बेतिया शहर के बानुछापर के महेंद्र कालोनी में शिक्षक के घर में करीब सात घंटे तक चले घटनाक्रम में यदि पुलिस पदाधिकारियों ने दिलेरी नहीं दिखायी होती और युवक को प्यास की ललक तथा एक हाथ से जख्मी नहीं होता तो कुछ अप्रिय घटना घट सकती थी. बतौर एसपी युवक का कहना है कि शिक्षक की लड़की जो दिल्ली में रहकर पढ़ाई करती है उससे प्यार करता है. इसी बीच लड़की की शादी किसी दूसरे लड़के से तय कर दी गयी है. जिससे नाराज होकर युवक ने इस कदम को उठाया था.
युवक के पास से बरामद सामान और उसकी गतिविधि भी इस बात की ओर इंगित कर रहे है कि वह काफी सोच समझ कर शिक्षक के घर पर पहुंचा था और पूरी तैयारी किया था. कारण कि उसके बैग से किसी का भी हाथ पैर बांधनेवाला रस्सी, मुंह पर साटने के लिए टेप, मोटी रस्सी की बरामदगी के साथ हीं उसके पास से बरामद पिस्तौल में जो कारतूस बरामद किये गये उसपर भी पांच में से चार गोली पर शिक्षक के परिजन एवं एक पर उसने स्वंय अपना नाम लिख रखा था.
शिक्षक के घर में घुसे पुलिस पदाधिकारियों को जब उसने बंधक बना लिया तो पुलिस पदाधिकारियों ने उसे अपने बातों में उलझाये रखा. इसी बीच सुबह से दोपहर तक एक हीं मकान में पड़े रहने के कारण उसे प्यास पर प्यास लग रही थी. इसी दौरान बोतल का पानी समाप्त हो गया. जब उसे फिर प्यास की जरुरत महसूस हुयी तो वह बेचैन हो उठा.
पुलिस पदाधिकारी ने स्वंय उसे ग्लास में पानी लाकर दिया. इसी दौरान जैसे हीं उसने अपने दाहिने हाथ में रखे पिस्तौल को बायें हाथ में रखा और पानी का ग्लास पीने के लिए उठाया. पुलिस पदाधिकारियों ने एकाएक झपटा मारकर उसे दबोच लिया और उसे अपने कब्जे में कर लिया.
युवक सतीश के बाये हाथ में बैंडेज बंधा था. जिससे लग रहा था कि वह जख्मी भी है. माना जा रहा है कि पुलिस पदाधिकारियों की दिलेरी, पानी की ललक और बांया हाथ का जख्मी होना उसे काबू में करने के लिए कारगर साबित हुआ.
गिरफ्तार सतीश खुद दारोगा का अभ्यर्थी रहा है. उसने दारोगा बहाली की प्रारंभिक परीक्षा भी उर्तीण कर ली है और उसने इस घटनाक्रम में पाच पांच दारोगा को अपने कब्जे में अकेले कर रखा था.
शिक्षक के घर पर बंधक बने पुलिस पदाधिकारियों एवं परिजनों को मुक्त कराने के लिए चले ऑपरेशन में पुलिस पदाधिकारी अलग अलग भूमिका में नजर आ रहे थे. जितना देर तक ऑपरेशन चला उतने देर तक प्रशिक्षु पुलिस उपाधीक्षक सद्दाम हुसैन मीडिया कर्मी बनकर युवक से बाहर से हीं रुक रुक कर बात करते रहे. हालांकि वह इनकी बातों का जबाब भी नहीं दे रहा था. कभी धमकी भी देता था.
सुबह में जब पुलिस पदाधिकारियों को जानकारी मिली कि शिक्षक के घर में तीन लोगों को बंधक बनाया गया है तो यह अंदाजा नहीं था कि अंदर कितने लोग है. पुलिस पदाधिकारी दरवाजे पर पहुंचे तो पहले दरवाजा खटखटाने पर अंदर से युवक ने जब पूछा कि कौन तो पुलिस पदाधिकारी ने अपने आप को दूधवाला कहकर दरवाजा खुलवाया. लेकिन युवक काफी शातिर निकला. उसने दूध देने के बहाने घूसे पुलिस पदाधिकारियों को भी अंदर के कमरे में बुला लिया और उन्हें भी अपने कब्जे में कर लिया.
बंधक बने शिक्षक परिवार के घर में चूल्हा में लगे गैस की पाइप को भी युवक ने निकाल दिया था और किचन से निकालकर अपने पास रख लिया था. रेगुलेटर ओर पाइप सिलिण्डर में ही मौजूद था. इसके साथ ही उसने लाइटर भी रख ली थी. वह यह दिखाना चाह रहा होगा कि यदि थोड़ी भी होशियारी दिखायी गयी तो गैस का रेगुलेटर ऑन कर वह आग के हवाले घर को कर देगा.
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सिरफिरे युवक ने बंधक बनाये लोगों के हत्या की पूरी प्लानिंग की थी. सभी को गन प्वाइंट पर ले रखा था. रसोई गैस के पाइप को भी निकाल घर को उड़ाने की प्लानिंग कर चुका था. बैग में रस्सी, पेट्रोल, एसिड अन्य सामान भी रखे थे. ऐसे में सात घंटे का समय हर पल मौत के खौफ में बीती. वह धमकी देता रहता था कि वह सभी की हत्या कर देगा. ऐसे में सभी खौफ और दहशत में थे. किसी को नहीं पता था कि कब क्या हो जाएगा.