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ओडिशा में इलेक्ट्रिक कारों का उत्पादन करेंगे सज्जन जिंदल, 40,000 करोड़ रुपये का करेंगे निवेश

जेएसडब्ल्यू ग्रुप की यह परियोजना एसएआईसी मोटर कॉर्प के सहयोग से संयुक्त उद्यम के तौर पर शुरू की जाएगी, जिसमें समूह ने 35 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी है. निवेश के बारे में सज्जन जिंदल ने कहा कि हमारा लक्ष्य उच्च गुणवत्ता वाली बैटरी और इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन करके उद्योग में क्रांति लाना है.

नई दिल्ली: अरबपति उद्योगपति सज्जन जिंदल के स्वामित्व वाला जेएसडब्ल्यू ग्रुप ओडिशा में एक इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के उत्पादन के लिए प्लांट लगाने की योजना बना रहा है. इसमें इलेक्ट्रिक वाणिज्यिक वाहनों के साथ-साथ पैसेंजर कारों का उत्पादन और एक बैटरी भंडारण प्लांट शामिल होगा. अगले कुछ सालों में होने वाला 40,000 करोड़ रुपये का निवेश भारत में इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में होने वाला अब तक का सबसे बड़ा निवेश होगा.

एसएआईसी मोटर कॉर्प के साथ संयुक्त उद्यम होगा शुरू

जेएसडब्ल्यू ग्रुप की यह परियोजना एसएआईसी मोटर कॉर्प के सहयोग से संयुक्त उद्यम के तौर पर शुरू की जाएगी, जिसमें समूह ने 35 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी है. एसआईसी फिलहाल एमजी मोटर इंडिया का संचालन करती है, जो भारतीय बाजारों में दो इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री कर रही है. एमजी मोटर का गुजरात के हलोल में एक प्लांट है, जिसमें ईवी और आंतरिक दहन इंजन (आईसीई) कारों दोनों का निर्माण किया जाता है. जेएसडब्ल्यू ग्रुप की कोई भी सूचीबद्ध कंपनी इलेक्ट्रिक वाहन परियोजना में भाग नहीं ले रही है.

इलेक्ट्रिक वाहनों के जरिए ऑटो सेक्टर में आएगी क्रांति

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इस निवेश के बारे में सज्जन जिंदल ने कहा कि हमारा लक्ष्य उच्च गुणवत्ता वाली बैटरी और इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन करके ऑटोमोटिव उद्योग में क्रांति लाना है, जो न केवल सस्ती हैं बल्कि तकनीकी रूप से भी एडवांस्ड हैं. उन्होंने कहा कि हम भारत के लोगों की ओर से और उनके लिए डिज़ाइन किए गए उत्पादों के उत्पादन के लिए उच्च-स्तरीय शोध पर ध्यान केंद्रित करेंगे और हम इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन को बढ़ाकर लोगों के आवागमन के तरीके को फिर से बदलने के साथ ही उनके जीवन को सशक्त बनाना चाहते हैं.

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इलेक्ट्रिक कारों को आईसीई के बराबर करना है खड़ा

ऑटो इंडस्ट्री के एक अनुमान के अनुसार, भारत के बाजार में इलेक्ट्रिक कारों और आंतरिक दहन इंजन (आईसीई) वाली गाड़ियों के बीच कीमत का अंतर लगभग 30 फीसदी है. ग्रुप के एक सूत्र ने कहा कि उसकी योजना इलेक्ट्रिक कारों को दहन इंजन कारों के बराबर लाने की है. कारों की कीमत करीब 20 लाख रुपये होगी. उन्होंने कहा कि चीन ने 10 मिलियन ईवी बेची हैं, जबकि भारत ने लगभग 0.1 मिलियन बेची हैं. चीन ने 2,000 गीगावाट बैटरी प्लांट स्थापित किया है और अब तक भारत ने एक भी गीगावाट का प्लांट स्थापित नहीं किया है.

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सालाना 1 लाख गाड़ियों का होगा उत्पादन

कंपनी की योजना के अनुसार, जेएसडब्ल्यू ग्रुप मोबिलिटी और ऊर्जा भंडारण प्रणालियों के लिए 50 गीगावॉट बैटरी संयंत्र और सालाना 1,00,000 वाहनों का उत्पादन करने के लिए एक वाणिज्यिक ई-वाहन संयंत्र और 300,000 कार बनाने की क्षमता वाला एक यात्री इलेक्ट्रिक कार संयंत्र स्थापित करेगा. समूह ई-पावर ट्रेन उत्पादन के लिए एक ऑटो कंपोनेंट विनिर्माण संयंत्र भी स्थापित करेगा.

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