बरेली: इंडियन रेलवे की जयनगर से अमृतसर स्टेशन लौटने वाली 14673 शहीद एक्सप्रेस में ड्यूटी के दौरान लखनऊ के चारबाग जीआरपी (राजकीय रेलवे पुलिस) के हेड कांस्टेबल (मुख्य आरक्षी) सुरजीत प्रताप सिंह की पिस्टल और 10 कारतूस चोरी हो गए. इससे जीआरपी में हड़कंप मच गया. हेड कांस्टेबल ने अपने साथी के साथ ट्रेन में पिस्टल और कारतूस की काफी तलाश की. मगर, वह नहीं मिले. इसके बाद एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है.
उत्तर रेलवे के लखनऊ चारबाग रेलवे स्टेशन पर स्थित जीआरपी थाने में तैनात मुख्य आरक्षी सुजीत प्रताप सिंह की शहीद एक्सप्रेस में लखनऊ से मुरादाबाद स्टेशन तक ड्यूटी थी. इस दौरान बरेली कैंट स्टेशन के पास पिस्टल चेक की, तो गायब थी. इस मामले में हेड कांस्टेबल ने बरेली जंक्शन जीआरपी थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई है.
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यूपी के सुल्तानपुर जनपद के कादीपुर थाना क्षेत्र निवासी हेड कांस्टेबल सुरजीत प्रताप सिंह, और सिपाही विनय कुमार सोनकर की ड्यूटी 21 सितंबर को 14673 शहीद एक्सप्रेस में लगी थी. ट्रेन में अधिक भीड़ का फायदा उठाकर किसी अज्ञात ने उनकी सरकारी पिस्टल, और 10 राउंड कारतूस उनके पिस्टल कवर से चोरी कर लिए.ट्रेन सुबह करीब 6.20 बजे बरेली कैंट स्टेशन पहुंची.इसके बाद उन्हें इस बात की जानकारी हुई.
सहकर्मी के साथ की तलाश
हेड कांस्टेबल ने अपने सिपाही के साथ पिस्टल को काफी तलाश किया.मगर, काफी तलाश के बाद भी नहीं मिली.बरेली जीआरपी थाने के इंस्पेक्टर अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि मुरादाबाद में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी.वहां से ट्रांसफर होकर मुकदमा आया है.इस मामले में जांच शुरू कर दी गई है.
पिछले दिनों ओडिशा संबलपुर थाने के इंस्पेक्टर शरूबाबू छत्रिया अपने दो कांस्टेबल दिलेश्वर प्रधान और मिनकेतन घरुआ के साथ चोरी के एक मामले की जांच के लिए रुहेलखंड के लखीमपुर खीरी आए थे. यहां से वह सारनाथ एक्सप्रेस में लौट रहे थे. उनका प्रयागराज से बिलासपुर तक रिजर्वेशन था. छत्रिया के साथ दोनों कांस्टेबल एसी-2 कोच में सवार थे. रात में खाना खाने के बाद इंस्पेक्टर ने अपनी पिस्टल, कारतूस, वर्दी और टोपी बैग में डाली.
इसके बाद बैग को सीट के नीचे रखा, फिर सो गए. सुबह जब नींद खुली. उनकी नजर सीट के नीचे पड़ी तो होश गुम हो गए. नीचे बैग नहीं था. इंस्पेक्टर ने अपने दोनों स्टाफ के साथ बोगी में ही तलाश करने की कोशिश की, लेकिन कुछ पता नहीं चला. उन्होंने भी जीआरपी थाने में रिपोर्ट लिखाई थी. बताया जाता है कि यह पिस्टल अब तक नहीं मिली है.
रिपोर्ट मुहम्मद साजिद, बरेली