25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कोरोना और उसके सबक

हिंदुस्तान में कोरोना के कारण 19 दिनों के लॉकडाउन का दूसरा चरण जारी है. दुनिया के 200 से ज्यादा देश इस महामारी के प्रकोप से भयाक्रांत हैं. एक तरफ संक्रमण का डर, वहीं दूसरी तरफ इससे पड़ रहा मानसिक और आर्थिक प्रभाव. ये नकारात्मक प्रभाव छोटे स्तर के नहीं हैं, बल्कि सुनामी की तरह हैं.

हिंदुस्तान में कोरोना के कारण 19 दिनों के लॉकडाउन का दूसरा चरण जारी है. दुनिया के 200 से ज्यादा देश इस महामारी के प्रकोप से भयाक्रांत हैं. एक तरफ संक्रमण का डर, वहीं दूसरी तरफ इससे पड़ रहा मानसिक और आर्थिक प्रभाव. ये नकारात्मक प्रभाव छोटे स्तर के नहीं हैं, बल्कि सुनामी की तरह हैं.

Also Read: मुश्किल हालात में तलाशें नये रास्ते

उथल-पुथल के इस दौर में आपके मन में भी कई तरह के विचार उमड़ रहे होंगे. मन के एक कोने में असुरक्षा का भाव होगा और आज तक जिस रास्ते पर चले हैं उसे लेकर पोस्टमार्टम भी कर रहे होंगे कि क्या हम जिस तरह से अब तक प्रोफेशनली चल रहे थे, वो ठीक था या उसमें कोई कमी रह गयी या फिर और प्रयास अलग तरीके से किया होता, तो शायद आज अपने को सभी दृष्टिकोण से बेहतर स्थिति में पाता.

हममें से अधिकतर को ऐसा लग रहा होगा कि उन्होंने अपनी जिंदगी का बहुत बड़ा हिस्सा कंफर्ट जोन में आने के बाद यथास्थिति रहने की प्रत्याशा में गुजार दिया या यूं कहें कि इंसान एक समय के बाद कंप्लेक्सिटी में भी आ जाता है.

ऐसा लगता है कि सब कुछ तो ठीक ही चल रहा है फिर क्यों ज्यादा उछल-कूद करना. कंफर्ट जोन में आने के बाद इंसान जूझने का माद्दा खो देता है. शायद इसी वजह से इंसान भविष्य में आने वाले चैलेंज से भी अपने आप को चाहे-अनचाहे अनभिज्ञ कर लेता है. यही वजह है जब उसे बड़ी चुनौती मिलती है वो अपने को घोर अंधकार में पाता है और वो लड़खड़ाने लगता है.

बड़े चैलेंज का स्याह पक्ष है, तो ये भी सच है कि कई लोग इस कठिन वक्त में न सिर्फ अपने को संभाल लेते हैं, बल्कि नया रास्ता तलाशने-बनाने की शुरुआत भी करते हैं.

जब हम नया करना चाहते हैं तो जगह तभी बन पाती है जब मार्केट में उथल-पुथल हो. जब लोग डरे सहमे हुए हैं और भविष्य को लेकर आशंकित हैं. ऐसे में कुछ लोग नया करने की कोशिश कर रहे हैं. बिखरी हुई कड़ियों को जोड़ने का काम कर रहे हैं.

ऑफिस की मीटिंग एवं स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई जूम और इस तरह के अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर शुरू हो गयी है. वैज्ञानिक कोरोना की वैक्सीन, दवाई इजाद करने में जुट गये हैं. इस तरह के बहुत सारे नये एवेन्यू शुरू हो रहे हैं. इंसान ने अपनी पूरी ताकत और ज्ञान इसमें लगा दिया है कि कैसे फिर से उठकर खड़ा हुआ जाये. अंत में दोस्तों अगर हमारा दावा है कि हम इंसान हैं, तो फिर हमें जिंदगी जीने का सलीका भी आना चाहिए.

अपनी प्रतिक्रिया भेजें – email- vijay@prabhatkhabar.in

फेसबुक से जुड़ें

टि्वटर से जुड़े

यूट्यूब पर आयें

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें