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सपा में शिवपाल का 15 जनवरी के बाद बढ़ेगा कद, नए संगठन की घोषणा 2 फरवरी के बाद, जानें क्या है रणनीति…

जिला और महानगर संगठनों में 2 फरवरी के बाद बदलाव होगा. क्योंकि, उत्तर प्रदेश विधान परिषद (एमएलसी) की पांच सीटों पर चुनाव चल रहे हैं. चुनाव के दौरान संगठन के पदाधिकारी जिम्मेदारी संभालेंगे. ऐसे में संगठन में बदलाव ठीक नहीं रहेगा.

Bareilly: उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव टलने के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) संगठन को मजबूत करने में जुट गई है. मगर, खरमास के चलते संगठन की घोषणा नहीं हो रही है. बताया जाता है कि 14 जनवरी को खरमास खत्म होंगे. इसके बाद सबसे पहले पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव का कद बढ़ाने की तैयारी है.

काफी समय से चल रही चर्चा

शिवपाल सिंह यादव काफी समय से सपा प्रमुख से खफा चल रहे थे. वह प्रगतिशील समाजवादी पार्टी को मजबूत करने में जुटे थे. मगर, मैनपुरी लोकसभा उप चुनाव में डिंपल यादव, अपने पति एवं सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ शिवपाल सिंह यादव के घर पहुंचे थे. सपा संस्थापक एवं पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के 10 अक्टूबर 2022 को गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में इलाज के बाद खाली हुई मैनपुरी लोकसभा सीट के उपचुनाव में शिवपाल सिंह यादव ने काफी मेहनत की थी. इसके साथ ही उनकी मेहनत के बाद ही सांसद डिंपल यादव ने करीब 2.88 लाख मतों से जीत हासिल की थी.

संगठन में मिलेगा अहम पद

इस जीत में शिवपाल सिंह यादव की मुख्य भूमिका मानी जाती है. इसके साथ ही सांसद डिंपल यादव ने शिवपाल सिंह यादव को सम्मान देने का वादा किया था. खरमास के बाद यानी 15 जनवरी के बाद पूर्व कैबिनेट मंत्री को अहम जिम्मेदारी मिलने की उम्मीद है. उनको संगठन में बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी की जा रही है.

जिला-महानगर संगठनों में फिलहाल बदलाव नहीं

हालांकि जिला और महानगर संगठनों में 2 फरवरी के बाद बदलाव होगा. क्योंकि, उत्तर प्रदेश विधान परिषद (एमएलसी) की पांच सीटों पर चुनाव चल रहे हैं. चुनाव के दौरान संगठन के पदाधिकारी जिम्मेदारी संभालेंगे. ऐसे में संगठन में बदलाव ठीक नहीं रहेगा. सपा 2 एमएलसी सीट को जीतने की कोशिश में है. इसलिए प्रभारियों की भी घोषणा की गई है. बरेली में पूर्व मंत्री एवं बहेड़ी विधानसभा से विधायक अताउर रहमान को प्रभारी बनाकर भेजा गया है.

सपा संगठन 6 महीने से भंग

समाजवादी पार्टी का संगठन जून के अंतिम सप्ताह में भंग किया गया था. 1 जुलाई से समाजवादी पार्टी ने सदस्यता अभियान चलाया. इसके बाद अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में प्रदेश और राष्ट्रीय सम्मेलन हुए थे. इन सम्मेलनों में राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा हो गई थी. मगर, जिला और महानगर अध्यक्ष की घोषणा पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के चलते टल गई. उसके बाद नगर निकाय चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई. जिसके चलते नगर निकाय चुनाव के बाद संगठन बनाने का फैसला लिया गया था. मगर, अब नगर निकाय चुनाव भी जून तक टलने की उम्मीद जताई जा रही है. इसलिए नगर निकाय चुनाव और लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर मजबूत संगठन बनाने की कवायद शुरू हो गई है.

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संगठन में दलितों को भी मिलेगा सम्मान

समाजवादी पार्टी के संगठन में अल्पसंख्यक और पिछड़ों के साथ ही दलित समाज को भी सम्मान दिया जाएगा. क्योंकि, लखीमपुर खीरी से लेकर मैनपुरी तक उपचुनाव में दलित मतदाता सपा के साथ नजर आए हैं. इसलिए सपा डीएमवाई (दलित, मुस्लिम, यादव) फैक्टर के साथ संगठन को बनाएगी.

रिपोर्ट मुहम्मद साजिद, बरेली

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