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Coromandel Train Accident Reason: मेन लाइन की जगह लूप लाइन पर थी कोरोमंडल एक्सप्रेस? क्या है दोनों में अंतर?

Coromandel Express Accident Reason - रेलवे के सिग्नलिंग कंट्रोल रूम से आ रही प्रारंभिक सूचना के अनुसार, इस हादसे की वजह मानवीय भूल भी हो सकती है. शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि ट्रेन ने गलत पटरी बदली थी.

Coromandel Express Accident Reason: उड़ीसा के बालासोर जिले में कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने की शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार, दुर्घटना की मुख्य वजह सिग्नल की गड़बड़ी बतायी जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रेलवे के कुछ सुपरवाइजर्स ने दुर्घटना स्थल का दौरा करने के बाद जो शुरुआती रिपोर्ट तैयार की है, उसके मुताबिक शुक्रवार की शाम 7 बजे कोरोमंडल एक्सप्रेस 127 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रही थी. ओडिशा के बालासोर जिले के एक स्टेशन के पास उसकी टक्कर मालगाड़ी से हो गई.

मेन लाइन की जगह लूप लाइन पर क्यों गयी ट्रेन?

रेलवे के सिग्नलिंग कंट्रोल रूम से आ रही प्रारंभिक सूचना के अनुसार, इस हादसे की वजह मानवीय भूल भी हो सकती है. शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि ट्रेन ने गलत पटरी बदली थी. हालांकि हादसे की सही वजह जांच पूरी होने के बाद ही सामने आयेगी. वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स में एक वीडियो की चर्चा हो रही है, जो खड़गपुर रेलवे डिविजन के सिग्नलिंग कंट्रोल रूम का है. इसमें दिख रहा है कि चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस लूप लाइन ले रही है, जिसपर मालगाड़ी खड़ी है. यह वाकया शुक्रवार शाम 6 बजकर 55 मिनट का है. कोरोमंडल एक्सप्रेस बहनागा बाजार स्टेशन से निकलती है और लूप लाइन पर चली जाती है, जबकि उसे मेन लाइन पर जाना था.

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लूप लाइन और मेन लाइन में क्या अंतर है?

रेलवे की मुख्यत: दो लाइनें होती हैं. एक आने की और एक जाने की. इन्हें मेन लाइन कहते हैं. रेलवे प्लैटफाॅर्म पर इन मेन लाइनों में से जरूरत के मुताबिक, दो या चार अतिरिक्त लाइनें निकाली जाती हैं, जो ट्रेन को प्लैटफाॅर्म पर पहुंचाती हैं या साइड में माल गाड़ी को खड़ी करने के काम आती हैं. इन्हें लूप लाइन कहते हैं. रेलवे सूत्रों के मुताबिक, कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन हादसे की एकमात्र वजह डीरेलमेंट है. वहां पर दो मेन लाइन और दो लूप लाइन थी. मेन लाइन से कोरोमंडल एक्सप्रेस आ रही थी, वह डीरेल हुई उसका एक हिस्सा लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी से टकराया और दूसरा हिस्सा दूसरी तरफ आ रही पैसेंजर ट्रेन से टकराया.

मानवीय भूल की वजह से घटी घटना?

रेल मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, कोरोमंडल एक्सप्रेस मालगाड़ी से टकराने के बाद मेन लाइन पर डिरेल हो गई. उसके डिब्बे मेन लाइन पर पलट गए. कुछ ही मिनट बाद हावड़ा जाने वाली यशवंत नगर एक्सप्रेस दूसरी दिशा से आकर डीरेल हुई कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा गई. अधिकारी ने बताया कि यह हादसा कैसे हुआ, यह जांच पूरी होने के बाद ही पता चलेगा. लेकिन प्रारंभिक जांच में यह मानवीय भूल लग रही है. आपको बता दें कि ऐसा ही एक एक्सीडेंट 1995 में उत्तरप्रदेश के फिरोजाबाद में हुआ था, जहां 3 ट्रेनें आपस में टकराई थीं. इस हादसे में 350 से ज्यादा यात्री मारे गए थे. ट्रैक पर 3 दिन तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला था.

हेल्पलाइन नंबर्स और मुआवजे का अपडेट

बालासोर जिला प्रशासन ने ट्रेन हादसे में फंसे या पीड़ितों की मदद के लिए एमरजेंसी कंट्रोल रूम का नंबर जारी किया है. यह है- 06782 262286. इसके साथ ही, हावड़ा के लिए हेल्पलाइन नंबर 26382217, खड़गपुर के लिए 8972073925, 9332392339, बालेश्वर के लिए 8249591559, 7978418322 जारी किये गए हैं. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मरने वालों के लिए 10-10 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है. वहीं, गंभीर रूप से घायल हुए यात्रियों को 2 लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों को 50 हजार रुपये बतौर मुआवजा दिये जाएंगे.

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