जयपुर : ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी करते हुए खराब जीप की बिक्री करना और फिर शिकायत करने पर उसका निपटारा नहीं करना राजस्थान की राजधानी जयपुर के एक शोरूम को काफी महंगा साबित हो गया. जयपुर के जिला उपभोक्ता फोरम ने ग्राहक के पक्ष में फैसला सुनाते हुए शोरूम को वाहन मालिक को जीप कीमत समेत हर्जाना और ब्याज की रकम भुगतान करने का आदेश दिया है. इस मामले में फोरम ने मरम्मत के बाद भी कार सही नहीं होने पर शोरूम को सेवा में कमी का दोषी मानते हुए यह फैसला सुनाया है.
ग्राहक को मिलेंगे 40 लाख से अधिक पैसे
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, जयपुर के जिला उपभोक्ता फोरम-द्वितीय ने आदेश में खराब गाड़ी बेचने और बार-बार मरम्मत करने के बाद कार सही नहीं होने पर सेवा दोष मानते हुए वाहन विक्रेता पर करीब 5.11 लाख रुपये का हर्जाना लगाया. इसके साथ ही, फोरम ने ग्राहक से खराब गाड़ी वापस लेकर उसकी कीमत करीब 33.05 लाख रुपये लौटाने और फोरम में शिकायत दर्ज कराने की तारीख से फैसला सुनाए जाने तक की अवधि तक करीब नौ फीसदी की ब्याज से पैसे का भुगतान करने का आदेश दिया है. फोरम के आदेश के बाद शोरूम ग्राहक को करीब 40 लाख रुपये से अधिक की रकम का भुगतान करेगा. ग्राहक की लिखित शिकायत के आधार पर फोरम के अध्यक्ष ग्यारसी लाल मीना व सदस्य हेमलता अग्रवाल ने निखिल अग्रवाल के परिवाद पर यह आदेश दिया है.
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क्या है मामला
हिंदी की वेबसाइट राजस्थान पत्रिका की एक रिपोर्ट के अनुसार, ग्राहक की ओर से उपभोक्ता फोरम में 6 जुलाई 2022 को आकड कार्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई थी. शोरूम ने ग्राहक के हाथों करीब 33.05 लाख रुपये में जीप बेची थी. इसकी डिलीवरी लेने के बाद मंदिर जाते समय गाड़ी कई बार बंद हो गई. इसके बाद उसका गियर अटकने लगा. फिर गाड़ी का एसी बंद होने लगा, तो पीछे का लॉक भी बार-बार बंद हो रहा था. उसने मंदिर से आने के बाद विक्रेता को गाड़ी में पैदा हो रही गड़बड़ी के बारे में शोरूम पहुंचकर जानकारी दी.
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गाड़ी की गड़बड़ी को ठीक नहीं कर पाया शोरूम
ग्राहक की ओर से गाड़ी में पैदा हो रही समस्या की जानकारी देने पर शोरूम के कर्मचारी ने उन्हें वाहन का सिस्टम अपडेट नहीं होने की बात बताकर वर्कशॉप पर बुलाया. सिस्टम अपडेट किए जाने के बाद वाहन के पीछे के डोर का लॉक फ्री हो गया. राइट साइड के गेट का ग्लास खोलते ही मोटर की तेज आवाज आने लगी. इस पर फिर समस्या बताई, तो कमियां दूर करने का भरोसा दिलाया गया. इसके बावजूद उसमें कोई न कोई समस्या आती रही. इस दौरान गाड़ी का माइलेज 4-5 किलोमीटर तक सीमित रहा. हालांकि, गाड़ी खरीदते समय शोरूम पर उसे 15 से 20 किमी माइलेज बताया गया. इस समस्या से आजीज आकर ग्राहक ने आखिर में उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया और गाड़ी को बदलवाने या हर्जाना और खर्च समेत गाड़ी की कीमत वापस दिलाने की अपील की.
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