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अवसरों का लाभ उठाने के लिए कंपनियों को पूंजी निवेश बढ़ाने की जरूरत, जानें आनंद महिंद्रा ने ऐसा क्यों कहा?

महिंद्रा ने कहा कि विशेष रूप से कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद भारतीय कंपनियां जोखिम से बचने के लिए तेजी से आगे बढ़ रही हैं और नए रास्ते अपनाने के बजाय आजमाए हुए तथा उचित तरीकों पर ही टिकी हुई हैं. कुछ हद तक यह बात समझ में आती है, लेकिन जब अवसर सामने हो, जब निजी उद्योग महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है, तो मतबल समय आ गया है कि हम असफलता के डर को दूर रखकर पूरे विश्वास से आगे बढ़ें.

महिंद्रा समूह के चेयरमैन Anand Mahindra ने कहा है कि घरेलू कंपनियों को भारत और विदेशों में उपलब्ध वृद्धि अवसरों का लाभ उठाने के लिए पूंजी निवेश बढ़ाने की जरूरत है. कंपनी की 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए उद्योगपति ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद के युग में भू-राजनीति तथा आर्थिक संबंधों के परस्पर प्रभाव से भारत की स्थिति मजबूत हुई है.

उन्होंने कहा कि विभिन्न उद्योगों में सुरक्षित आपूर्ति श्रृंखलाओं में एक महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में भारत की उभरती भूमिका देश के भीतर वृद्धि और उससे आगे विस्तार के द्वार खोलती है. महिंद्रा ने कहा, हम निजी उद्योग में यह कैसे सुनिश्चित कर सकते हैं कि हम इस अवसर का लाभ उठा सकें? ‘यह मत पूछो कि आपका देश आपके लिए क्या कर सकता है, बल्कि यह पूछो कि आप अपने देश के लिए क्या कर सकते हैं…इस भावना के साथ मैं यह तर्क दूंगा कि इस महत्वपूर्ण मोड़ पर उद्योग जगत जो सबसे महत्वपूर्ण काम कर सकता है, वह निजी निवेश को बढ़ाना है.

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उन्होंने कहा कि निजी पूंजी निवेश इस अवसर का लाभ उठाने की कुंजी है क्योंकि यह वृद्धि, रोजगार और मांग को बढ़ाने वाला प्रमुख तत्व है. महिंद्रा ने कहा कि 1990 के दशक के आर्थिक सुधारों के बाद निजी निवेश सकल घरेलू उत्पाद के करीब 10 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 27 प्रतिशत हो गया. हालांकि 2011-12 के बाद से सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में निजी निवेश चिंताजनक स्तर तक गिर रहा है, हमें उस स्थिति को सुधारने की जरूरत है.

महिंद्रा ने कहा कि विशेष रूप से कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद भारतीय कंपनियां जोखिम से बचने के लिए तेजी से आगे बढ़ रही हैं और नए रास्ते अपनाने के बजाय आजमाए हुए तथा उचित तरीकों पर ही टिकी हुई हैं. कुछ हद तक यह बात समझ में आती है, लेकिन जब अवसर सामने हो, जब निजी उद्योग महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है, तो मतबल समय आ गया है कि हम असफलता के डर को दूर रखकर पूरे विश्वास से आगे बढ़ें. महिंद्रा ने कहा कि निस्संदेह यह भारतीय कंपनी होने का अच्छा समय है.

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