सूचनाओं के संसार से जुड़े रहने का एहसास हम सबको वेब ही कराता है. आज वेब सूचनाओं को इस्तेमाल व साझा करने का महत्वपूर्ण तंत्र बन गया है. दिन हो या रात, सूचनाओं को हम तक पहुंचाने में जिस शख्स की महत्वपूर्ण भूमिका रही है उनका नाम सर टिम बर्नर्स ली है. आज वर्ल्ड वेब साइट फाउंडर टिम बर्नर्स ली का जन्मदिन है.
विश्व प्रसिद्ध कंप्यूटर इंजीनियर बर्नर्स ली का जन्म इंगलैंड में हुआ था. लंदन में पले बढ़े बर्नर्स ली ने 1976 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से फिजिक्स विषय में ग्रेजुएशन किया और सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनें. मैथेमेटिशियन माता- पिता की संतान बर्नर्स ली का बचपन से ही कंप्यूटर से लगाव रहा था. ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने इंगलैंड स्थित प्लेसी टेलीकम्यूनिकेशन लिमिटेड में दो साल तक कंप्यूटर सॉफ्टवेयर डिजाइन पर शोधकार्य किया. बाद में वे जेनेवा स्थित यूरोपियन आर्गनाइजेशन फॉर न्यूक्लियर रिसर्च जिसे सर्न के नाम से भी जाना जाता है, बतौर विशेषज्ञ काम करने लगे.
यहां उन्होंने इनक्वायर नामक कंप्यूटर प्रोग्राम विकसित किया और इसे हाइपरटेक्सट के नाम से जाना गया. कई शोध संस्थानों में बतौर कंप्यूटर इंजीनियर अलग -अलग कंप्यूटर सिस्टम डिजाइन करने के बाद 1984 में वे एक बार फिर जेनेवा स्थित सर्न लौट आये. 1989 में बर्नर्स-ली ने एक वैश्विक हाइपरटेक्स्ट दस्तावेज़ प्रणाली बनाने का प्रस्ताव पेश किया. इस तकनीक को विकसित करने के पीछे उनका लक्ष्य सूचनाओं को आॅनलाइन करना था ताकि इसे दिन या रात कभी भी प्राप्त किया जा सके.
20वीं शताब्दी के महत्वपूर्ण लोगों की सूची में हुए शामिल: उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका स्थित मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी लेबोरेट्ररी फॉर कंप्यूटर साइंस में वर्ल्ड वाइड वेब कंसोर्टियम की स्थापना की. यह कंसोर्टियम वेब और इससे जुड़े मानकीकरण का काम करता है. टाइम मैगजीन ने 1999 में उन्हें 20वीं शताब्दी के महत्वपूर्ण लोगों की सूची में शामिल किया था. वे कई अंतरराष्ट्रीय सम्मान से नवाजे जा चुके हैं. उनका वाक्य ‘दि वेब डज़ नॉट जस्ट कनेक्ट मशीन्स, इट कनेक्ट्स पीपुल’ सबसे अधिक लोकप्रिय माना जाता है.
इनपुट : शिकोह अलबदर
Posted By : Rajneesh Anand