Reliance Jio 5G Update: रिलायंस जियो देश के एक हजार शहरों में 5जी लॉन्च की तैयारी कर रहा है. कंपनी अपने 5G नेटवर्क पर हेल्थकेयर और इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन के टेस्ट कर रही है. 5जी नेटवर्क पर डेटा की खपत अधिक होगी इसलिए कंपनी उच्च खपत वाले इलाकों और ग्राहकों की पहचान के लिए हीट मैप्स, 3डी मैप्स और रे ट्रेसिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही है, जिससे ग्राहकों की जरूरत के मुताबिक एक मजबूत नेटवर्क खड़ा किया जा सके. रिलायंस इंडस्ट्रीज के तिमाही नतीजों में यह बात उभर कर सामने आयी.
ग्राहक आधारित 5जी सॉल्यूशंस को डेवलप करने के लिए जियो ने कई टीमें बनायी हैं, जिन्हें भारत के साथ साथ अमेरिका में भी तैनात किया गया है ताकि वे विभिन्न प्रकार के 5जी सॉल्यूशंस को डेवलप कर सकें. कंपनी का मानना है कि ये टीमें ऐसे 5जी सॉल्यूशंस तैयार करेंगी, जो तकनीकी स्तर पर दुनिया के समकक्ष या उनसे बेहतर होंगे. इसके अलावा, कंपनी ने यूरोप में एक टेक्नोलॉजी टीम भी बनायी है जो 5जी से आगे की तैयारी करेगी.
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5जी की तेजी से तैनाती के लिए कंपनी बुनियादी ढांचे को भी तेजी से बढ़ा रही है. साइट्स पर फाइबर और बिजली की उपलब्ध्ता को भी बढ़ाया जा रहा है, ताकि जब 5जी रोलआउट का वक्त आये तो इसमें कोई रुकावट या देर न हो.
रिलायंस जियो का ARPU (यानी औसत रेवेन्यू प्रति ग्राहक प्रति माह) भी बढ़ा है. प्रति उपभोक्ता प्रति माह ARPU बढ़कर 151.6 रुपये पर जा पहुंचा है. इसका कारण बेहतर सिम कंसोलिडेशन और हाल की दामों में करीब 20 फीसदी की बढ़ोतरी को माना जा रहा है. प्रति उपयोगकर्ता प्रति माह डेटा और वॉयस ट्रैफिक यानी कॉलिंग में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. जियो नेटवर्क पर हर ग्राहक ने प्रत्येक माह 18.4 जीबी की डेटा खपत की और करीब 901 मिनट बात की.
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जियो ने इस तिमाही करीब 1 करोड़ 20 लाख ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा, लेकिन सिम कंसोलिडेशन की कोशिशों के चलते जियो ने उन उभोक्ताओं को सूची से हटा दिया है, जो सेवाओं का इस्तेमाल नहीं कर रहे थे. इस वजह से इस तिमाही में जियो की कुल उपभोक्ता संख्या में 84 लाख की कमी आयी है. जियो का ग्राहक आधार अब 42 करोड़ 10 लाख के करीब है. उधर जियो फाइबर के उपभोक्ताओं की संख्या भी 50 लाख के पार पहुंच गई है.
वित्तीय मोर्चे पर भी रिलायंस जियो का जोरदार प्रदर्शन जारी है. पिछले साल के मुकाबले जियो प्लैटफॉर्म्स का शुद्ध लाभ इस तिमाही 8.8% बढ़कर 3,795 करोड़ रुपये रहा. कंपनी ने वर्ष 2035 तक के अपने बकाया 30,791 करोड़ रुपये स्पेक्ट्रम चार्ज का भी समय से पहले भुगतान कर दिया है. इससे ब्याज के रूप में सालाना 1,200 करोड़ रुपये की बचत होगी.