United States in search for volunteers who know how to code the decades-old computer programming language called COBOL : कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए अमेरिकी राज्यों को सिर्फ ज्यादा वेंटिलेटरों, फेस मास्कों और स्वास्थ्यकर्मियों की ही जरूरत नहीं है, बल्कि उन्हें लगभग पांच दशक या आधी सदी पुराने कंप्यूटर प्रोग्राम के जानकारों की भी सख्त जरूरत आन पड़ी है.
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कोविड-19 महामारी से उत्पन्न हालातों को देखते हुए अमेरिकी राज्य कब के बिसरा दिये गये कोबोल कंप्यूटर प्रोग्राम के प्रोग्रामरों की खोज कर रहे हैं. कोरोना से लड़ाई के बीच यह एक नयी चुनौती बनकर उभरा है.
कोबोल प्रोग्रामरों की हो रही खोज
सीएनएन में प्रकाशित एक खबर के मुताबिक अमेरिकी राज्य न्यू जर्सी के गवर्नर फिल मर्फी ने दशकों पुराने कोबोल प्रोग्राम को जाननेवाले लोगों को सामने आने और राज्य की मदद करने के लिए कहा है, क्योंकि राज्य का सरकारी सिस्टम अभी भी पुराने मेनफ्रेम पर काम करता है, जिनका निर्माण 40 साल पहले किया गया था. दरअसल अमेरिकी राज्यों के कई विभाग आज भी पुराने मेनफ्रेम पर काम करते हैं और उनका आधुनिकीकरण नहीं किया गया है. इनमें राज्यों के डिपार्टमेंट ऑफ लेबर सबसे प्रमुख हैं.
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बढ़ गई बेरोजगारों की संख्या
वास्तव में यह समस्या अमेरिका में कोविड-19 महामारी के कारण बढ़ी बेरोजगारी के कारण आयी है. अमेरिकी राज्य कनेक्टीकट में बेरोजगारी के बढ़ने से बहुत बड़ी संख्या में अमेरिकी बेरोजगारी का दावा कर रहे हैं, जिनका निपटारा कोबोल मेनफ्रेम पर चलनेवाले 40 साल पुराने सिस्टम पर करना मुश्किल हो रहा है. मिसाल के लिए न्यू जर्सी में पिछले दो हफ्तों में 362,000 लोगों ने बेरोजगारी का दावा किया है. 40 साल पुराने मेनफ्रेम पर इन दावों को निपटारा करना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है.
क्या है कोबोल
कोबोल का फुलफॉर्म है कॉमन बिजनेस ओरिएंटेड लैंग्वेज. नेशनल म्यूजियम ऑफ अमेरिकन हिस्ट्री के मुताबिक यह एक कंप्यूटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है, जिसका विकास 1959 में किया गया था. 60, 70 और 80 के दशक में विकसित बिजनेस सिस्टम का एक बड़ा प्रतिशत कोबोल प्रोग्राम पर तैयार किया गया था.
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बाजार में है कोबोल प्रोग्रामरों का अकाल
कोबोल प्रोग्राम का इस्तेमाल अब दुनिया में शायद ही कहीं हो रहा है. यहां तक कि कई अमेरिकी विश्वविद्यालयों के कंप्यूटर साइंस के पाठ्यक्रम में भी 1980 से कोबोल की पढ़ाई नहीं होती है. कोबोल प्रोग्रामरों की उम्र अन्य प्रोग्रामरों की औसत उम्र से काफी ज्यादा है और उनकी संख्या काफी कम है.
अमेरिका है कोबोल पर आश्रित
यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि अमेरिकी सिस्टम खासकर इसका वित्तीय सिस्टम आज भी कोबोल प्रोग्राम पर बुरी तरह आश्रित है. रॉयटर की 2017 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोबोल के 220 अरब लाइन आज भी सक्रिय हैं. बैंकिंग सिस्टम का 43 फीसदी कोबोल पर बना है और 95 फीसदी एटीम स्वाइप्स कोबोल प्रोग्राम पर काम करते हैं. गवर्नमेंट अकाउंटिबिलिटी ऑफिस की 2016 की एक रिपोर्ट के मुताबिक संघीय सरकार के भी डिपार्टमेंट ऑफ वेटेरन अफेयर्स, डिपार्टमेंट ऑफ सोशल सेक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेशन जैसे विभागों में कोबोल का इस्तेमाल हो रहा था.