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Sea Sakthi: तमिलनाडु के स्टूडेंट्स ने बनायी हाईड्रोजन फ्यूल से चलनेवाली पहली बोट, ग्लोबल इवेंट में लगाएगी रेस

ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए दुनियाभर में प्रयोग किये जा रहे हैं. ऐसे में तमिलनाडु के इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने मिलकर एक ऐसी बोट बनायी है, जो हाईड्रोजन इंजन से चलेगी. यह भारत में बनी, अपनी तरह की पहली नाव है. यह जुलाई में मोनाको में होनेवाली मोनाको एनर्जी बोट चैलेंज में हिस्सा लेगी.

New Technology : तमिलनाडु (Tamil Nadu) के कोयंबटूर (Coimbatore) में कुमार गुरु कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (Kumara Guru College of Engineering) के छात्रों ने बड़ा कमाल कर दिखाया है. दुनियाभर में ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग प्रयोग किये जा रहे हैं, ऐसे में तमिलनाडु के इस इंजीनियरिंग कॉलेज के 10 छात्रों ने मिलकर एक ऐसी बोट बनायी है, जो हाईड्रोजन इंजन (Hydrogen Energy Powered Boat) से चलेगी. यह भारत में बनी, अपनी तरह की पहली नाव है. यह भारत की एकमात्र टीम है जो जुलाई के पहले सप्ताह में मोनाको में होनेवाली मोनाको एनर्जी बोट चैलेंज (Monaco Energy Boat Challenge 2023) में हिस्सा लेगी.

स्वदेशी रूप से डिजाइन की गई बोट

कुमार गुरु कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के 10 इंजीनियरिंग छात्रों की इस टीम का नाम Sea Sakthi है. यह जुलाई में होने जा रही मोनाको एनर्जी बोट चैलेंज में हिस्सा लेने जा रही है. टीम Sea Sakthi अकेली ऐसी टीम है, जो भारत की ओर से इस इवेंट में शामिल होगी. इस हाइड्रोजन ऊर्जा नाव का वजन 310 किग्रा है. अपनी तरह की यह खास बाेट छात्रों द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन किया गया है और यह दुनियाभर के अंतरराष्ट्रीय नाव रेसर्स के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करेगी. इस साल 10 देशों से 17 टीमें मोनाको एनर्जी बोट चैलेंज 2023 में हिस्सा ले रही हैं.

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हाइड्रोजन फ्यूल से चलेगी नाव

मोनाको एनर्जी बोट चैलेंज के लिए तमिलनाडु के कुमारगुरु कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी की 10 सदस्यीय टीम का चयन किया गया है. इस टीम ने हाइड्रोजन-ईंधन से संचालित होनेवाली एक नाव बनायी है, जो इस वैश्विक प्रतियोगिता में भाग लेगी. इस ग्लोबल इवेंट में भाग लेनेवाले छात्रों का उद्देश्य हाइड्रोजन इंजन से चलनेवाली नावों को कमर्शियल प्रोडक्शन शुरू करना है.

एनर्जी बोट चैलेंज का मकसद क्या है?

बोटिंग इंडस्ट्री में ग्रीन रेवोल्यूशन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रतिष्ठित यॉट क्लब डी मोनाको ने मोनाको एनर्जी बोट चैलेंज का आयोजन किया है. समुद्र में ई-मोबेलिटी को प्रोत्साहित करने के लिए और जारो कार्बन पर जोर देनेवाली नावों को बनाने के लिए स्टूडेंट्स और रिसर्चर की हेल्प करना भी इस प्रतियोगिता के उद्देश्यों में शामिल है.

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लगातार दूसरे साल ग्लोबल इवेंट के लिए किया क्वालिफाई

इस बोट को बनाने वाली कुमारगुरु कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी की सी शक्ति नाम की टीम ने इस नाव को बनाकर लगातार दूसरे साल इस अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए क्वालीफाई किया है. इस टीम ने अपनी नाव को हाइड्रोजन ईंधन सेल और एक कस्टम-डिज़ाइन किए गए स्वदेशी प्रणोदन प्रणाली के साथ शक्ति प्रदान करने का निर्णय लिया है.

Sea Sakthi टीम के सदस्य क्या बोले?

Sea Sakthi के पायलट स्वामीनाथन ने जानकारी दी है कि उनकी टीम जुलाई में होनेवाले मोनाको एनर्जी बोट चैलेंज में भाग लेने के लिए क्वालीफाई कर गई है. स्वामीनाथन ने कहा, यह प्रतियोगिता समुद्री यात्रा में ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए है. प्रतियोगिता में तीन सेगमेंट हैं, जिसमें हम ग्रीन एनर्जी सेगमेंट में भाग लेंगे और हमने नाव के लिए अपना एनर्जी सिस्टम, एनर्जी सोर्स और इग्निशन डेवेलप किया है.

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