What Is Full Form of JCB ? जेसीबी मशीन. गांव हो या शहर, यह पावरफुल मशीन अपनी ओर हमारा ध्यान खींच ही लेती है. कंस्ट्रक्शन साइट्स पर आपने भी पीले रंग की इस मशीन से खुदाई या तोड़फोड़ वाले काम होते हुए कभी न कभी जरूर देखा होगा. इस मशीन की खास बात यह होती है कि इसे दोनों तरफ से ऑपरेट किया जा सकता है. इस मशीन पर बड़े-बड़े अक्षरों में JCB लिखा होता है और आमतौर पर इसे लोग JCB मशीन कहते हैं, लेकिन यह गलत है. तो क्या है इसका सही नाम? आइए जानते हैं-
JCB मशीन का सही नाम क्या है?
कंस्ट्रक्शन साइट्स पर अक्सर नजर आनेवाली पीले रंग की इन मशीनों पर बड़े-बड़े अक्षरों में JCB लिखा होता है और लोग इसे आमतौर पर JCB मशीन ही कहते हैं, लेकिन यह गलत है. क्योंकि जेसीबी तो एक कंपनी का नाम है. जैसे- टाटा, महिंद्रा, मारुति, ह्युंडई, बीएमडब्ल्यू इत्यादि. सवाल यह है कि अगर JCB इस मशीनी वाहन को बनानेवाली कंपनी का नाम है तो इसका असली नाम क्या है? गड्ढा करने, तोड़-फोड़ करने और जमीन समतल करने के काम में आनेवाली इस मशीन-नुमा वाहन का नाम बैकहो लोडर (Backhoe Loader) है.
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जेसीबी बैकहो लोडर मशीन आगे और पीछे, दोनों तरफ से काम करती है और इसे चलाने का तरीका भी अलग होता है. इसे स्टीयरिंग के बजाय लीवर्स के माध्यम से ऑपरेट किया जाता है. इसके ड्राइवर केबिन में एक तरफ स्टीयरिंग लगी होती है, जबकि दूसरी ओर क्रेन की तरह लीवर लगे होते हैं. इस मशीन में एक तरफ लोडर लगा होता है, जो बड़ा वाला हिस्सा होता है. इससे कोई सामान उठाया जाता है, जैसे कहीं काफी मिट्टी पड़ी है या कहीं मलबा जमा है, तो वहां लोडर का इस्तेमाल किया जाएगा. मशीन के दूसरे सिरे पर बैकहो लगा होता है. इसमें आमतौर पर बकेट लगा हुआ होता है, जो गड्ढे खोदने, मलबा या मिट्टी उठाने के काम में आता है. वहीं, कभी-कभी इसमें बकेट की जगह हाइड्रॉलिक हैमर भी लगा दिया जाता है, जो पत्थर या ढलाई जैसी सख्त चीजें तोड़ने के काम आता है.
JCB एक तरह का एडवांस्ड ट्रैक्टर
जेसीबी मशीन एक एडवांस्ड ट्रैक्टर का ही रूप है. इसके प्रमुख तौर पर तीन हिस्से होते हैं, जिसमें टैक्टर, बैकहो और लोडर शामिल हैं. मशीन के बीच में केबिन होता है और इसमें लगे पहियों के साथ ही स्टेबलाइजर लेग्स भी होते हैं, जो भारी काम करने के दौरान मशीन को स्थायित्व देते हैं. बैकहो लोडर के एक तरफ लोडर, तो दूसरी तरफ बैकहो से जुड़ा बकेट लगा होता है. इसे लीवर से ऑपरेट किया जाता है. जरूरत के अनुसार, इसमें अलग-अलग तरह के अटैचमेंट्स भी लगाये जाते हैं.
JCB का रंग पीला क्यों होता है?
जेसीबी मशीन का रंग पीला होता है. क्या आपने कभी यह सोचा है कि यह लाल, सफेद या किसी और रंग की क्यों नहीं होती? इसकी एक खास वजह है. दरअसल, पहले इसका रंग सफेद और लाल हुआ करता था. लेकिन जब कंस्ट्रक्शन साइट पर काम चलता था, तब यह मशीन दूर से दिखाई नहीं देती थी. रात में भी ये मशीनें नजर नहीं आती थीं. तब कंपनियों ने इसका रंग पीला कर दिया, ताकि रोशनी कम हो या ज्यादा, इन्हें दूर से देखा जा सके. पीले रंग की वजह से यह दूर से ही नजर आ जाती है और ऐसे में देखनेवालों को समझ में आ जाता है कि वहां कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा है. हालांकि, बाजार की डिमांड को देखते हुए यह कंपनी लाल और हरे रंग की भी मशीनें बनाने लगी है.
जेसीबी क्या है – मशीन या कंपनी?
JCB एक बहुराष्ट्रीय कंपनी है, जो बैकहो लोडर जैसे भारी उपकरण बनाने के लिए दुनियाभर में मशहूर है. भारत में जेसीबी मशीन का बहुत ज्यादा उपयोग किया जाता है. इस मशीन का उपयोग बड़े काम को आसान बनाने के लिए किया जाता है. चाहे वह सड़क निर्माण से जुड़ा हो या इमारतें तोड़ने से जुड़ा. JCB मशीन का मुख्य उपयोग खुदाई में सबसे ज्यादा किया जाता है. जेसीबी इंडिया की देश में 6 फैक्ट्री और एक डिजाइन सेंटर है. कंपनी की भारत में बनी मशीनों का निर्यात 110 से ज्यादा देशों में किया जाता है. जेसीबी के वन ग्लोबल क्वालिटी स्टैंडर्ड के अनुसार इनकी डिजाइनिंग और मैन्युफैक्चरिंग की जाती है. जेसीबी के कई तरह के प्रॉडक्ट्स होते हैं, जिसमें बैकहो लोडर (Backhoe Loaders), कॉम्पैक्टर (Compactors), एक्सकैवेटर (Excavators), मिनी एक्सकैवेटर (Mini Excavators), स्किड स्टीयर लोडर (Skid Steer Loaders) आदि शामिल हैं.
जेसीबी का क्या है इतिहास?
जेसीबी दुनिया सबसे बड़ी निर्माण उपकरण बनाने वाली कंपनियों में गिनी जाती है. इसकी स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 1945 में हुई थी. जेसीबी की स्थापना से जुड़ा एक रोचक तथ्य यह भी है कि इस कंपनी को विश्व में शांति स्थापित करने के लिए बनाये गए संयुक्त राष्ट्र से ठीक एक दिन पहले बनाया गया था. संयुक्त राष्ट्र की स्थापना 24 अक्टूबर, 1945 को हुई थी और जेसीबी कंपनी की स्थापना 23 अक्टूबर, 1945 को हुई थी. कंपनी का पूरा नाम जेसीबी एक्सकैवेटर्स लिमिटेड है. 150 से ज्यादा देशों में कारोबार करनेवाली जेसीबी कंपनी अपनी स्थापना के समय बिना किसी नाम के साथ बनी थी. नाम को लेकर चली तमाम चर्चाओं के बाद इस कंपनी के संस्थापक और मालिक जोसेफ सायरिल बैम्फोर्ड (Joseph Cyril Bamford) के नाम पर ही इसका नाम JCB रख दिया गया. जेसीबी शब्द को ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में भी जगह दी गई है, जिसका मतलब है एक ऐसी भारी मशीन, जो जमीन के निर्माण या खुदाई वगैरह के काम में आती है.
JCB पर जब सवार हुए ब्रिटिश पीएम
जेसीबी केवल एक कंपनी का नाम है, जो बुलडोजर और उससे जुड़ी दूसरी मशीनें बनाती है. जेसीबी कंपनी के बैकेहो लोडर को बुलडोजर के नाम से जाना जाता है. जेसीबी कंपनी लगभग 10 अलग कैटेगरीज में 60 से ज्यादा प्रॉडक्ट्स बनाती है, जिनमें से एक बुलडोजर है. इसके साथ ही, जेसीबी और भी कई तरह की मशीनों का उत्पादन करती है. बुलडोजर का इस्तेमाल आमतौर पर कंस्ट्रक्शन साइट्स पर मिट्टी या मलबा हटाने और बिल्डिंगों को ध्वस्त करने में किया जाता है. भारत में जेसीबी की JCB India नाम से छह फैक्ट्रियां हैं और भारत में बननेवाली मशीनें ही जेसीबी कंपनी के नाम से 110 से ज्यादा देशों में निर्यात होती हैं. पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात से एक तस्वीर वायरल हुई थी, जिसमें ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) वडोदरा में एक जेसीबी (JCB) यूनिट में बुलडोजर पर चढ़े हुए नजर आये थे. दरअसल, बुलडोजर बनाने वाली कंपनी जेसीबी ब्रिटेन की है और ब्रिटिश पीएम जेसीबी की फैक्ट्री का उद्घाटन करने के लिए गुजरात पहुंचे थे.