Uttar Pradesh News : कांग्रेस के पूर्व नेता एवं देश के जाने माने अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और मुहम्मद आजम खान की मुलाकात में एक पुल का काम किया. बुधवार को अखिलेश यादव सपा की तरफ से राज्यसभा के लिए नामांकन कराने वाले अधिवक्ता कपिल सिब्बल के साथ सर गंगाराम अस्पताल आजम खां को देखने पहुंचे. आजम खान के स्वास्थ्य की जानकारी ली. उन्होंने आजम खां के परिवार के साथ इलाज करने वाले डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ से भी बातचीत की.
सूत्रों की माने तो बंद कमरे में पहले आजम खान ने भाजपा सरकार की कार्रवाई और जौहर यूनिवर्सिटी के नुकसान के मामले में समाजवादी पार्टी के साथ ना खड़े होने पर नाराजगी जताई. उन्होंने सपा और यादव परिवार के लिए दी गई कुर्बानियों के साथ ही तमाम मुद्दों पर अपनी बात कही.
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27 महीने बाद सीतापुर जेल से छूटकर आने वाले आजम खान की सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से नराज होने की खबरें सामने आ रही थी. जेल से छूटने के बाद आजम खान अपने बेटे अब्दुल्लाह आजम के साथ विधानसभा पहुंचे थे. वहां उन्होंने शपथ ग्रहण की लेकिन बजट सत्र में शामिल नहीं हुए. वह सीधे लखनऊ स्थित अपने आवास पर गये थे.
आजम खान ने इस दौरान कई शुभचिंतकों से मुलाकात भी की थी. लेकिन उन्होंने अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी से दूरी बनाए रखी. दो दिन पहले अचानक आजम खान की तबियत बिगड़ गई थी. जिसके चलते उन्हें दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में इलाज को भर्ती कराया गया था. वहीं अखिलेश यादव ने बुधवार को आजम खान से मुलाकात की.
गौरतलब है कि वरिष्ठतम सपा नेता आजम खान के मीडिया प्रभारी ने अखिलेश यादव के खिलाफ बयानबाजी की थी. मीडिया प्रभारी ने अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी पर आजम खान की मदद न करने और मुसलमानों के मुद्दे पर चुप रहने का आरोप लगाया था.
यहां तक कि उन्होंने इशारों-इशारों में मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव पर तंज भी कसे थे. इसके बाद कई मुस्लिम नेताओं ने इसी मुद्दे पर सपा से इस्तीफा देने की घोषणा की थी. यही नहीं मुसलमानों के प्रति अखिलेश यादव के खराब रवैये को लेकर मुस्लिम नेता लगातार बयानबाजी कर रहे थे. हालांकि इनमें कोई बड़ा नाम शामिल नहीं था. आजम खां से मुलाकात के दौरान अखिलेश यादव ने अपनी मजबूरियां गिनाई. उन्होंने खुद को ही काफी मुश्किल से बचाने की बात दबीं जुबां से कही. इसके साथ ही भाजपा के जुल्म पर भी गुफ्तगू हुई.
रामपुर लोकसभा के उपचुनाव का नामांकन 07 जून से हैं. यहां 23 जून को मतदान और 26 को मतगणना होगी. जिसके चलते रामपुर के सपा प्रत्याशी को लेकर भी चर्चा की गई. इसमें भाजपा से आए पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, पूर्व मंत्री भगवत शरण गंगवार, मुरादाबाद और सहारनपुर के एक मुस्लिम नेता को चुनाव लड़ाने के नाम पर चर्चा हुई. लेकिन अंत में अखिलेश यादव ने आजम खां को परिवार से ही किसी को चुनाव लड़ाने की सलाह दी. इससे उनकी पत्नी एवं बड़े बेटे की बहू को चुनाव लड़ाने की ज्यादा संभावना जताई जा रही है.
अखिलेश यादव ने आजमगढ़ से लोकसभा सीट से अपनी पत्नी एवं पूर्व सांसद डिंपल यादव को प्रत्याशी बनाने के मामले में चर्चा की. आजम खान ने यादव समाज के भाजपा के नजदीक जाने को लेकर भी चर्चा की. बोले, उनका वोट खिसक रहा है. सपा का वोट लोकसभा 2019 के बाद विधानसभा चुनाव 2022 में भी खिसका है. लोकसभा 2024 में और भी अधिक नुकसान हो सकता है. भाजपा लगातर सेंधमारी कर रही है. अखिलेश यादव ने आजमगढ़ में डिंपल के समर्थन में सभाएं करने की बात कही. उनकी बात को रखते हुए आजम खान ने डिंपल के लिए वोट मांगने का आश्वासन दिया है.