हाल ही में प्रकाशित हुई ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में ये खुलासा किया गया है कि Tesla ने नई दिल्ली में अधिकारियों के साथ बातचीत में हुई दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया है और अब Tesla से भारत में निवेश की उम्मीद नहीं है. रिपोर्ट में टेस्ला की वित्तीय समस्याओं का हवाला देते हुए दावा किया गया है कि टेस्ला की भारत में नया निवेश करने की कोई योजना नहीं है.
रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि Tesla की जगह सरकार अब महिंद्रा एंड महिंद्रा और टाटा मोटर्स जैसे घरेलू खिलाड़ियों की ओर रुख कर सकती है ताकि भारत में ईवी उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सके.
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इस रिपोर्ट के खुलासे के बाद OLA के सीईओ Bhavish Aggarwal ने एक बयान जारी कर कहा है कि टेस्ला द्वारा भारतीय बाजार में निवेश नहीं करना एलोन मस्क की स्वामित्व वाली वाहन कंपनी के लिए एक बड़ा नुकसान है, भारत के लिए नहीं. उन्होंने कहा कि भारतीय ईवी और लिथियम उद्योग तेजी से बढ़ रहे हैं और टेस्ला के लिए कुछ सालों में भारत को गंभीरता से लेने में बहुत देर हो जाएगी.
X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए उन्होंने कहा, “अगर यह सच है, तो यह टेस्ला का नुकसान है, भारत का नहीं. जबकि भारतीय ईवी और लिथियम इको सिस्टम प्रारंभिक अवस्था में है, हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. टेस्ला के लिए कुछ सालों में जब वे भारत को गंभीरता से देखेंगे तो बहुत देर हो जाएगी.”
टेस्ला ने इस तिमाही में वैश्विक वितरण में लगातार दूसरी गिरावट दर्ज की है और चीन से बढ़ती प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहा है. वाहन निर्माता ने भी इस साल नौकरी में कटौती की घोषणा की, अपने प्रमुख साइबरट्रक स्टॉल को बेच दिया और अपने मेक्सिको संयंत्र के निर्माण में देरी की.
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