 4 घंटे 18 मिनट 11 सेकेंड तक रहेगा. यह खगोलीय घटना दोपहर 01 बजकर 04 मिनट से शुरू होकर शाम 5 बजकर 22 मिनट तक होगी. दोपहर 3:13 मिनट पर यह अपने चरम पर होगा. यह चंद्र ग्रहण भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और एशिया में दिखाई दे सकता है.
इस ग्रहण में सूर्य से चंद्रमा पर सीधे नीचे जाने वाले प्रकाश का कुछ हिस्सा पृथ्वी पर आकर उसकी बाहरी परछाईं रोक देगा. इसी कारण इस बार चंद्रमा की चमक मध्यम दिखाई पड़ेगी. हालांकि, दिन में ग्रहण के समय चंद्रमा क्षितिज के बीच होने के कारण यह लोगों को शाम के समय सिर्फ 22 मिनट तक ही दिखाई देगा.
टेलीस्कोप से चंद्रग्रहण देखने की व्यवस्था
चंद्रग्रहण की घटना खगोलीय दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण होती है. ऐसे में देशभर में स्थित खगोलीय महत्व के कई संस्थानों में टेलीस्कोप से चंद्रग्रहण देखने की व्यवस्था की गई है. कोरोना संक्रमण की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए किसी भी व्यक्ति को टेलीस्कोप छूने की इजाजत नहीं होगी. हर बार टेलीस्कोप को सैनिटाइज करने के बाद ही दूसरे व्यक्ति को ग्रहण देखने के लिए दिया जाएगा.
कैसे लगता है चंद्रग्रहण?
जब पृथ्वी सूर्य के प्रकाश को चंद्रमा तक पहुंचने से रोक देती है, यानी सूरज और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी आ जाती है, तो उस स्थिति को चंद्रग्रहण कहा जाता है. यह तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया में चला जाता है.
उपच्छाया चंद्र ग्रहण कब लगता है?
30 नवंबर को लगने जा रहा चंद्र ग्रहण साल 2020 का आखिरी होगा. यह चंद्रग्रहण उपच्छाया (Upachhaya) ग्रहण होगा. उपच्छाया चंद्र ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा धरती की वास्तविक छाया में न आकर उसकी उपच्छाया से ही वापस लौट जाता है. इसी कारण इस बार चंद्रमा की चमक मध्यम दिखाई पड़ेगी. यह साल का चौथा चंद्रग्रहण होगा. साल 2020 में इससे पहले 10 जनवरी, 5 जून और 5 जुलाई को चंद्रग्रहण देखा गया था.
उपच्छाया ग्रहण क्या होता है?
चंद्र ग्रहण के शुरू होने से पहले चंद्रमा धरती की उपछाया में प्रवेश करता है. जब चंद्रमा पृथ्वी की वास्तविक छाया में प्रवेश किये बिना ही बाहर निकल आता है, तो उसे उपछाया ग्रहण कहते हैं. चंद्रमा जब धरती की वास्तविक छाया में प्रवेश करता है, तभी उसे पूर्ण रूप से चंद्रग्रहण माना जाता है.
कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण?
30 नवंबर को लगने वाला यह चंद्र ग्रहण यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, नॉर्थ अमेरिका, साउथ अमेरिका, प्रशांत और अटलांटिक महासागर के अलावा एशिया के कुछ हिस्सों में ही दिखाई देगा. हालांकि इस चंद्र ग्रहण का असर भारत में नहीं पड़ेगा.
14 दिसंबर 2020 को लगेगा सूर्य ग्रहण
14 दिसंबर 2020 को लगने वाला ग्रहण साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण होगा. यह ग्रहण पैसिफिक, साउथ अमेरिका और अंटार्कटिका में दिखेगा. सूर्य ग्रहण की शुरुआत 14 दिसंबर की शाम 7 बजकर 3 मिनट से होगी और समाप्त 15 दिसंबर की रात 12 बजे के करीब होगा.