G20 Summit 2023 : जी-20 समिट में क्रिप्टोकरेंसी पर बड़ा फैसला ले लिया गया है. नयी दिल्ली के प्रगति मैदान में भारत मंडपम में चल रहे जी20 समिट में शामिल सभी देश इस बात पर सहमत हो गए हैं कि क्रिप्टोकरेंसी को रेग्युलेट करने के लिए एक वैश्विक कानून की जरूरत है. इसके लिए एक ग्लोबल रेग्युलेटरी फ्रेमवर्क बनाने की जरूरत है.
आईएमएफ-फाइनेंशियल स्टेबिलिटी बोर्ड (एफएसबी) यह ग्लोबल रेग्युलेटरी फ्रेमवर्क बनाएंगे. इस बात की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम क्रिप्टोएसेट इकोसिस्टम में तेजी से हो रहे विकास और जोखिमों पर गहरी नजर बनाये हुए हैं. ग्लोबल रेग्युलेटरी फ्रेमवर्क बनाने से क्रिप्टोकरेंसी के गलत इस्तेमाल पर नकेल कसने में मदद मिलेगी.
Also Read: G20 Summit: भारत मंडपम में AI के जरिये मेहमानों को दिखाया जा रहा डिजिटल इंडिया का सफरजी-20 नेताओं ने नयी दिल्ली घोषणापत्र में क्रिप्टो परिसंपत्तियों के लिए रिपोर्टिंग ढांचे के तेजी से कार्यान्वयन पर निर्णय लेते हुए कहा कि बड़ी संख्या में सदस्य देश 2027 तक ऐसी गैर-वित्तीय परिसंपत्तियों पर सूचना का आदान-प्रदान शुरू करना चाहते हैं. क्रिप्टो एसेट रिपोर्टिंग फ्रेमवर्क (सीएआरएफ) या खाका को यह सुनिश्चित करने के लिए विकसित किया जा रहा है कि कर चोरों द्वारा ऐसी गैर-वित्तीय संपत्तियों का उपयोग अपनी बेहिसाब संपत्ति को छिपाने के लिए नहीं किया जाए.
Also Read: Apple iPhone 15 सीरीज, Vivo का रिंग फोन, Nokia का सेल्फ रिपेयरिंग फोन सहित ये हैंडसेट्स पर इस महीने रहेगी नजरसर्वसम्मति से पारित जी-20 नेताओं के नयी दिल्ली घोषणापत्र (नयी दिल्ली लीडर्स समिट डिक्लेरेशन) के अनुसार, हम सीएआरएफ के त्वरित कार्यान्वयन और सीआरएस में संशोधन का आह्वान करते हैं. हम ‘कर उद्देश्यों के लिए पारदर्शिता और सूचना के आदान-प्रदान पर वैश्विक मंच’ से संबंधित अधिकार-क्षेत्रों द्वारा सूचनाओं का आदान-प्रदान शुरू करने के लिए एक उचित और समन्वित समयसीमा चिह्नित करने के लिए कहते हैं.
Also Read: G20 India मोबाइल ऐप क्या है और यह G20 Summit के डेलीगेट्स के साथ आम लोगों के किस काम आयेगा?दिल्ली में 20 विकासशील और विकसित देशों के नेताओं ने 21वीं सदी की जरूरतों के अनुरूप वैश्विक स्तर पर निष्पक्ष, टिकाऊ और आधुनिक अंतरराष्ट्रीय कर प्रणाली की दिशा में सहयोग जारी रखने की प्रतिबद्धता दोहराई है. नयी दिल्ली घोषणापत्र में कहा गया, हम दो-स्तंभीय अंतर्राष्ट्रीय कर पैकेज के त्वरित कार्यान्वयन के लिए प्रतिबद्ध हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सम्मेलन के बाद कहा, देशों के बीच अचल संपत्ति के लेन-देन की जानकारी के आदान-प्रदान पर काम हुआ है. ओईसीडी के सहयोग से कर और वित्तीय अपराध जांच के लिए दक्षिण एशिया अकादमी के प्रायोगिक कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया है.
Also Read: Aadhaar Card Free Update: आधार को फ्री में अपडेट करने की बढ़ गई तारीख, UIDAI ने दी बड़ी राहतवैश्विक कर समझौते के तहत, भारत सहित लगभग 140 देश वैश्विक कर मानदंडों में व्यापक बदलाव के लिए सहमत हुए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बहुराष्ट्रीय कंपनियां जहां भी काम करती हैं, न्यूनतम 15 प्रतिशत की दर से कर का भुगतान करें. हालांकि, इसके कार्यान्वयन से पहले कुछ जटिल मुद्दों को अब भी सुलझाने की आवश्यकता है.