UP Bypoll Result 2022: उत्तर प्रदेश की रामपुर और आजमगढ़ लोक सभा सीट के उपचुनाव में भाजपा की जीत का रिजल्ट भले ही 26 जून यानी रविवार को आया हो. मगर भाजपा की जीत की पटकथा 06 जून को ही लिख गई थी. सपा ने रामपुर -आजमगढ़ लोकसभा सीटों पर सर्वे कराया था. इसमें सपा को जीत की उम्मीद नहीं थी. इन दोनों सीट पर सत्ताधारी भाजपा की जीत तय थी. जिसके चलते सपा प्रमुख अखिलेश यादव और पूर्व कैबिनेट मंत्री मुहम्मद आजम खां अपनी-अपनी पत्नियों को चुनाव लड़ाने की हिम्मत नहीं जुटा पाएं.
आजम खान और अखिलेश यादव नामांकन के अंतिम दिन भाजपा को लगभग वाकओवर देने के अंदाज में बिल्कुल अप्रत्याशित प्रत्याशियों का नामांकन कराया. आजमगढ़ में बदायूं से दो बार सांसद रहने वाले धर्मेंद्र यादव को उतारा गया. उनके नाम की पहले कहीं चर्चा नहीं थी, तो वहीं रामपुर में सपा के नगर अध्यक्ष आसिम राजा को प्रत्याशी बनाया गया, जबकि आजमगढ़ से सपा प्रमुख की पत्नी पूर्व सांसद डिंपल यादव का नाम तय था. इसकी घोषणा सपा प्रमुख की पुत्री आदिति यादव के ट्विटर हैंडल से भी की गई थी. आदिति यादव ने राजसभा न भेजने के दौरान ट्विटर पर लिखा था कि मम्मी डिंपल यादव राजसभा नहीं, आजमगढ़ से लोकसभा चुनाव लड़ेंगी.
इसके साथ ही आजम खां भी अपनी पत्नी पूर्व सांसद तंजीम फातिमा को चुनाव लड़ाना चाहते थे, उन्होंने नामांकन पत्र भी मंगवा लिया था.मगर, उन्होंने छह जून को आसिम राजा का अंतिम दिन नामांकन दाखिल कराकर सबको चौका दिया था.सियासत के जानकारों ने उसी वक्त मान लिया था. यह दोनों ही सीट बीजेपी जीतेगी.क्योंकि, सपा भाजपा को वाकओवर देने के मूड में आ गई थी. हालांकि, सपा के नेताओं का कहना था, आजम खां 27 महीने बाद जेल से आएं हैं. अगर, वह परिवार से चुनाव लड़ाते हैं, तो और मुकदमें लिखे जाएंगे. इसलिए ही मजबूरी में घर के बाहर का प्रत्याशी उतारा था. रामपुर लोकसभा सीट आजम खां के इस्तीफे से खाली हुई थी, जबकि आजमगढ़ सपा प्रमुख अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी.
पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव बदायूं लोकसभा से तीन बार ( 2004,2009 और 2014) में सांसद चुने गए थे.वह 2019 में सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य की पुत्री भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य से मामूली वोटों से चुनाव हार गए थे.मगर,उन्हें अचानक आजमगढ़ चुनाव लड़ने भेजा गया, जबकि सिर्फ 20 महीने बाद लोकसभा चुनाव होना है. इससे साफ हो गया है कि अगली बार बदायूं लोकसभा सीट से सपा प्रमुख की पत्नी डिंपल यादव या फिर भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य सपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगी. क्योंकि, उनके पिता विधानसभा चुनाव में भाजपा से सपा में आ चुके हैं. भाजपा यहां से जिला पंचायत में नाम वापसी लेने वाले सिनोद शाक्य दीपू को लभगभ लोकसभा का प्रत्याशी बना चुकीं है. धर्मेंद्र यादव का बदायूं में विरोध भी है. इसलिए विधानसभा चुनाव में शहर सीट से लेकर तीन विधानसभा सीट पर सपा को हार मिली थी.
रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद