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बाइक टैक्सी चलाने वालों को लेना होगा कॉन्ट्रैक्ट कैरिज परमिट, परिवहन मंत्रालय ने राज्यों को जारी की एडवाइजरी

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने देशभर में चलने वाली बाइक टैक्सी के लिए कॉन्ट्रैक्ट कैरिज परमिट लेना अनिवार्य कर दिया है. परमिट नहीं रहने की स्थिति में उनके खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए मंत्रालय ने देश के सभी राज्यों को एडवाइजरी भी जारी कर दिया है.

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने देशभर में चलने वाली बाइक टैक्सी के लिए कॉन्ट्रैक्ट कैरिज परमिट लेना अनिवार्य कर दिया है. परमिट नहीं रहने की स्थिति में उनके खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए मंत्रालय ने देश के सभी राज्यों को एडवाइजरी भी जारी कर दिया है.

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बाइक टैक्सी वालों को कॉन्ट्रैक्ट कैरिज परमिट लेना हुआ जरूरी. फोटो: सोशल मीडिया

नई दिल्ली: बाइक टैक्सी चलाने वाले लोगों के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण खबर है और वह यह है कि बाइक टैक्सी अब कॉन्ट्रैक्ट कैरिज की श्रेणी में आएगी. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत बाइक टैक्सी की कानूनी स्थिति को स्पष्ट किया है. इसके साथ ही, मंत्रालय ने बाइक टैक्सी को लेकर राज्यों के लिए परामर्श भी जारी किया है. इसमें खास बात यह है कि देश में जो लोग बाइक टैक्सी का संचालन करते हैं, उनके लिए कॉन्ट्रैक्ट कैरिज परमिट लेना जरूरी हो गया है. परमिट नहीं रहने की स्थिति में उनके खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

यात्रियों को किराए पर कराती है सफर

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सड़क परिवहन मंत्रालय ने बाइक टैक्सी की कानूनी स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा है कि मोटरसाइकिल मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत कॉन्ट्रैक्ट कैरिज की परिभाषा में आती हैं. मोटर वाहन अधिनियम के मुताबिक, कॉन्ट्रैक्ट कैरिज एक विशिष्ट समझौते के तहत यात्रियों को किराए पर ले जाने वाला वाहन है.

परिवहन मंत्रालय ने राज्यों को दी एडवाइजरी

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बाइक टैक्सी पर राज्यों को जारी एक परामर्श में कहा है कि कुछ राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेश परमिट के लिए दाखिल अर्जियों पर कार्रवाई करते समय मोटरसाइकिल को कॉन्ट्रैक्ट कैरिज होने को लेकर विचार कर रहे हैं. मंत्रालय ने कहा कि यह स्पष्ट किया जाता है कि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 2(28) के अनुरूप 25 सीसी से अधिक इंजन क्षमता वाले चार पहियों से छोटे वाहन भी मोटर वाहनों की परिभाषा में आते हैं. इस लिहाज से मोटरसाइकिल भी अधिनियम की धारा 2(7) के तहत इस दायरे में आएंगी.

बाइक टैक्सी के लिए कॉन्ट्रैक्ट कैरिज परमिट जरूरी

कॉन्ट्रैक्ट कैरिज समझौते का मतलब यह है कि किसी रूट पर या उसके बगैर उस वाहन को दूरी या समय के आधार पर एक निश्चित कीमत पर किराए पर लेना है. इस स्थिति में मंत्रालय ने सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को सलाह दिया है कि वे मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप मोटरसाइकिलों के लिए कॉन्ट्रैक्ट कैरिज परमिट के लिए आवेदन स्वीकार करें और उन पर कार्रवाई करें.

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