भारतीय रेलवे के साथ सजग रहने का एक महत्वपूर्ण तरीका है आईआरसीटीसी (IRCTC), जिसे भारतीय रेलवे का ऑनलाइन यात्रा बुकिंग प्लेटफ़ूर्म कहा जा सकता है. यह एक डिजिटल प्लैटफॉर्म है जो यात्रियों को आसानी से ट्रेन टिकट बुक करने की सुविधा प्रदान करता है. आईआरसीटीसी के माध्यम से यात्री अपनी पसंदीदा डेस्टिनेशन के लिए ट्रेन टिकट आसानी से बुक कर सकते हैं. यह वेबसाइट और मोबाइल ऐप दोनों के माध्यम से उपलब्ध है, जिससे यात्रीगण अपने सुविधानुसार टिकट बुक कर सकते हैं. इसके अलावा, आईआरसीटीसी पर विभिन्न प्रकार के सीट और ट्रेन ऑप्शन की जानकारी भी मिलती है, जिससे यात्रीगण अपनी यात्रा को और भी आसान बना सकते हैं. यह प्लेटफ़ूर्म न केवल यात्रीगण के लिए सुविधाएं प्रदान करता है, बल्कि यह भारतीय रेलवे के लिए भी एक महत्वपूर्ण डिजिटल कदम है. डिजिटलीकरण के माध्यम से, भारतीय रेलवे ने यात्रा बुकिंग प्रक्रिया को सुगम और अनुकूलित बनाया है, जिससे लाखों लोग आसानी से ट्रेन यात्रा का आनंद उठा सकते हैं. संक्षेप में, आईआरसीटीसी भारतीय रेलवे की डिजिटल उम्मीद है, जो यात्रियों को आसानी से और सुरक्षित तरीके से यात्रा करने का मौका प्रदान करता है. इसके माध्यम से, हम अपनी यात्रा का आनंद ले सकते हैं और भारतीय रेलवे के साथ डिजिटल युग में कदम मिलाने का गर्व महसूस कर सकते हैं.
हाल ही में खबर आयी है कि 78 वर्षीय व्यक्ति ने एक भ्रामक IRCTC टिकट स्कैम में अपने करीबन 4 लाख रुपये लुटा दिए. दरअसल यह मामला केरल का है. 78 वर्षीय व्यक्ति के लिए परेशानियों का दौर उस समय शुरू हुआ जब उन्होंने IRCTC की वेबसाइट के जरिए ट्रेन टिकट कैंसिल करने का प्रयास किया. सामने आयी जानकारी के मुताबिक पीड़ित व्यक्ति ने अपने टिकट को कैंसिल करने के लिए IRCTC की फेक/फर्जी वेबसाइट का इस्तेमाल किया जिसके बाद उसे स्कैम का शिकार बना लिया गया था. स्कैम का शिकार होने पर पीड़ित व्यक्ति को अपने 4 लाख रुपये गंवाने पड़े.
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मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो केरल के कोझिकोड वंडीपेट्टा में रहने वाले एम मोहम्मद बशीर जिनकी उम्र 78 वर्ष है अपनी यात्रा की योजना बदलने के लिए बुक किये गए टिकट्स को कैंसिल करने की कोशिश कर रहे थे. उनसे बस गलती इतनी हुई की उन्होंने टिकट कैंसिल करने के लिए फर्जी वेबसाइट ओपन कर लिया. जैसे ही उन्होंने साइट को ओपन किया उनके पास एक अनजान व्यक्ति का कॉल आया जिसने खुद को रेलवे का एक अधिकारी बताया. फ्रॉड व्यक्ति ने इंग्लिश और हिंदी दोनों ही भाषाओं में उनसे बात की और उन्हें अपने झांसे में ले लिया. नकली रेलवे अधिकारी ने पीड़ित व्यक्ति को रेड डेस्क नामक एक मोबाइल ऐप डाउनलोड करने को कहा. पीड़ित व्यक्ति समझ नहीं स्का कि उसके साथ फ्रॉड किया जा रहा है. जैसे ही उन्होंने ऐप को इंस्टॉल किया उन्हें पता चला कि उनके अकाउंट से पैसे निकाल लिए गए हैं. पैसे निकलने की जानकारी मिलने पर वे तुरंत बैंक पहुंचे जहां उन्हें पता चला कि उनके 4 लाख रुपये उड़ा लिए गए हैं.
पुलिस ने जो जानकारी दी उससे पता चला कि स्कैमर्स ने बशीर को चूना लगाने के लिए तीन अलग फोन नंबर्स का इस्तेमाल किया. स्कैमर्स ने उन्हें कई बार कॉल किया और जब उन्होंने पैसे निकालने के बाद पहली बार बैंक को जानकारी देने की कोशिश की तो स्कैमर्स ने उन्हें ऐसा करने से भी मना कर दिया. बशीर ने बाद में अपने स्मार्टफोन को फॉर्मेट किया और बैंक साथ-साथ साइबर सेल को इस घटना की जानकारी दी.
अगर आप भी ऑनलाइन प्लैटफॉर्म का इस्तेमाल काफी ज्यादा करते हैं तो हम आपको सलाह देंगे कि इंटरनेट के माध्यम से टिकट कैंसिल करते समय या ऑनलाइन पेमेंट करते समय कई खास बातों का ध्यान रखें. ध्यान में रखें कि आप हमेशा ऑफिशियल वेबसाइट का इस्तेमाल करें। वहीं, कॉल पर किसी को भी अपनी बैंकिंग डिटेल्स और पर्सनल जानकारी देने से पहले कई बार सोच लें और कोशिश करें कि आप उनके साथ कोई भी जानकारी शेयर न कर दें. अपने स्मार्टफोन पर किसी भी थर्ड पार्टी ऐप को डाउनलोड करने से बचें और अगर किसी भी ऐप को डाउनलोड करना हो तो उसे ऑफिशियल वेबसाइट से ही डाउनलोड करें.