Women’s day 2024: दुनिया के हर सफल व्यक्ति के पीछे किसी महिला का हाथ होता है, उसी तरह किसी सफल उत्पाद के पीछे उसे ईजाद करने वाले का हाथ होता है. ऑटोमोबाइल क्षेत्र की दो दिग्गज कंपनियां महिंद्रा एंड महिंद्रा और टोयोटा किर्लोस्कर मोटर को ऊंचाइयों तक पहुंचाने में भी दो महिलाओं की भूमिका अहम है. एक महिला ने महिंद्रा थार, एक्सयूवी 100, एक्सयूवी 300 और एक्सयूवी 500 जैसी एसयूवी कारों को डिजाइन करके नाम कमाया, तो दूसरी टोयोटा किर्लोस्कर की कमान संभाल रही हैं. इन दोनों महिलाओं का नाम रामकृपा अनंतन और मानसी किर्लोस्कर टाटा है. मानसी किर्लोस्कर टाटा भारत के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा के छोटे भाई की बहू हैं. आइए, इन दोनों के बारे में जानते हैं.
महिंद्रा थार के बारे में जानें
महिंद्रा थार भारत में सबसे अधिक पसंद की जाने वाली स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल्स (एसयूवी) में से एक है. सेकेंड जेनरेशन लॉन्च होने के बाद लाइफस्टाइल बनी महिंद्रा थार एसयूवी ने कई नई ऊंचाइयों को छुआ. फिलहाल, महिंद्रा थार की डिमांड काफी ऊंचाई पर पहुंच गई है. सबसे बड़ी बात यह है कि इस एसयूवी को खरीदने वाले लोगों को डिलीवरी के लिए लंबे अरसे तक इंतजार भी करना पड़ता है. हालांकि, शुरुआती दौर में महिंद्रा थार एसयूवी में कुछ कमियां थीं, जिसे सेकेंड जेनरेशन में दूर कर दिया गया है.
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महिंद्रा थार से रामकृपा अनंतन का रिश्ता
वैसे तो महिंद्रा थार की सफलता के पीछे कई नामी-गिरामी हस्तियों का हाथ है, लेकिन इसका पहला हक दिया जाना चाहिए, उसमें पहला नाम रामकृपा अनंतन का है. रामकृपा अनंतन ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की एक जानी-मानी हस्ती हैं. उन्होंने महिंद्रा को एसयूवी सेगमेंट में क्रांति लाने में मदद की. कृपा अनंतन इस समय इलेक्ट्रिक स्कूटर बनाने वाली स्टार्टअप कंपनी ओला इलेक्ट्रिक में डिजाइन हेड के तौर पर काम कर रही हैं. कृपा अनंतन जब महिंद्रा एंड महिंद्रा के साथ काम कर रही थीं, तो महिंद्रा थार के अलावा महिंद्रा मरोजो, महिंद्रा केयूवी100, एक्सयूवी300, टीयूवी300 एक्सयूवी500, एक्सयूवी700 और महिंद्रा स्कॉर्पियो को डिजाइन करने का श्रेय भी उन्हें ही जाता है.
रामकृपा अनंतन कौन हैं
वर्ष 1971 में जन्मी रामकृपा अनंतन ने आईआईटी बॉम्बे से मास्टर ऑफ डिजाइन प्रोग्राम की डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्हें महिंद्रा एंड महिंद्रा में नौकरी मिल गई. उन्होंने बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी की है. इसके बाद उन्होंने 1997 में महिंद्रा में इंटीरियर डिजाइनर के तौर पर अपने कैरियर की शुरुआत की. वर्ष 2005 में उन्हें महिंद्रा एंड महिंद्रा में डिजाइन हेड के तौर पर नियुक्त किया गया. इस पद पर रहते हुए उन्होंने महिंद्रा एक्सयूवी 500 नामक एसयूवी को डिजाइन किया. कृपा अनंतन ने उन्होंने 10 सालों तक डिजाइन डिपार्टमेंट हेड किया और बाद में उन्हें चीफ डिजाइनर के तौर पर प्रमोशन मिला. इसके बाद उन्होंने तीन कार महिंद्रा थार, एक्सयूवी 700 और स्कॉर्पियो के आइकॉनिक डिजाइनों को तैयार किया.
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मानसी टाटा से मिलिए
मानसी टाटा पिता विक्रम किर्लोस्कर के निधन से पहले टोयोटा किर्लोस्कर मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड के बोर्ड में शामिल थीं, लेकिन पिता के गुजर के बाद उन्हें इसका उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया. किर्लोस्कर का टोयोटा के साथ संयुक्त उद्यम है, जिसकी वजह से फॉर्च्यूनर और इनोवा जैसी कार भारत में लाई जा सकी. यह कंपनी भारत में टोयोटा का उत्पादन और उसकी बिक्री को संभालती है. भारत में इसकी कमान भी मानसी टाटा के पास है.
मानसी किर्लोस्कर का टाटा ग्रुप से क्या है संबंध
तकरीबन 33 साल मानसी किर्लोस्कर ने अमेरिका के रोड आइलैंड स्कूल ऑफ डिजाइन से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की. पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने पिता विक्रम किर्लोस्कर कंपनी में उनका हाथ बंटाना शुरू कर दिया. वर्ष 2019 में उनकी शादी टाटा ग्रुप के मानद चेयरमैन रतन टाटा के छोटे भाई नोएल टाटा के बेटे नेविल टाटा के साथ हुई. इस वजह से विक्रम किर्लोस्कर की बेटी मानसी का संबंध टाटा ग्रुप से जुड़ा और वे मानसी किर्लोस्कर से मानसी टाटा बन गईं. बताया जाता है कि टाटा परिवार की बहू होने के बावजूद मानसी बेहद सादगी भरा जीवन जीती हैं और मीडिया की नजर से जितना संभव हो सके दूर रहती हैं.
कौन हैं मानसी टाटा के ससुर
टाटा ग्रुप के मानद चेयरमैन रतन टाटा के छोटे भाई नोएल टाटा ट्रेंट लिमिटेड का नेतृत्व करते हैं. नोविल ने बेयस बिजनेस स्कूल से पढ़ाई की है. उनके पास रिटेल चेन ट्रेंट लिमिटेड में काम का अनुभव है. नोविल हाइपरलोकल फूड मैनेंजमेंट की जिम्मेदारी संभालते हैं. उनके पास टाटा की कंपनी वेस्टसाइड, स्टार बाजार और लैंडमार्क स्टोर्स जैसे ब्रांड को देखते हैं.
विक्रम किर्लोस्कर की बेटी हैं मानसी टाटा
विक्रम को भारत में टोयोटा कार कंपनी लाने का श्रेय जाता है. उन्होंने 1997 में टोयोटा के साथ साझेदारी की थी. इस जॉइंट वेंचर में करीब 11 फीसदी हिस्सेदारी किर्लोस्कर ग्रुप की है. विक्रम किर्लोस्कर के दादा एसएल किर्लोस्कर ने इस ग्रुप की नींव रखी थी. विक्रम के पास मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की थी. वह दुनिया के शीर्ष इंजीनियरिंग कॉलेज माने जाने वाले मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से पढ़ाई की थी.
भारत में किर्लोस्कर ग्रुप की कितनी कंपनियां
किर्लोस्कर ग्रुप की और भी कई कंपनियां हैं जिनमें से फ्लैगशिप कंपनी किर्लोस्कर ब्रदर्स है. विक्रम किर्लोस्कर का निधन 29 नवंबर 2022 को हुआ था. वह उस समय टोयोटा किर्लोस्कर मोटर्स के वाइस चेयरमैन थे जो अब उनकी बेटी मानसी टाटा हैं. इस ग्रुप की अन्य कंपनियों में किर्लोस्कर ब्रदर्स, किर्लोस्कर इंडस्ट्रीज लिमिटेड, किर्लोस्कर फेरम इंडस्ट्रीज लिमिटेड, किर्लोस्कर ऑयल इंजन लिमिटेड, किर्लोस्कर न्यूमेटिक कंपनी लिमिटेड, किर्लोस्कर इलेक्ट्रिक लिमिटेड, एनवायर और इलेक्ट्रोडाइन लिमिटेड आदि शामिल हैं.