11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

आना हो तो आओ… पर नहीं बदलेंगे पॉलिसी, Tesla को सरकार की दो टूक

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि Tesla के लिए अलग से पॉलिसी नहीं बनाई जाएगी. कानून और शुल्क संबंधी नियम सभी कंपनियों के लिए एकसमान बनाए जाएंगे.

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने यह साफ कर दिया है कि वह एलन मस्क की टेस्ला (Tesla) के लिए अपनी नीतियों में बदलाव या फिर अलग से कोई नीति नहीं बनाने जा रही है. उसने स्पष्ट कहा है कि भारत के कानून और शुल्क संबंधी नियम दुनिया के सभी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों के लिए एकसमान बनाए जाएंगे. दुनिया की हर इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी का भारत में स्वागत है. टेस्ला सरकार से टैक्स में रियायत चाहती है और इसके लिए वह सरकार पर खुद के लिए अलग से नीति बनाने पर दबाव भी डाल रही है.

टेस्ला के लिए अलग से नहीं बनेगी नीति

समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत के दौरान केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने स्पष्ट कहा है कि भारत अमेरिकी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी टेस्ला के हिसाब से अपनी नीतियां नहीं बनाएगी. भारत के कानून और शुल्क संबंधी नियम सभी कंपनियों के लिए बनाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि सरकार एक मजबूत इलेक्ट्रिक वाहन इको-सिस्टम की जरूरत को भली-भांति समझती है. बैटरी से चलने वाली गाड़ियों के इस्तेमाल से कार्बन उत्सर्जन कम होने के साथ-साथ क्रूड ऑयल के आयात पर होने वाले खर्च की भी बचत होगी.

Also Read: कार में बिना एयरबैग के भी खुद को रख सकते हैं सुरक्षित, जानें कुछ जरूरी बातें

भारत आने से पहले शुल्क में रियायत चाहती है टेस्ला

बताते चलें कि भारत आने से पहले ही एलन मस्क की इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी टेस्ला सरकार से शुल्क में रियायत की मांग कर रही है. इससे उसे 40,000 डॉलर से कम कीमत वाली कारों के लिए 70 फीसदी सीमा शुल्क और अधिक कीमत वाली कारों के लिए 100 फीसदी सीमा शुल्क की भरपाई करने में मदद मिलेगी. भारत में गाड़ियों पर उच्च शुल्क लागू है, जिसका मकसद घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना है. विदेशी कार विनिर्माताओं के लिए यह एक बड़ा मुद्दा है.

Also Read: पीएम मोदी ने बताई Dwarka Expressway पर गाड़ियों की स्पीड लिमिट

पॉलिसी पर काम कर रही है सरकार

बातचीत के दौरान केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने आगे कहा कि नई नीति को लेकर सरकार कई पहल और पहलुओं पर काम कर रही है. इसके साथ ही, अंतर-मंत्रालयी सलाह और हितकारों के साथ बातचीत जारी है. उन्होंने कहा कि सरकार किसी एक कंपनी या उसके हितों के लिए नीति नहीं बनाती है. सभी अपनी मांग रखने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सरकार उनकी मांग के आधार पर फैसला करेगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें