Bareilly News : उत्तर प्रदेश के बरेली में मौसम का तापमान 43 से 45 डिग्री सेल्सियस के बीच पहुंच गया है. जिसके चलते गर्मी से लोग बेहाल हैं. मगर, बिजली कटौती ने लोगों का दिन और रात का सुकून छीन लिया है. दिन से लेकर रात तक में बार-बार बिजली कटौती के कारण इनवर्टर की बैटरी और मोबाइल बैटरी तक डिस्चार्ज हो रही हैं. शहरी इलाकों में 8 से 10 और देहात में 10 से 15 घंटे बिजली कटौती की शिकायत उपभोक्ता कर रहे हैं. बिजली कटौती से परेशान लोग स्थानीय विद्युत उपकेंद्र से लेकर अफसरों के फोन पर दर्द बयां करना चाहते हैं, लेकिन इनके फोन भी नहीं उठ रहे हैं. जिसके चलते लोगों में बिजली को लेकर गुस्सा बढ़ने लगा है.
गर्मी बढ़ते ही बिजली कटौती भी बढ़ गई है, लेकिन इस बार बिजली कटौती से लोग काफी परेशान हैं. शहरी क्षेत्र में दिन में बार-बार कटौती हो रही है. यहां 4 से 5 घंटे तक की बिजली कटौती होने की लोग शिकायत कर रहे हैं, तो वहीं रात में भी यह कटौती 6 घंटे तक पहुंच गई है. देहात के उपभोक्ता गांवों में 10 से 15 घंटे की कटौती की बात कह रहे हैं. जिसके चलते गर्मी में लोग ना घर के बाहर बैठ पाते हैं, और न ही घर के अंदर. हालांकि बिजली विभाग की तरफ से 2 से 4 घंटे की कटौती की बात कही जा रही है.
मगर इसको उपभोक्ता सिर्फ जुबानी बता रहे हैं. हकीकत कुछ और ही है. जिसको बिजली उपभोक्ता भुगत रहे हैं. बिजली न आने के कारण पेयजल आपूर्ति भी ठप होती है. अधिकांश लोगों के घरों में पानी के स्मरसेबिल लगे हुए हैं, जो बिजली आपूर्ति होने के बाद ही संचालित होते हैं. मगर, बिजली न होने पर उपभोक्ता पानी को भी तरस रहे हैं. इन्वर्टर की बैट्री से लेकर मोबाइल की बैट्री तक डिस्चार्ज हो गई हैं.इससे गर्मी में बात करना भी मुश्किल हो गया है. हालांकि, बिजली कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों तक सिर्फ कोयला न होने के कारण बिजली आपूर्ति कटौती होने की बात कह रहे हैं.
मगर, यह जरूरत पड़ने पर उपभोक्ताओं के फोन नहीं उठाते. इसलिए भी उपभोक्ताओं में गुस्सा बढ़ रहा है. शहर के मिनी बाईपास, स्वालेनगर, जागृति नगर, आनंद विहार, सुभाषनगर, मढ़ीनाथ, पुराना शहर, पीर बहोड़ा और नैनीताल रोड समेत तमाम मोहल्लों में 8 से 10 घंटे की बिजली कटौती होने की शिकायतें मिल रही है, तो वही देहात में 10 से 15 घंटे तक की कटौती का दर्द लोग बयां कर रहे हैं.
शहर की सड़कों से लेकर मोहल्लों में लगी नगर निगम की लाइट रात में बिजली आपूर्ति न आने के कारण बंद रहती हैं.मगर, यह लाइट दिन की रोशनी में रोशन होती है. इन लाइटों को नगर निगम के कर्मचारियों को बंद करना होता है.मगर, यह दिन की रोशनी निकलने के बाद दोपहर तक जलती रहती हैं. इस मामले में लोगों ने नगर निगम में शिकायतें भी की. मगर,यह लाइट बंद नहीं होती. देश में कोयला संकट के बावजूद बिजली की ऐसी फिजूलखर्ची बंद नहीं हो पा रही है.मगर, इसका खामियाजा आम उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है.
रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद