26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पांच साल में 50 फीसदी महंगी हो गईं सवारी गाड़ियां, 2021-22 में सबसे अधिक बढ़े दाम

मारुति सुजुकी के शशांक श्रीवास्तव के बयान से टाटा मोटर्स भी सहमत दिखाई देती है. कंपनी का कहना है कि पूरे ऑटो इंडस्ट्री में औसत बिक्री मूल्य तेजी बढ़ रहा है. कैलेंडर वर्ष 2023 में सवारी वाहनों की थोक बिक्री ने रिकॉर्ड 4.1 मिलियन का आंकड़ा पार कर लिया.

Passenger Vehicles Expensive: भारत में पिछले पांच सालों के दौरान सवारी वाहनों की कीमतों में 50 फीसदी से भी अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई. ऑटोमोटिव इंडस्ट्री की ओर से जारी किए गए एक आंकड़े के अनुसार, सवारी वाहनों के औसत बिक्री मूल्य (एएसपी) प्रीमियमाइजेशन, नियामकीय कठोरता में वृद्धि और स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहनों (एसयूवी) की मांग में दर्ज तेज वृद्धि के कारण पिछले कुछ वर्षों में सवारी वाहनों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. आंकड़ों के अनुसार, औसत बिक्री मूल्य 2018-19 में 7.65 लाख रुपये से बढ़कर 2023-24 में 11.5 लाख रुपये हो गया है, जो 50 फीसदी से अधिक है. भारत में ज्यादातर लोग सवारी गाड़ियों का टॉप-एंड वेरिएंट खरीदना पसंद करते हैं. ऐसे खरीदारों का प्रतिशतता एक साल में 27 फीसदी से बढ़कर अब 43 फीसदी हो गया है.

गाड़ी में सबसे अधिक फीचर चाहते हैं लोग

मारुति सुजुकी इंडिया के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी, विपणन और बिक्री, शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि प्रीमियमाइजेशन एक स्पष्ट बदलाव है. लोग अब अपने वाहनों में अधिक फीचर्स चाहते हैं. एक ही मॉडल में वे ज्यादा फीचर्स वाला मॉडल चुन रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब बिना एसी वाली गाड़ियों का कोई अस्तित्व नहीं रह गया है. एक समय था, जब बिना एसी वाली गाड़ियों की मांग अधिक थी.

Also Read: गणतंत्र दिवस परेड में Royal Enfield Bullet पर ही स्टंट क्यों करते हैं सेना के जवान?

ऑटो इंडस्ट्री में तेजी से बढ़ रहा औसत बिक्री मूल्य

मारुति सुजुकी के शशांक श्रीवास्तव के बयान से टाटा मोटर्स भी सहमत दिखाई देती है. कंपनी का कहना है कि पूरे ऑटो इंडस्ट्री में औसत बिक्री मूल्य तेजी बढ़ रहा है. उसने कहा कि हम बाजार में वित्तीय व्यवहार्यता और प्रतिस्पर्धात्मकता सुनिश्चित करने के लिए मूल्य निर्धारण का फैसला करते समय कई आंतरिक और बाहरी कारकों के संयोजन पर सावधानीपूर्वक विचार करते हैं. उसने कहा कि महंगाई, कच्चे माल की बढ़ती लागत, कंपनी की ताकत, हाई सिक्योरिटी और उत्सर्जन मानक इसके महत्वपूर्ण कारकों में से एक है. कच्चे माल की लागत में वृद्धि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. उसने कहा कि जिस रफ्तार से कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है, उसका आंशिक भार ग्राहकों पर डाला जा रहा है.

Also Read: बड़ी है छोटे परिवार की मिनी फॉर्च्यूनर… क्रूजर हाइराडर होकर भी कितनी है सस्ती

एसयूवी की बिक्री में तेज उछाल

मारुति सुजुकी के शशांक श्रीवास्तव ने आगे कहा कि बीते पांच सालों में हैचबैक कारों के मुकाबले एसयूवी कारों की बिक्री तेजी से बढ़ी है. यह एक बुनियादी बदलाव है, जिसकी वजह से सवारी वाहनों कीमतें बढ़ गई हैं. उन्होंने कहा कि कैलेंडर वर्ष 2023 में सवारी वाहनों की थोक बिक्री ने रिकॉर्ड 4.1 मिलियन का आंकड़ा पार कर लिया. इसमें एसयूवी की रिकॉर्ड बिक्री हुई. 2023 में सालाना आधार पर एसयूवी में 26 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई . सवारी वाहनों की बिक्री में एसयूवी की हिस्सेदारी पिछले साल के 42 फीसदी से बढ़कर इस साल 48.7 फीसदी हो गई. इसकी तुलना में, हैचबैक की हिस्सेदारी 2022 में 34.8 प्रतिशत से घटकर 2023 में 30 फीसदी हो गई. वहीं, सेडान कारों की हिस्सेदारी भी 2022 में 11 फीसदी से घटकर 9.4 फीसदी हो गई.

Also Read: एक्सप्रेसवे और हाईवे पर मिलेगा वर्ल्ड क्लास लजीज खाना, मोदी सरकार का ये है मास्टर प्लान

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें