15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Twitter का खुलासा- सरकारों से यूजर की जानकारी की मांग बढ़ी

ट्विटर ने बृहस्पतिवार को खुलासा किया कि दुनियाभर की सरकारें कंपनी से यूजर अकाउंट्स से सामग्री हटाने या उनके निजी विवरणों की जासूसी करने को कह रही हैं. रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका से सबसे अधिक 20 प्रतिशत अनुरोध आए, जिसमें अकाउंट की जानकारी, उसकी सूचना मांगी गई थी, जबकि भारत इस मामले में काफी पीछे है.

ट्विटर ने बृहस्पतिवार को खुलासा किया कि दुनियाभर की सरकारें कंपनी से यूजर अकाउंट्स से सामग्री हटाने या उनके निजी विवरणों की जासूसी करने को कह रही हैं. सोशल मीडिया कंपनी ने एक नयी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि उसने पिछले साल छह महीने की अवधि के दौरान स्थानीय, राज्य या राष्ट्रीय सरकारों की रिकॉर्ड 60,000 कानूनी मांगों पर कार्रवाई की. रिपोर्ट के अनुसार, ये सरकारें चाहती थीं कि ट्विटर अकाउंट से या तो सामग्री हटाई जाए या कंपनी यूजर की गोपनीय जानकारी यथा- प्रत्यक्ष संदेश या यूजर के स्थान, का खुलासा करे.

ट्विटर की सुरक्षा और अखंडता मामलों के प्रमुख योएल रोथ ने बृहस्पतिवार को साइट पर प्रसारित बातचीत में कहा, ‘‘हम देख रहे हैं कि सरकारें हमारी सेवा का उपयोग करने वाले लोगों को बेनकाब करने के लिए कानूनी रणनीति का उपयोग करने, अकाउंट के मालिकों के बारे में जानकारी एकत्र करने और कानूनी मांगों का उपयोग करने की कोशिश करने और लोगों को चुप कराने के तरीके के रूप में अधिक आक्रामक हो जाती हैं.” रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका से सबसे अधिक 20 प्रतिशत अनुरोध आए, जिसमें अकाउंट की जानकारी, उसकी सूचना मांगी गई थी, जबकि भारत इस मामले में काफी पीछे है.

ट्विटर का कहना है कि उसने मांगी गई सूचना के हिसाब से लगभग 40 प्रतिशत यूजर के अकाउंट की जानकारी साझा की. जापान की ओर से अकाउंट की जानकारी पाने का अनुरोध लगातार किया जाता है और वह अकाउंट से सामग्री हटाने के लिए ट्विटर से सबसे अधिक अनुरोध करता है. सामग्री को हटाने के लिए जापान ने सभी अनुरोधों का आधा 23,000 से अधिक अनुरोध किए. रूस भी इसमें पीछे नहीं रहा. फेसबुक और इंस्टाग्राम की मालिक मेटा ने भी इसी समय सीमा के दौरान सरकार द्वारा निजी यूजर डेटा की मांग में वृद्धि की सूचना दी.

ट्विटर ने 2021 की अंतिम छमाही के दौरान सत्यापित पत्रकारों और समाचार आउटलेट्स को निशाना बनाकर सरकारों के अनुरोधों में भारी वृद्धि की भी सूचना दी. सरकारों ने पिछले साल जुलाई और दिसंबर के बीच दुनिया भर में सत्यापित पत्रकारों या समाचार आउटलेट्स की जानकारी पाने के लिए 349 अकाउंट के खिलाफ कानून का सहारा लिया, जो 103 प्रतिशत अधिक है. ट्विटर ने इस बात का विवरण नहीं दिया कि किन देशों ने पत्रकारों के अकाउंट के लिए अनुरोध किए या उन्होंने कितने प्रश्नों का अनुपालन किया. कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट के कार्यकारी निदेशक रॉब महोनी ने एसोसिएटेड प्रेस (एपी) को एक ईमेल में दिए गए बयान में कहा कि सरकार आलोचकों और पत्रकारों को चुप कराने के लिए सोशल मीडिया कंपनियों का इस्तेमाल कर रही है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें