Raghuram Rajan News: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भारत का चिप मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में कदम रखना विनाशकारी दौड़ करार दिया है. आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने पिछले शनिवार को सोशल मीडिया मंच लिंक्डइन पर एक पोस्ट किया है. उन्होंने अपने इस पोस्ट में उच्च शिक्षा के लिए सालाना बजट के मुकाबले चिप बनाने पर दी जाने वाली सब्सिडी पर अधिक खर्च करने की सरकार की नीति को उचित नहीं बताया है. शिकागो विश्वविद्यालय के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में फाइनेंस के प्रोफेसर ने अपने पोस्ट में लिखा है कि यह निश्चित तौर पर विकसित देश बनने का तरीका नहीं है.
चिप निर्माण में भारत का शामिल होना विनाशकारी दौड़
आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा, ‘ऐसा भी नहीं है कि भारत को चिप नहीं बनाना चाहिए, लेकिन इस समय दुनिया का प्राय: हर देश चिप बनाने की कोशिश कर रहा है. अब ऐसी स्थिति में भारत का शामिल होना एक विनाशकारी दौड़ साबित हो सकता है.’ उन्होंने अभी हाल के दिनों में ब्लूमबर्ग को एक साक्षात्कार दिया था, जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया. इसमें उन्होंने शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के बजाय सरकार का चिप बनाने के लिए हाई प्रोफाइल परियोजना पर फोकस करने के लिए सरकार की आलोचना की थी.
चिप बनाने पर 76,000 करोड़ की सब्सिडी
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार ने फरवरी 2024 में चिप सब्सिडी योजना के भारत में चिप निर्माण के लिए करीब 76,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने का ऐलान किया है. इस योजना के तहत उसने तीन सेमिकंडक्टर प्लांट लगाने की मंजूरी भी दी है. इन प्लांट में करीब 1.26 लाख करोड़ रुपये के निवेश में से करीब 48,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी.
Also Read: भारत में रतन टाटा के नाम से कितने उद्योगपति?
भविष्य में बढ़ता रहेगा सब्सिडी का आकार
अपने पोस्ट में रघुराम राजन ने आगे लिखा है, ‘वास्तविकता यह है कि चिप सब्सिडी कैपिटल सब्सिडीज है. इसका अग्रिम भुगतान किया जाता है, न कि यह पीएलआई (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) के तौर पर दिया है. अगर सरकार का दावा है कि भारत जल्द ही चिप बनाएगा. विश्वसनीय है, तो कैपिटल सब्सिडल जल्द दी जाएगी.’ उन्होंने आगे लिखा कि केवल भोले-भाले लोग ही सोचेंगे कि सब्सिडी बंद जाएगी. अगर सब ठीक रहा, तो हमे 28 एनएम का चिप्स मिलेगा. आधुनिक सेल फोन में एडवांस्ड 3 एनएम का चिप होता है. अगर हमें वैश्विक चिप निर्माता बनना है, तो चिप बनाने वालों की कई पीढ़ियों को सब्सिडी देनी होगी. सब्सिडी का आकार बढ़ता रहेगा, क्योंकि अधिक एडवांस्ड चिप बनाने में लगने वाली आधुनिक तकनीकें काफी महंगी होंगी.
Also Read: Xiaomi SU7 ईवी कार के लिए 7 महीने करना होगा इंतजार