Bareilly: उत्तर प्रदेश के बरेली में नगर निकाय चुनाव भाजपा और सपा के दिग्गजों की अग्नि परीक्षा है. यहां सपा के पूर्व सांसद, पूर्व मंत्री और विधायकों के साथ ही भाजपा के उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट, स्वतंत्र प्रभार, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद और 7 विधायकों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. बरेली नगर निगम के मेयर (महापौर) पद पर भाजपा का कब्जा है. यहां से उमेश गौतम मेयर हैं. उनको एक बार फिर भाजपा ने मौका दिया है. वहीं सपा ने दो बार के पूर्व मेयर डॉ. आईएस तोमर को समर्थन दिया है.
इन सबके बीच नगर निकाय चुनाव में सपा कार्यकर्ताओं को साइकिल के बजाय निर्दलीय प्रत्याशी डॉ.आईएस तोमर की जीप को दौड़ाने में काफी दिक्कत आ रही है. भाजपाई एक बार फिर कमल का फूल खिलाने की कोशिश में हैं. मगर, शहर में अचानक हुई बारिश के बाद जलभराव, सड़कों के गड्ढे और अवारा कुत्तों का बच्चों की जान लेने का मामला बड़ा मुद्दा बन रहा है.
बरेली में 4 नगर पालिका और 15 नगर पंचायत हैं. इसमें से दो नगर पालिका और 5 नगर पंचायतों पर भाजपा का कब्जा है. लेकिन, बाकी नगर निकाय में सपा, बसपा और निर्दलीयों ने जीत दर्ज की थी. मगर, इस बार भाजपा लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर अधिक से अधिक निकायों में जीत का परचम फहराने की कोशिश में है. जबकि सपा और बसपा को पुरानी जीत को बरकरार रखने की उम्मीद है. इस बार कांग्रेस भी जीत का खाता खोलने की कोशिश कर रही है. लेकिन, भाजपा ने 5 निकाय और 9 वार्ड में मुस्लिम कैंडिडेट उतारकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है.
Also Read: खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स का ‘लोगो’, शुभंकर, जर्सी और एंथम लॉन्च, सीएम योगी आदित्यनाथ बोले- बदल रही धारणा
उत्तर प्रदेश सरकार में बरेली की आंवला विधानसभा से विधायक धर्मपाल सिंह कैबिनेट मंत्री हैं. वहीं शहर विधानसभा के एमएलए डॉ. अरुण कुमार सक्सेना स्वतंत्र प्रभार मंत्री का दायित्व संभाल रहे हैं. बरेली लोकसभा के सांसद पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार, आंवला लोकसभा से सांसद धर्मेंद्र कश्यप, सात विधायक एक एमएलसी और जिला पंचायत अध्यक्ष के साथ संगठन के दिग्गज मेयर सीट से लेकर निकायों में जीत की कोशिश के लिए जुटे हैं. इन सभी का इम्तिहान है, तो वहीं सपा के पूर्व सांसद वीरपाल सिंह यादव, पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन, पूर्व मंत्री एवं विधायक अताउर्रहमान, पूर्व मंत्री एवं विधायक शहजिल इस्लाम, पूर्व मंत्री भगवत शरण गंगवार, पूर्व विधायक विजयपाल सिंह समेत कई पूर्व विधायक और संगठन पदाधिकारियों की इज्जत दांव पर लगी है.
नगर निकाय चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव 2024 है. भाजपा चुनाव की तैयारियों में जुट चुकी है. यह चुनाव अगले वर्ष है. मगर, नगर निकाय चुनाव की जीत और हार से लोकसभा चुनाव का भी टिकट तय होंगे.
नगर निकाय चुनाव में भाजपा और सपा के साथ गठबंधन दलों का भी प्रत्याशियों को समर्थन मिल रहा है. भाजपा प्रत्याशी उमेश गौतम के साथ अपना दल और निषाद पार्टी समेत कई दल हैं. वहीं सपा समर्थित उम्मीदवार डॉ.आईएस तोमर के साथ लोकदल और आजाद समाज पार्टी का संगठन है.
बरेली में कई बड़े नेता हैं. इनको नगर निकाय चुनाव में जिम्मेदारी दी गई है. मगर, प्रत्याशियों की जीत हार के बाद इनका भी वजूद तय होगा. अगर, यह कामयाब होते हैं, तो पार्टी में कद बढ़ना तय है. लेकिन, हारने के बाद सियासी नुकसान होने की उम्मीद भी जताई जा रही है.
सियासी दलों के नेता भितरघात भी कर रहे हैं. सबसे अधिक सपा में भितरघात का खेल चल रहा है. यहां नगर पालिका फरीदपुर से लेकर कई निकायों में सपाई भितरघात कर रहे हैं. इसका खामियाजा पार्टी प्रत्याशियों को उठाना पड़ रहा है.
विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद बसपा निकाय चुनाव के माध्यम से लोकसभा चुनाव की जीत की तैयारी में है. तो वहीं कांग्रेस अपना खाता खोलकर लोकसभा चुनाव में मजबूत दावेदारी पेश करने की कोशिश में है. इस बार नगर निगम से लेकर निकायों तक बड़ी संख्या में नेताओं ने कांग्रेस का टिकट लिया है. इनकी जीत से कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में लाभ मिलने की उम्मीद है.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली