13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

नाबालिग को अपनी गाड़ी चलाने को दी तो चले जाएंगे जेल! जानें क्या कहता है नियम

भारत में गाड़ी चलाने के लिए मोटर वाहन अधिनियम 1988 बनाया गया था. यह ड्राइवरों और कंडक्टरों के लाइसेंस, मोटर वाहनों के रजिस्ट्रेशन, उनके परमिट को नियंत्रित करने के प्रावधान, ट्रैफिक नियमों, संबंधित इंश्योरेंस, देनदारियों और जुर्माना आदि पर दिशा-निर्देश प्रदान करता है.

Motor Vehicle Rules: गाड़ी आज की जरूरत बन गई है. घर से बाहर जाना हो, तो बिना गाड़ी के कोई एक कदम चलने की कोशिश नहीं करता. चाहे वे कोई वयस्क हों या फिर नाबालिग, घर से कदम रखते ही गाड़ी की जरूरत महसूस होने लगती है. इससे समय की बचत होने के साथ ही कई प्रकार की सुविधाएं भी मिलती हैं. इसीलिए लोग-बाग सिटी राइड के लिए वाहन खरीद लेते हैं. लेकिन, सिर्फ वाहन खरीद लेने से ही काम नहीं चलता. उसे चलाने के लिए नियम भी बनाए गए हैं. सबसे बड़ा सवाल यह है कि गाड़ी कौन चला रहा है? क्या उसके पास लाइसेंस है? चालक वयस्क है या नाबालिग? लाड़-प्यार में अगर आपने नाबालिग या अपने दोस्त को अपनी गाड़ी चलाने को दे दी, तो आपको यह पता होना चाहिए कि ऐसा करने पर आप जेल भी जा सकते हैं. गाड़ी रखने के साथ-साथ यातायात नियमों और कायदे कानून के बारे में जानना बेहद जरूरी है. आइए, जानते हैं कि गाड़ी चलाने को लेकर मोटर वाहन एक्ट के नियम क्या कहते हैं.

मोटर वाहन एक्ट क्या है?

बताते चलें कि भारत में गाड़ी चलाने के लिए भारत में मोटर वाहन अधिनियम 1988 के जरिए कायदा-कानून निर्धारित किया गया था. यह अधिनियम सड़क परिवहन वाहनों के लगभग हर एक हिस्से को नियमित करता है. यह ड्राइवरों और कंडक्टरों के लाइसेंस, मोटर वाहनों के रजिस्ट्रेशन, उनके परमिट को नियंत्रित करने के प्रावधान, ट्रैफिक नियमों, संबंधित इंश्योरेंस, देनदारियों और जुर्माना आदि पर दिशा-निर्देश प्रदान करता है. मोटर वाहन अधिनियम किसी भी चालक के लिए वैध ड्राइविंग लाइसेंस होना अनिवार्य बनाता है और मोटर वाहन अधिनियम के तहत रजिस्टर हुए बिना कोई भी वाहन नहीं चलाया जा सकता है.

Also Read: ‘ऑटो वाले बाबू… Mahindra Treo मंगा लो!’

नाबालिग को गाड़ी चलाने पर सजा

मोटर वाहन अधिनियम की धारा 180 यह कहती है कि आपने बिना लाइसेंस के किसी नाबालिग या दोस्त को अपनी गाड़ी चलाने को दे दी, तो 3 महीने की सजा या 5 हजार रुपये का जुर्माना या फिर दोनों हो सकता है. मोटर वाहन कानून के अनुसार, बिना लाइसेंस के किसी बच्चे को गाड़ी चलाने के लिए देना गलत है. इतना ही नहीं, अगर कोई व्यक्ति बिना वैध लाइसेंस के गाड़ी चला रहा है, तो उसके खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम की धारा 3 आर/डब्ल्यू 181 के तहत कार्रवाई की जाएगी. वहीं, कोई व्यक्ति अपनी गाड़ी किसी ऐसे व्यक्ति को चलाने के लिए देता है, जिसके पास वैध लाइसेंस नहीं है, तो इस मामले में मोटर वाहन अधिनियम की धारा 5 आर/डब्ल्यू 180 के तहत सजा देने और जुर्माना लगाने का प्रावधान है.

Also Read: टुनटुन-मुनिया वाले इलेक्ट्रिक स्कूटर पर 12000 रुपये की छूट! 7,500 रुपये का इंस्टैंट कैशबैक

बिना बीमा के गाड़ी चलाने पर क्या होगी कार्रवाई

इसके साथ ही, अगर आपके पास गाड़ी के कागजात और उसका बीमा नहीं है, तो इसके लिए भी कानून में प्रावधान किया गया है. मोटर वाहन कानून की धारा 130(3) आर/डब्ल्यू 177 के तहत बिना किसी कागजात या बीमा के गाड़ी चलाने पर कार्रवाई की जा सकती है. इसके साथ ही, बिना वैध परमिट के गाड़ी चलाने पर मोटर वाहन कानून की 130 आर/डब्ल्यू 177 मोटर के तहत कार्रवाई की जाती है. इसके अलावा, गाड़ी का वैध फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं रहने पर भी इसी धारा के तहत कार्रवाई करने का प्रावधान है. इसलिए, आइंदा से सड़क पर आप गाड़ी चला रहे हों, तो इन बातों पर ध्यान जरूर दें.

Also Read: हाईवे पर इलेक्ट्रिक कार की बैटरी हो जाए डेड, तो क्या है उपाय?

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें